1000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के शिकार हो चुके हैं क्रिप्टो निवेशक, जानिए कैसे?

नेहा दुबे | Updated:Jul 13, 2022, 10:21 PM IST

क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर धोखाधड़ी

क्रिप्टोकरेंसी में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है. वहीं कई लोग क्रिप्टो में ज्यादा पैसा कमाने के चक्कर में जालसाजी के शिकार हो गए हैं.

डीएनए हिंदी: क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) बहुत ही कम समय में निवेशकों का लोकप्रिय बन गया है. आज ज्यादातर लोग जल्दी अमीर बनने के लिए इसमें निवेश कर रहे हैं. हालांकि क्रिप्टो में जितना जोखिम है उतना ही इसमें फायदा भी है. बहुत ही कम समय में इसने अपने निवेशकों को अच्छा रिटर्न दिया है. वहीं Crypto की दुनिया में अगर लालच के चक्कर में पैसे डुबोने वालों को ढूंढने जायेंगे तो अनगिनत किस्से सुनने को मिलेंगे. किसी ने नकली क्रिप्टो करेंसी में लाखों गंवाये हैं तो किसी ने नकली एक्सचेंज में. यहां नहीं मन भरा तो किसी ने नकली Metaverse में वर्चुअल जमीन खरीद कर बेहतर मुनाफे के सपने में अपनी मेहनत की पूंजी गंवाई है.

क्रिप्टो रेगुलेटेड नहीं है

भारत में क्रिप्टो रेगुलेटेड (crypto regulated) नहीं है. इसमें निवेश काफी रिस्क भरा है. हालांकि मुनाफे कुछ चंद लोगों के मुनाफे की खबर सुनकर कुछ लोग लालच में आ जाते हैं और और मेहनत की कमाई गंवा देते हैं. क्रिप्टो के चक्कर में आकर पैसा गंवाने की सबसे खास वजह यह भी है कि लोगों को इसके बारे में कोई खास ज्ञान नहीं है. इसका फायदा उठाकर कई जालसाज लोगों को लाखों रुपये की चपत लगाते हैं. 

रूस और यूक्रेन की लड़ाई के बीच वैश्विक मंदी की आहट शुरू हो गई है, जिसका असर मार्केट पर भी देखने को मिल रहा है. मार्केट लगातार धराशायी हो रहा है. इसी का फायदा उठाकर जालसाज buy the dip का लालच देकर और भविष्य में बढ़िया मुनाफा का लालच देकर लोगों को क्रिप्टोएक्सचेंज का लिंक भेजते हैं. यह लिंक बिलकुल असली वेबसाइट के लिंक से मिलता-जुलता है. इस लिंक पर जैसे ही निवेशक क्लिक करके अपने वॉलेट से लिंक करेंगे उनका खाता तुरंत खाली हो जाएगा. कई बार तो धोखाधड़ी को अंजाम देने वाले लोग नकली क्रिप्टो या वर्चुअल लैंड भी बेचते हैं जिनका कोई अस्तित्व ही नहीं होता है.
 
हजार करोड़ रुपये का हुआ नुकसान 

Security firm CloudSEK की मानें तो अब तक भारत में लोगों ने अलग-अलग क्रिप्टो स्कैम में 1000 करोड़ रुपये तक गंवाये हैं. सबसे पहले जानते हैं कैसे निवेशकों को बनाया जाता है निशाना? Crypto या मेटा की दुनिया में लूटने की modus operandi कुछ ऐसी होती है. जालसाज नकली क्रिप्टो एक्सचेंज या नकली मेटावर्स की वेबसाइट बनाते हैं. सोशल मीडिया के जरिये संपर्क साधकर क्रिप्टो में शुरूआती ट्रेड के पैसे गिफ्ट के तौर पर देते हैं. जब शुरूआत में नकली एक्सचेंज में पैसा बनता दिखता है तो लालच के चक्कर में निवेशक अपनी ज्यादा रकम लगाता है. ठीक उसी वक्त ठग निवेशक के अकाउंट को फ्रिज करके सारी रकम लूट लेते हैं.

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