Asia Cup Final SL Vs Pak: टीम वर्क और जुझारू गेम... इन 5 कारणों से एशिया कप पर श्रीलंका का कब्जा

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Sep 12, 2022, 10:37 AM IST

Asia Cup Winner Sri Lanka

Asia Cup Winner: एशिया कप 2022 से पहले श्रीलंका को जीत का दावेदार नहीं माना जा रहा था. पहला मुकाबला हारने के बाद टीम ने जोरदार वापसी कर खिताब जीता है.

डीएनए हिंदी: एशिया कप 2022 के फाइनल में श्रीलंका ने पाकिस्तान (Asia Cup 2022 Winner Sri Lanka) को हराकर ट्रॉफी अपने नाम कर ली है. यह जीत कई मायनों में बहुत बड़ी है. 2014 के बाद यह पहला मौका है जब श्रीलंकाई टीम ने कोई बड़ा टूर्नामेंट जीता है. यह जीत ऐसे हालात में हुई है जब यह द्वीपीय देश अपनी आजादी के बाद सबसे बड़े आर्थिक संकट से गुजर रहा है. अगर इस जीत के कारणों का विश्लेषण करें तो यह वाकई टीम की जीत है. 

हार के बाद की जोरदार वापसी 
श्रीलंका के लिए यह जीत और टूर्नामेंट जीतना दोनों ही ऐतिहासिक है. इस टूर्नामेंट में पहला मैच हारने के बाद फाइनल तक टीम ने लगातार 5 जीत दर्ज की है. अफगानिस्तान से मिली हार के बाद टीम ने अपनी रणनीति बदली और हर मैच में वह नए तेवर और अलग ही अंदाज में खेलती दिखी. 2014 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है जब श्रीलंका ने लगातार 5 टी20 मैच जीते हैं. टीम की खासियत फील्डिंग के स्तर पर रही मुस्तैदी भी है. 

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फाइनल में भी डगमगाने के बाद संभली टीम 
फाइनल मुकाबले की बात की जाए तो यहां भी दासुन शनाका की टीम ने डगमगाने के बाद शानदार वापसी कर दिखा दिया कि क्रिकेट वाकई अनिश्चितताओं का खेल है. पहले बल्लेबाजी करते हुए श्रीलंका ने 6 विकेट पर 170 रन बनाए थे. बल्लेबाजों ने काफी खराब शुरुआत की थी. टीम 9वें ओवर तक 58 रन पर 5 विकेट गंवा चुकी थी. उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने भी इसे टीम वर्क का नतीजा बताया है.

इसके बाद भी टीम 170 रनों तक पहुंच गई और इसका श्रेय जाता है भानुका राजपक्षे को. उन्होंने हसरंगा के साथ 58 रनों की साझेदारी बनाई थी. हसरंगा ने 21 गेंदों पर 36 रनों की पारी खेली और राजपक्षे 45 गेदों पर 71 रन बनाकर नाबाद रहे. इन दोनों खिलाड़ियों ने अपनी टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया.

गेंदबाजी और फील्डिंग में दिखी चुस्ती 
अफगानिस्तान के साथ पहले मुकाबले में हार के बाद श्रीलंकाई टीम की गेंदबाजी और फील्डिंग की खासी आलोचना हुई थी. फाइनल में गेंदबाजों ने जहां अनुशासित बॉलिंग की वहीं फील्डिंग में भी टीम की मुस्तैदी देखने लायक थी. टीम का हर खिलाड़ी मैदान पर 100 फीसदी दे रहा था और रन हो या चौका बचाना या कैच लपकना अनुशासन और सतर्कता देखने लायक थी. 

इसकी तुलना में पाकिस्तानी गेंदबाजों की लय आखिरी ओवरों में बिगड़ गई थी तो फील्डिंग भी काफी खराब रही. पाकिस्तान का टॉप ऑर्डर और कप्तान बाबर आजम नहीं चले. मिडिल ऑर्डर की कमजोरी फाइनल में खुलकर सामने आ गई थी. 

स्पिनर वानिंदु हसरंगा रहे हीरो 
श्रीलंका के स्पिन-ऑलराउंडर वानिंदु हसरंगा को प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया है. आंकड़े बताते हैं कि ट्रॉफी जीतने में इस खिलाड़ी का कितना बड़ा योगदान रहा है. उन्होंने श्रीलंका के लिए सबसे ज्यादा 9 विकेट हासिल किए और फाइनल में तो वह जीत के नायक भी रहे हैं. 36 रनों की अहम पारी खेलकर उन्होंने टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया.

गेंद से भी हसरंगा ने इस मुकाबले में कमाल किया है. उन्होंने सिर्फ 27 रन देकर 3 विकेट अपने नाम किए. खास बात यह है कि यह लगातार चौथा टी20 मैच है जिसमें उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ 3 विकेट लिए थे. इस टीम के खिलाफ पांच मैचों में 14 विकेट ले चुके हैं.

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भानुका राजपक्षे ने धैर्य के साथ की बल्लेबाजी
फाइनल में श्रीलंका की जीत की बात की जाए तो प्लेयर ऑफ द मैच रहे भानुका राजपक्षे का जिक्र जरूरी है. बाएं हाथ के विस्फोटक बल्लेबाज ने फाइनल में ताबड़तोड़ 71 रनों की मैच विनिंग पारी खेली थी. उन्होंने 6 पारियों में कुल 191 रन बनाए और उनका औसत 47.75 और स्ट्राइक रेट 149 का रहा है. 

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