ITR Form-16: जानें क्या होता है फॉर्म-16 और कहां पड़ती है इसकी जरूरत, आईटीआर भरते वक्त देखें ये बातें

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jun 27, 2022, 01:20 PM IST

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अगर आपकी आमदनी नौकरी के जरिए है, तो फॉर्म-16 को अपनी इनकम का एक सर्टिफिकेट मान लीजिए. नौकरीपेशा लोगों को हर साल इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना होता है, इसमें फॉर्म-16 की जरूरत होती है.

डीएनए हिंदी: अगर आप नौकरी करते हैं, तो आपने निश्चित रूप से फॉर्म-16 के बारे में सुना होगा. हर साल आपकी कंपनी आपको फॉर्म-16 देती है. कहीं से लोन लेना हो, तो भी आपको फॉर्म-16 की जरूरत पड़ती है. जिंदगी की दौड़-भाग में हम फॉर्म-16 जहां चाहिए होता है, वहां दे तो देते हैं, लेकिन शायद ही पूरी तरह ये समझ पाते हैं कि आखिर फॉर्म-16 का पूरा मामला क्या है. चलिए आज जानते हैं फॉर्म-16 की पूरी कहानी.

फॉर्म-16 को ऐसे समझें

अगर आपकी आमदनी नौकरी के जरिए है, तो फॉर्म-16 को अपनी इनकम का एक सर्टिफिकेट मान लीजिए. नौकरीपेशा लोगों को हर साल इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना होता है, इसमें फॉर्म-16 की जरूरत होती है. इनकम टैक्स कानून के मुताबिक, आपकी कंपनी को आपको सैलरी देते वक्त उस वित्त वर्ष के लिए आपकी इनकम में से टीडीएस काटना होता है. ये टीडीएस आपकी कमाई और निवेश, बचत इत्यादि को कैलकुलेट करके काटा जाता है. फॉर्म-16 में इस सबकी जानकारी होती है.

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अगर आप अपना फॉर्म-16 ध्यान से देखें, तो उससे आपको पता चल जाता है कि किस चीज पर आपका कितना टैक्स काटा गया है. आपने कितनी सेविंग की है. जब आप इनकम टैक्स रिटर्न भरते हैं, तब फॉर्म-16 ही उस रिटर्न का मुख्य आधार बनता है. कंपनियां हर साल 31 मई या निश्चित तारीख पर कर्मचारियों को फॉर्म-16 जारी करती हैं.

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फॉर्म-16 के दो पार्ट

फॉर्म 16 दो भागों में होता है. एक पार्ट ए और पार्ट बी. पार्ट ए में कंपनी के नाम, पता, पैन नंबर और टीएएन नंबर के साथ कर्मचारी के पैन नंबर की जानकारी होती है. साथ ही इसमें ये भी दर्ज होता है कि उस कंपनी के साथ कर्मचारी कब से काम कर रहा है.  इसके अलावा इसमें ये जानकारी होती है कि कंपनी ने कर्मचारी से काटा गया टैक्स इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में जमा कराया है. पार्ट बी एक पूरा स्टेमेंट है जिसमें पेमेंट के बारे में पूरी जानकारी होती है. यह कर्मचारी के द्वारा हुई आय और उस पर टैक्स छूट या कटौती की जानकारी देता है. अगर आप नौकरी बदलते हैं, तो आपको अपनी पुरानी कंपनी से फॉर्म-16 लेना होता है. इसमें पार्ट-बी अहम होता है.

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कहां-कहां होती है जरूरत

 

-अगर आप लोन लेना चाहते हैं, तो आपको फॉर्म-16 की जरूरत होती है. बैंक फॉर्म-16 के आधार पर ही आपकी लोन की दावेदारी को पुख्ता करते हैं. फॉर्म-16 से उन्हें आपकी इनकम की नियमितता और बचत इत्यादि की पूरी जानकारी मिल जाती है.

-अगर आप इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते हैं, तब भी आपको फॉर्म-16 की जरूरत होती है.

-अक्सर वीजा एप्लाई करते वक्त भी फॉरेन एंबेसी फॉर्म-16 की मांग करती हैं, ताकि वे आपकी आर्थिक स्थिति को जांच सकें

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