डीएनए हिंदी: IRCTC यानी इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन ने डेटा बेचने के प्लान वापस कर लिया है. दरअसल आईआरसीटीसी (IRCTC) ने बीते दिनों ऐलान किया था कि वह जल्द ही रेलवे यात्रियों और माल ढुलाई यात्रियों का डेटा बेचकर पैसे जुटाने की योजना बना रही है. इसपर काफी विवाद भी हुआ था. हालांकि अब यह योजना वापस ले ली गई है.
टेंडर का मकसद
आईआरसीटीसी ने टेंडर में बताया था कि उसका मकसद इस डेटा को बेचकर 1000 करोड़ रुपये की कमाई करना है. इस दौरान शुक्रवार को IRCTC ने इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मामलों की संसद की स्थाई समिति को इस बारे में बताया कि उसने यह टेंडर अब वापस ले लिया है. बता दें कि कांग्रेस सांसद शशि थरूर इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मामलों के संसद की स्थाई समिति के अध्यक्ष हैं.
एक ऑफिशियल बयान के अनुसार, "भारत सरकार ने पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल 2018 को वापस ले लिया है, जिसको देखते हुए आईआरसीटीसी ने 29 जुलाई को भारतीय रेल के डेटा बिक्री के कंसल्टेंट्स नियुक्त करने को जारी टेंडर वापस ले लिया है."
एक्सपर्ट्स ने IRCTC पर सवाल उठाए थे
डेटा बिक्री की योजना को सुनने के बाद कई एक्सपर्ट्स ने IRCTC के प्लान पर सवाल उठाए थे. एक्सपर्ट्स ने इसे यात्रियों की प्राइवेसी को रिस्क में डालने की बात कही थी. इसके बाद इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मामलों की संसद की स्थायी समिति ने इस मामले में सिक्योरिटी और प्राइवेसी के बारे में जानने के लिए IRCTC के अधिकारियों को 26 अगस्त को मीटिंग के लिए बुलाया था.
टेंडर में क्या था
IRCTC के टेंडर के मुताबिक रेलवे ऐसे कंसल्टेंट्स को नियुक्त करना चाहती थी जो यात्रियों के नाम, उम्र, मोबाइल नंबर, जेंडर, पता, ईमेल आईडी जैसे डेटा को मोनेटाइज करने के बारे में सजेशन दे सके. टेंडर में यह भी साफ किया गया था कि चुनी गई कंपनी को डेटा मोनेटाइजेशन स्ट्रेटजी को तैयार करने से लेकर इंप्लीमेंट करना होगा.
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