डीएनए हिंदी: लगभग 15 साल पहले सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, राहुल द्रविड, युवराज सिंह, सौरव गांगुली और हरभजन सिंह जैसे दिग्गजों के साथ टीम इंडिया कैरेबियन सरजमीं पर वनडे वर्ल्डकप खेलने गए. पहले ही मैच में उन्हें बांग्लादेश से हार का सामना करना पड़ा. दूसरे मैच में टीम इंडिया ने कमजोर बरमूडा को धो डाला लेकिन तीसरे और आखिरी ग्रुप के मुकाबले में श्रीलंका से हारने के बाद टीम इंडिया वर्ल्ड कप 2007 के पहले दौर से ही बाहर हो गई. फरवरी-मार में खेले गए वनडे वर्ल्डकप के बाद उसी साल क्रिकेट से सबसे छोटे फॉर्मेट का विश्वकप सितंबर में आयोजित किया जाना था. राहुल द्रविड, सौरव गांगुली और सचिन तेंदुलकर ने इस फॉर्मेट में न खेलने का फैसला किया और युवाओं को मौका देने के बात कही.
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टी20 वर्ल्डकप 2007 के लिए चुनी गई टीम में एमएस धोनी (26 साल), हरभजन सिंह (27 साल), दिनेश कार्तिक (22 साल), वीरेंद्र सहवाग (29 साल), इरफान पठान (23 साल), रॉबिन उथप्पा (22 साल), श्रीसंत (25 साल) और युवराज सिंह (26 साल) शामिल थे. इन खिलाड़ियों में धोनी उतने सीनियर नहीं थे लेकिन ज्यादा अनुभवहीन भी नहीं थे. टीम की कमान उन्हें सौंपी गई और इतिहास गवाह है कि उन्होंने क्या किया. सहवाग, हरभजन, युवराज और गौतम गंभीर जैसे खिलाड़ियों के रहते धोनी को कप्तान बनाने का फैसला आसान नहीं था. 15 साल बाद भी भारतीय टीम के सामने कुछ ऐसी स्थिति बन गई है. टीम इंडिया 2007 में 28 साल बाद कोई वर्ल्ड कप जीती थी. आज भारत को वर्ल्ड कप जीते 12 साल हो चुके हैं. ऐसे में क्यों न एक बार फिर किसी ऐसे खिलाड़ी को कप्तान बनाया जाए, जिसपर उम्मीदों का बोझ कम हो और अफलता का डर न हो.
इन खिलाड़ियों को देखा जा रहा था फ्यूचर कप्तान
2021 में जब टी20 वर्ल्डकप से भारतीय टीम पहले दौर से ही बाहर हो गई थी तो कुछ खिलाड़ी ऐसे थे जिन्हें फ्यूचर कप्तान के रूप में देखा जा रहा था. इसमें केएल राहुल, ऋषभ पंत, श्रेयस अय्यर और जसप्रीत बुमराह शामिल थे. ये चारों खिलाड़ी चोट की वजह से टीम इंडिया से बाहर चल रहे हैं और टी20 वर्ल्ड कप के बाद से क्रिकेट से सबसे छोटे फॉर्मेट की कमान हार्दिक पंड्या संभाल रहे हैं. पंड्या ने वैसे तो कुछ खास किया नहीं है और न ही अभी तक अपने दम पर एक भी मैच टीम इंडिया को जिताया है लेकिन आईपीएल में उनके पहली बार में खिताबी जीत के देखते हुए उन्हें टी20 का कप्तान बना दिया गया.
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हालांकि आईपीएल खिलाड़ियों को सुपर स्टार बनाता है तो वो यह भी दिखाता है कि खिलाड़ियों की असलियत क्या है. टाइटंस हो या मुंबई इंडियंस, इन टीमों के प्रदर्शन ने ये साबित किया है कि खिलाड़ियों ने टीम का चैंपियन बनाया न कि कप्तान ने. वहीं दूसरी ओर धोनी ने ये साबित किया है कि कप्तान अच्छा हो तो किसी भी टीम के साथ खिताब जीता जा सकता है. और इस सीजन तो उन्होंने ये साबित भी कर दिया. हालांकि धोनी बनना इतना आसान भी नहीं है. ऐसे में क्यों न जिस तरह, जिस उम्र में और जिस कंडिशन में धोनी को कप्तान बनाया गया था. उसी तरह शुभमन गिल को बनाया जाए. गिल 24 साल के होने वाले हैं. टीम इंडिया का फॉर्म किसी से छुपा नहीं है. ऐसे में टीम को एक युवा और बेधड़क कप्तान की जरूरत है.
शुभमन गिल हो सकते हैं सही विकल्प
शुभमन गिल का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है. वह इस साल भारत के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी भी हैं. गिल के कप्तान बनने से रोहित और विराट जैसे खिलाड़ियों पर से कुछ दबाव जरूर कम होगा. ये दोनों खिलाड़ी खुलकर अपनी बल्लेबाजी पर फोकस कर पाएंगे. गिल ने 16 टेस्ट की 30 पारियों में 33 की औसत से 921 रन बनाए हैं. 24 वनडे में गिल 1311 रन बना चुके हैं. उन्होंने 6 टी20 मैच भी खेले हैं और 40 की औसत से 202 रन ठोक दिए हैं. गिल आईपीएल में भी किसी टीम के कप्तान नहीं है. ऐसे में अगर गिल को कप्तान बनाया जाता है तो न ज्यादा हाइप होगी और न ही उनपर उम्मीदों को बोझ होगा.
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