डीएनए हिंदी: टीम इंडिया और पाकिस्तान के मैच का इंतजार मुश्किल हो गया है. हर एक फैन इस मैच के छोटे बड़े अपडेट जानने के लिए इंटरनेट पर Ind vs Pak लिखकर सर्च कर रहा है और जब तक मैच नहीं हो रहा तब तक ज्यादातर लोग पुराने मैचों के वीडियो देखकर काम चला रहे हैं या फिर एक्सपर्ट्स की राय सुन रहे हैं. लेकिन हम आपके लिए भारत-पाकिस्तान मैच से पहले एक बड़े ही इंट्रेस्टिंग सवाल का जवाब लेकर आए हैं.
आपने कई बार देखा होगा कि जब भी भारत-पाकिस्तान के खिलाड़ी मैदान पर होते हैं तो किस तरह फील्ड पर गरमा-गरमी का माहौल हो जाता है और पता भी नहीं चलता कि कब जेंटलमेन्स गेम में गालियों की बारिश होने लगती है. लेकिन ऐसा क्यों होता है? खिलाड़ी एक दूसरे को इतनी गालियां क्यों देते हैं और क्यों वो एक दूसरे के बाप तक पहुंच जाते हैं. इन सभी सवालों के जवाब आपको आज मिलने वाले हैं. क्योंकि पूर्व धाकड़ बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने इस बारे में बड़ी गंभीरता से कुछ बातें कही हैं.
स्टार सपोर्ट्स ने सहवाग का वीडियो ट्विटर पर डाला है. जिसमें वो भारत-पाकिस्तान मैच से जुड़ी कुछ रोचक बातें कर रहे हैं. बातों-बातों में ही सहवाग ने गालियां देने और एक दूसरे बाप तक बात कैसे पहुंच जाती है, ये भी बोल डाला. इस वीडियो के शुरू होने पर सहवाग भारत-पाकिस्तान की राइवलरी यानी दुश्मनी पर बात कर रहे हैं. वो कहते हैं कि भारत-पाकिस्तान के बीच हमेशा से तगड़ी राइवलरी रही है. सभी को इनके मैच का इंतजार रहता है. फिर चाहे वो भारत के फैंस हों, पाकिस्तान के फैंस हो या पूरी दुनिया के फैंस हों. जिस तरह इंग्लैंड-ऑस्ट्रेलिया में टक्कर रहती है, वैसे ही भारत-पाक में राइवलरी रहती है.
क्यों निकलती हैं गालियां
सहवाग ने बताया कि भारत और पाकिस्तान दोनों की कॉमन लैंगवेज यानी आम भाषा हिंदी है. ऐसे में जब भी स्लेजिंग होती है या गालियां दी जाती हैं तो वो हिंदी में दी जाती हैं. उसका अलग ही लेवल होता है, जो हम लोग टीवी पर नहीं बता सकते. एक इंसीडेंट जो मैंने पहले भी कई बार बताया है. वो जरूर हुआ था कि जब हम लोग टेस्ट सीरीज खेल रहे थे, वहां पर मैंने पहला 300 बनाया था. उस मैच में शोएब अख्तर बाउंसर मार रहे थे और बहुत स्लेजिंग कर रहे थे कि हुक मार हुक मार... तो मैंने कहा था कि नॉन स्ट्राइकर एंड पर कोई खड़ा है, उसको बाउंसर मारो तो वो तेरे को हुक मार के दिखाएगा. तेंदुलकर जब स्ट्राइक पर आए तो उन्होंने हुक मार के दिखाया, बाउंसर पर सिक्स लगाया.
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सहवाग ने कहा कि ये मैंने स्लेजिंग तो नहीं पर मजाक के तौर पर कहा था कि बाप-बाप होता है और बेटा-बेटा होता था. तो बेटो संभलकर रहना चाहिए. तो कई बार स्लेजिंग ऐसी भी हो जाती है कि आप किसी को दुख पहुंचा देते हो मजाक-मजाक में. कई बार ये और भी सीरियस हो जाती है आप गालियां भी देने लग जाते हो जब बैट्समैन आउट नहीं होता, ताकि उसका फोकस खराब हो जाए.
सहवाग की इन बातों से ये तो साफ हो गया है कि कोई भी खिलाड़ी किसी को जानकर दुखी नहीं करना चाहता फिर चाहे वो भारत-पाकिस्तान के ही क्यों ना हो. लेकिन भारत-पाकिस्तान का मैच होता ही ऐसा है कि इसमें जज्बात पर काबू कम ही लोग रख पाते हैं.
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