RBI ने लिया बड़ा फैसला, जल्द UPI के जरिए प्री-अप्रूव्ड क्रेडिट लाइन की देगा अनुमति

Written By नेहा दुबे | Updated: Apr 06, 2023, 08:43 PM IST

RBI Policy

RBI Repo Rate: आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को कहा कि UPI के जरिए बैंकों में पूर्व-स्वीकृत क्रेडिट लाइनों की अनुमति दी जाएगी.

डीएनए हिंदी: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के जरिए बैंकों में ऑपरेशन क्रेडिट की पेशकश की अनुमति दे दी है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने गुरुवार को कहा कि यूपीआई के जरिए बैंकों में प्री-अप्रूव्ड क्रेडिट लाइनों की अनुमति दी जाएगी.

दास ने दो दिवसीय मौद्रिक नीति (एमपीसी) की बैठक के बाद कहा, “वर्तमान में, यूपीआई लेनदेन बैंकों में जमा खातों के बीच सक्षम होते हैं, कभी-कभी वॉलेट सहित प्री-पेड उपकरणों द्वारा मध्यस्थता की जाती है.अब जमा खातों के अलावा, बैंकों में पूर्व-स्वीकृत क्रेडिट लाइनों से / के लिए ट्रांसफर को सक्षम करके यूपीआई के दायरे का विस्तार करने का प्रस्ताव है."

आरबीआई गवर्नर दास ने कहा, "दूसरे शब्दों में, यूपीआई नेटवर्क बैंकों से क्रेडिट द्वारा वित्तपोषित भुगतान की सुविधा प्रदान करेगा."

आरबीआई गवर्नर के मुताबिक, UPI ने भारत में खुदरा भुगतान को बदल दिया है और समय-समय पर नए प्रोडक्ट्स और फीचर को विकसित करने के लिए इसकी मजबूती का लाभ उठाया गया है.

दास ने कहा कि हाल ही में RuPay क्रेडिट कार्ड को UPI से जोड़ने की अनुमति दी गई थी. यह जमा खातों के साथ यूपीआई को जोड़ने की मौजूदा सुविधा के अतिरिक्त था.

आरबीआई ने रेपो रेट को 6.5% पर अपरिवर्तित रखा

गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने प्रमुख बेंचमार्क ब्याज दर - रेपो दर - को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया है, ताकि कार्रवाई के लिए तत्परता से काम किया जा सके.

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को कहा कि MPC के छह सदस्यों में से पांच ने विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए मुद्रास्फीति को लक्ष्य के साथ संरेखित करने के लिए आवास की वापसी पर ध्यान केंद्रित करने के लिए मतदान किया है. केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने पिछली छह लगातार नीतियों में दर में वृद्धि के बाद विराम लेने का निर्णय लिया है.

इसलिए आरबीआई ने निर्णय लिया है कि स्थायी जमा सुविधा (SDF) 6.25 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रहेगी और सीमांत स्थायी सुविधा (MSF) और बैंक दरें 6.75 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रहेंगी.

शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने 3 अप्रैल, 5 अप्रैल और 6 अप्रैल को मुद्रास्फीति की जांच के लिए पिछले साल मई में शुरू हुई दरों में बढ़ोतरी के बीच अपनी तीन दिवसीय बैठक आयोजित की.

फरवरी की शुरुआत में आरबीआई की आखिरी एमपीसी बैठक में, उसने मुद्रास्फीति (Inflation) को प्रबंधित करने के लिए रेपो दर को 25 आधार अंकों से बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत करने का फैसला किया था. अब तक, आरबीआई ने मई 2022 से संचयी रूप से रेपो दर, वह दर जिस पर वह बैंकों को उधार देता है, को 250 आधार अंकों तक बढ़ा दिया है.

ब्याज दरें बढ़ाना एक मौद्रिक नीति साधन है जो आम तौर पर अर्थव्यवस्था में मांग को दबाने में मदद करता है जिससे मुद्रास्फीति की दर में गिरावट आती है.

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