डीएनए हिंदी: विराट कोहली और महेंद्र सिंह धोनी के बीच आज बेहद मजबूत रिश्ता है. यह संबंध इतना गहरा है कि कोहली अक्सर धोनी को दोस्त और बड़े भाई जैसा बताते हैं. हालांकि एक वक्त ऐसा भी था जब पूर्व भारतीय कप्तान विराट को टीम में लेने के पक्ष में नहीं थे. पूर्व मुख्य चयनकर्ता दिलीप वेंगसरकर ने यह दावा कर सनसनी मचा दी थी. वेंगसरकर का तो यहां तक कहना है कि सीएसके के खिलाड़ी एस बद्रीनाथ की जगह पर विराट कोहली को टीम में लेने पर एन श्रीनिवासन इतने नाराज हो गए कि उन्हें मुख्य चयनकर्ता के पद से ही हटा दिया.
विराट कोहली की जगह पर एस बद्रीनाथ को टीम में चाहते थे धोनी
महेंद्र सिंह धोनी विराट कोहली को टीम इंडिया में शामिल करने के पक्ष में नहीं थे. हालांकि बाद में धोनी और विराट के बीच काफी मजबूत रिश्ता बन गया. यह दावा उस समय भारतीय टीम के चीफ सेलेक्टर रहे दिलीप वेंगसरकर ने किया था. वेंगसरकर ने कहा था कि 2008 अंडर-19 वर्ल्ड कप में विराट कहली के प्रदर्शन से वह कफी प्रभावित थे और उन्हें टीम में शामिल करना चाहते थे. उस वक्त भारतीय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष एन श्रीनिवासन कोहली को टीम में लेने के पक्ष में नहीं थे. दोनों ही कोहली की जगह पर तमिलनाडु के बल्लेबाज एस बद्रीनाथ को टीम में लेना चाहते थे. वेंगसरकर का तो यहां तक कहना है कि कोहली को टीम में लेने की वजह से उन्हें मुख्य चयनकर्ता के पद से हाथ धोना पड़ा था.
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एन श्रीनिवासन CSK के खिलाड़ी को मौका देना चाहते थे
दिलीप वेंगसरकर ने दावा किया था कि एन श्रीनिवासन और धोनी दोनों ही एस बद्रीनाथ को लेने के पक्ष में थे. सेलेक्शन पूरा होने के बाद श्रीनिवासन ने नाराजगी जताते हुए कहा था कि एस बद्रीनाथ 29 साल के हो गए हैं और उन्हें मौका नहीं मिला. इसके बाद उन्होंने शरद पवार से मुलाकात की और कुछ ही दिन बाद वेंगसरकर को मुख्य चयनकर्ता के पद से हटा दिया गया. कुछ दिन पहले भी 1983 वर्ल्ड कप विजेता टीम के सदस्य रहे वेंगसरकर ने मौजूदा चयन समिति पर नाराजगी जताते हुए कहा था कि खिलाड़ियों के चयन में कोई विजन नहीं दिखता है.
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