डीएनए हिंदी: अगर आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो यह खबर आपके लिए है. दरअसल 1 जुलाई से डीमैट खातों की ट्रेडिंग को लेकर नियम बदल जाएंगे. SEBI ने डीमैट अकाउंट की ट्रेडिंग लागू करने के लिए ब्रोकरों को सिर्फ 30 जून तक का समय दिया है. अगर 1 जुलाई से अकाउंट बिना टैग वाले रहते हैं तो ऐसी स्थिति में इस एकाउंट्स से किसी भी तरह की नई खरीदारी नहीं की जा सकेगी. बहरहाल कॉर्पोरेट कार्रवाई के मुताबिक शेयरों को श्रेय मिलेगा. वहीं जिन शेयरहोल्डर्स के अकाउंट बिना टैग के रहेंगे वह भी अपने अकाउंट से शेयर की बिक्री नहीं कर सकेंगे. 1 जुलाई से लेकर 1 अगस्त तक की अपनी अनुपालन रिपोर्ट डिपॉजिटरी को जमा करनी होगी.
डीमैट अकाउंट को टैग करना होगा जरूरी
शेयर बाजार नियामक सेबी ने कहा कि स्टॉक ब्रोकरों के सभी डीमैट अकाउंट, जो बिना टैग किए हुए हैं उन्हें जून के आखिरी तक ठीक से टैग करने की जरुरत है. अगर कोई 1 जुलाई से बिना टैग किए हुए अकाउंट में प्रतिभूतियों को जमा करता है तो ऐसा करने की उसे अनुमति नहीं होगी. SEBI ने कहा कि कॉर्पोरेट कार्यों की वजह से क्रेडिट की परमिशन होगी.
डीमैट अकाउंट की टैगिंग
अगर आप यह सच रहे हैं कि बैंक और डीमैट खातों की टैगिंग क्यों जरूरी है? तो बता दें कि डीमैट अकाउंट की टैगिंग से बैंक/डीमैट खातों का रख-रखाव किया जा रहा है और ऐसे अकाउंट की स्टॉक एक्सचेंजों/डिपॉजिटरी को रिपोर्ट करना है. साथ ही SEBI ने बताया कि अगस्त से बिना टैग वाले किसी भी डीमैट खाते में स्टॉक्स के डेबिट की परमिशन नहीं होगी. वहीं स्टॉक ब्रोकरों को 1 अगस्त से ऐसे डीमैट अकाउंट को टैग करने के लिए स्टॉक एक्सचेंजों से परमिशन लेनी होगी. इसके बाद एक्सचेंजों अपनी आंतरिक नीति के मुताबिक 2 साल के लिए जुर्माना लगाने के बाद दो वर्किंग डेज के अंदर इस तरह की मंजूरी देनी होगी.
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