डीएनए हिंदी: मीरपुर में जो शनिवार की रात को हुआ वह शायद ही आपने इससे पहले कभी देखा होगा. एक मेहमान टीम की कप्तान मैच प्रेजेंटेशन सेरेमनी में बोर्ड की पोल खोल रही थी, उन्हें आइना दिखा रही थी. उनके अंपायरिंग पर सवाल उठाए और फिर उनके रवैये के खिलाफ बोलीं. ये सब भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर (Harmanpreet Kaur) ने मैच के बाद प्रेजेंटेशन सेरेमनी किया. सोशल मीडिया पर तब से उनकी काफी तारीफ हो रही है. तीसरे वनडे में बांग्लादेशी अंपायर मोहम्मद कामरूज्जमान और तनवीर अहमद ने कई ऐसे फैसले लिए, जो सावलों के घेरे में रहे.
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दोनों टीमों ने 225 रन का समान स्कोर बनाया जिससे मुकाबला टाई रहा और सीरीज 1-1 से बराबर रही. जब मंधाना से अंपायरिंग के संबंध में सवाल पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया, ‘‘आपको क्या लगता है? ’’ उन्होंने कहा, ‘‘किसी भी मैच में कभी कभार होता है कि आप इस तरह की अंपायरिंग से खुश नहीं होते विशेषकर तब जब इस बार सीरीज में डीआरएस भी नहीं है.’’ मंधाना ने कहा, ‘‘हमें बेहतर अंपायरिंग के स्तर की उम्मीद थी. कुछ फैसलों में बेहतर अंपायरिंग का स्तर चाहिए था क्योंकि कुछ फैसलों में यह साफ दिख रहा था.‘‘ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे भरोसा है कि आईसीसी, बांग्लादेश बोर्ड और भारतीय बोर्ड निश्चित रूप से इस पर चर्चा करेगा, और शायद फिर मेजबान देश के अंपायर न रहने का नियम आ जाए, ताकि हम फिर इस तरह की चर्चा नहीं करें.
भारतीय महिला कप्तान हरमनप्रीत कौर ने कहा, ‘‘इस सीरीज से हमें बहुत कुछ सीखने को मिला. क्रिकेट के अलावा जिस तरह की अंपायरिंग हुई, उससे मैं आश्चर्यचकित हूं. मुझे लगता है बांग्लादेश के अगले दौरे पर हमें इस खराब अंपायरिंग जैसी चीजों के लिए तैयार होकर आना पड़ेगा. मैंने पहले बताया कि बेहद खराब अंपायरिंग से मैच का रुख बदल गया. हम अंपायरों द्वारा दिए गए कुछ फैसलों से वास्तव में निराश हैं.’’
बांग्लादेश की सलामी बल्लेबाज फरगाना हक के करियर के पहले शतक और भारत की हरलीन देओल के अर्धशतक के बावजूद तीसरा वनडे टाई रहा, जिससे दोनों देशों के बीच तीन मैचों की सीरीज 1-1 से बराबर रही. बांग्लादेश ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए चार विकेट पर 225 रन का चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा किया. इसके जवाब में भारतीय टीम 49.3 ओवर में 225 रन पर आउट हो गई. फरगाना हक ने 160 गेंदों पर 107 रन बनाए जिसमें सात चौके शामिल हैं. वह बांग्लादेश की तरफ से वनडे में शतक जड़ने वाली पहली महिला खिलाड़ी हैं. वह पारी की अंतिम गेंद पर आउट हुई. उन्होंने अपनी इस पारी के दौरान शमीमा सुलताना के साथ पहले विकेट के लिए 93 रन की साझेदारी की.
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हरलीन ने 108 गेंदों पर नौ चौकों की मदद से 77 रन बनाए जो उनके करियर का सर्वोच्च स्कोर है. उन्होंने स्मृति मंधाना के साथ तीसरे विकेट के लिए 107 रन की साझेदारी करके भारत को शुरुआती झटकों से उबारा. जेमिमा रोड्रिग्स 33 रन बनाकर नाबाद रही लेकिन दूसरे छोर से विकेट गिरने के कारण वह भारत को लक्ष्य तक नहीं पहुंचा पाई. भारत ने आखिरी छह विकेट 34 रन के अंदर गंवाए. बांग्लादेश ने पहला वनडे 40 रन से जीता था जो उसकी इस फॉर्मेट में भारत के खिलाफ पहली जीत थी.
भारत ने दूसरे वनडे में 108 रन से बड़ी जीत दर्ज करके शानदार वापसी की थी. भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही और उसने पांचवें ओवर तक सलामी बल्लेबाज शेफाली वर्मा और विकेटकीपर बल्लेबाज यास्तिका भाटिया के विकेट गंवा दिए जिससे टीम का स्कोर दो विकेट पर 32 रन हो गया. इसके बाद मंधाना और देओल ने लगभग 23 ओवर तक बांग्लादेश के गेंदबाजों को विकेट नहीं लेने दिया. मंधाना अपना 26वां अर्धशतक पूरा करने के बाद आउट हो गईं. कप्तान हरमनप्रीत कौर ने विश्वसनीय शुरुआत की लेकिन वह हरलीन का लंबा साथ नहीं दे पाई जिसकी की टीम को जरूरत थी.
हरमनप्रीत ने नाहिदा अख्तर की गेंद पर स्लिप में कैच दिया. भारतीय कप्तान हालांकि अंपायर के फैसले से संतुष्ट नहीं थी क्योंकि उन्हें लगा कि गेंद पैड से लगकर फील्डर के पास पहुंची थी. भारत में जब 38 ओवर में चार विकेट पर 173 रन बनाए थे तभी बारिश के कारण खेल रोकना पड़ा. उस समय बराबरी का स्कोर 151 रन था और इस तरह से भारत 22 रन आगे था. भारत ने इसके बाद पांच गेंद के अंदर हरलीन और दीप्ति शर्मा के विकेट गंवा दिए. ये दोनों ही तेजी से रन चुराने के प्रयास में रन आउट हुए जिससे भारतीय टीम मुश्किल में पड़ गई. विकेट गिरने का क्रम जारी रहा और अमनजोत कौर, स्नेह राणा और देविका वैद्य भी आउट हो गईं.
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