डीएनए हिंदी: आईसीसी फाइनल में एक और नाकामी के बाद भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने कहा कि उनकी टीम को अक्टूबर नवंबर में भारत में होने वाले वनडे विश्व कप के लिये अलग तरीके से सोचकर रणनीति बनानी होगी. पिछले दस साल में आईसीसी टूर्नामेंटों में नॉकआउट चरण में पहुंचने के बावजूद खिताब नहीं जीत पाने का दुख भारतीय टीम को भी है. भारत ने आखिरी विश्व कप 12 साल पहले जीता था और इस बार भी भारत में हो रहे टूर्नामेंट में उम्मीदों का भारी दबाव रहेगा. रोहित ने कहा, "अक्टूबर में जब विश्व कप होगा तो हम अलग तरह से खेलने की कोशिश करेंगे. हम लोगों को आजादी देंगे और यह नहीं सोचेंगे कि कोई खास मैच जीतना है." उन्होंने कहा , "हम यह सोचते रहे हैं कि यह मैच महत्वपूर्ण है, यह टूर्नामेंट महत्वपूर्ण है और चीजें अनुकूल हो नहीं पा रही हैं. अब हमें अलग तरह से सोचना और रणनीति बनानी होगी.
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रोहित ने कहा कि टीम को भारत में विश्व कप के दौरान बनने वाली हाइप से निपटना होगा. उन्होंने कहा, "हमने लड़कों से खुलकर खेलने के लिये कहा है. यह सीधा संदेश है. टेस्ट क्रिकेट हो, टी20 या वनडे , हम दबाव में खेलना नहीं चाहते." उन्होंने कहा, "अगर आप देखें तो गिल और मैने जिस तरह दूसरी पारी में शुरूआत की थी, हमारा लक्ष्य उन पर दबाव बनाने का था. यही वजह है कि हमने दस ओवर में 60 रन बनाये थे. इस तरह की मानसिकता से खेलने पर हालांकि आउट होने के जोखिम भी रहते हैं." भारतीय कप्तान ने कहा, "इसके बाद लोग कहते हैं कि एकाग्रता भंग हो गई. ऐसा नहीं है. बात बस इतनी सी है कि हम अलग तरह से खेलना चाहते हैं. हमने इतने आईसीसी टूर्नामेंट खेले लेकिन जीत नहीं सके. हमारा प्रयास अलग तरह से खेलने का रहेगा."
इन बल्लेबाजों के फ्लॉप शो पर भड़के रोहित
डब्ल्यूटीसी सर्कल पूरा होने के बाद टीम में बदलाव की बातें होने लगेंगी. कई खिलाड़ी 30 पार हो चुके हैं और अगले सर्कल में कुछ कठिन फैसले लेने होंगे. अगले सर्कल के लिये टीम तैयार करने के बारे में पूछने पर रोहित ने कहा, "किसी भी टूर्नामेंट में आप यही सोचते हैं कि अच्छा कैसे कर सकेंगे. अभी यह मैच खत्म हुआ है और हमने अभी भविष्य के बारे में नहीं सोचा है. बातें होंगी लेकिन हमे देखना है कि क्या जरूरत है और टीम के लिये क्या सही है." रोहित, विराट कोहली, चेतेश्वर पुजारा और शुभमन गिल दोनों पारियों में नहीं चल सके. इस बारे में कप्तान ने कहा, "हम दो फाइनल खेल चुके हैं. उन्हें यह नहीं सिखाया जा सकता कि बल्लेबाजी कैसे करनी है. यह खुद को तैयार करने और रणनीति पर अमल करने की बात है. हमारे सीनियर बल्लेबाजों के अच्छे प्रदर्शन के दम पर हम पिछली बार यहां अच्छा कर सके थे."
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