डीएनए हिंदी: शिखर धवन अपने लाडले जोरावर से 3 साल से नहीं मिल पाए हैं. उनका तलाक का केस चल रहा है और बेटा पत्नी आयशा के पास ऑस्ट्रेलिया में रहता है. आखिरी बार धवन और उनका परिवार जोरावर से 2020 में मिले थे. अब दिल्ली की एक अदालत ने आयशा मुखर्जी को कहा है कि वह बेटे को परिवार से मिलाने के लिए दिल्ली लेकर आएं. कोर्ट ने इस मामले में गब्बर की पत्नी को फटकार लगाई और कहा कि बच्चे पर सिर्फ उनका हक नहीं है. माता-पिता दोनों को मिलकर बच्चे की परवरिश करनी होगी.
आयशा मुखर्जी ने बच्चे को भारत लाने पर जताई थी आपत्ति
शिखर धवन के तलाक की कानूनी प्रक्रिया भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों जगहों पर चल रही है क्योंकि आयशा ऑस्ट्रेलिया की ही नागरिक हैं. पटियाला हाउस कोर्ट ने आयशा मुखर्जी को फटकार लगाते हुए कहा है कि बच्चे को पूरे परिवार, पिता और दादा-दादी से मिलाने के लिए दिल्ली लेकर आना चाहिए. आयशा ने परिवार से मिलाने पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि शिखर धवन ने इस बारे में अब तक अपनी पूरी फैमिली से चर्चा नहीं की है. अब कोर्ट ने बच्चे की छुट्टियों और धवन और उनके माता-पिता की मिलने की इच्छा को वाजिब मानते हुए यह आदेश दिया है.
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कोर्ट ने धवन की पत्नी के तर्कों को नहीं किया स्वीकार
पटियाला हाउस कोर्ट में शिखर धवन की पत्नी आयशा मुखर्जी ने जोरावर के भारत लौटने पर आपत्ति जताई थी. उन्होंने कहा था कि बेटा शिखर धवन के परिवार के सदस्यों के साथ सहज नहीं है और न ही परिचित है. कोर्ट ने इस तर्क को खारिज करते हुए कहा कि बच्चा अपने पिता के साथ सहज है. कोर्ट ने यह भी माना कि बच्चे पर माता-पिता दोनों का हक है. कोर्ट ने यह भी कहा कि परिवार के अंदर मुकदमेबाजी से माहौल खराब होगा और इसके लिए दोनों पक्ष जिम्मेदार हैं.
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