Amitabh Bachchan Birthday: तारीख थी 3 जुलाई, साल था 2000 पहली बार कौन बनेगा करोड़ पति से सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने छोटे पर्दे पर एंट्री की थी. शो को फैंस का जबरदस्त प्यार मिला. और कहा यही जाता है कि इस शो ने बतौर एक्टर अमिताभ के करियर में एक नयी जान फूंकी. भारतीय सिनेमा के सुपर स्टार्स में से एक बच्चन कई फ्लॉप फिल्मों और अपने पहले प्रोडक्शन वेंचर अमिताभ बच्चन प्रोडक्शन लिमिटेड (एबीसीएल) के पतन के बाद अपने करियर के साथ संघर्ष कर रहे थे. एबीसीएल के पतन के बाद वे भारी कर्ज में डूब गए और दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गए थे. वहीं शो आने से पहले तक उनका पूरा फिल्मी करियर भी ठप्प पड़ गया था.
1999 तक अमिताभ की चार फ़िल्में लाल बादशाह, सूर्यवंशम, हिंदुस्तान की कसम और कोहराम रिलीज हुईं जो बैक टू बैक फ्लॉप हुईं. ये तमाम फ़िल्में क्यों नहीं चलीं इसकी एक बड़ी वजह ये भी रही कि वो अमिताभ जिसे दर्शक एंग्री यंग मैन समझते थे, अब ऐसे रोल कर रहा था, जिनमें उसे किसी बुजुर्ग या फिर अधेड़ की भूमिका करनी पड़ रही थी.
हालांकि 1998 में आई फिल्म मेजर साब के साथ ऐसा नहीं था. फिल्म हिट रही और इसमें जिस तरह का रोल अमिताभ का था उसे दर्शकों ने खूब पसंद किया. उनकी दूसरी रिलीज़, छोटे मिया बड़े मियां हिट थी लेकिन गोविंदा ने अपनी कॉमिक टाइमिंग के साथ फिल्म में बच्चन को पूरी तरह से पीछे छोड़ दिया था.
2000 तक अमिताभ को भली प्रकार इस बात का एहसास हो गया था कि उन्हें अपनी दिशा बदलनी होगी और दर्शकों के सामने अपनी नई छवि पेश करनी होगी. और तभी कौन बनेगा करोड़पति की शुरुआत हुई. यह एक ऐसा समय था जब तमाम बड़े स्टार्स सिनेमा के बड़े पर्दे को छोड़कर टेलीविज़न पर आने से हिचकिचाते थे. लेकिन क्योंकि अमिताभ के लिए खोने को कुछ था नहीं, उन्होंने न केवल ये चैलेंज स्वीकार किया बल्कि सफलता के कई नए मानक भी स्थापित किये.
ध्यान रहे कि 2021 में केबीसी के 1000वें एपिसोड में घटना का जिक्र करते हुए अमिताभ बहुत भावुक हुए थे. उन्होंने कहा था कि लोगों ने मुझे चेतावनी दी थी कि बड़े पर्दे से छोटे पर्दे पर जाने से मेरी छवि खराब होगी. अमिताभ के मुताबिक, मेरे हालात ऐसे थे कि मुझे उस समय फिल्मों में काम नहीं मिल रहा था. लेकिन शो के प्रीमियर के बाद मुझे जिस तरह की प्रतिक्रियाएं मिलीं, उससे मुझे विश्वास हो गया कि मेरे लिए दुनिया बदल गई है.'
इस लेख की शुरुआत में हमने साल 2000 का जिक्र किया था. तो बताते चलें कि ये साल अमिताभ के लिए एक कामयाब साल रहा. इसी साल अमिताभ की फिल्म मुहब्बतें रिलीज हुई औजर जनता ने उसे कैसा रेस्पॉन्स दिया इसपर हमें बहुत ज्यादा कुछ कहने बताने की जरूरत नहीं है.
जैसे उतार चढ़ाव अमिताभ की जिंदगी में रहे और जिस तरह तमाम जटिलताओं और चुनौतियों का सामना करते हुए अमिताभ आगे बढे ये कहना कहीं से गलत नहीं है कि किसी भी एक्टर के लिए स्टार से सुपर स्टार तक का सफर किसी भी मायने में आसान नहीं है.
आज जब 2024 में कौन बनेगा करोड़पति ने अपने 16 सीजन पूरे कर लिए अमिताभ भी 82 साल के हो गए हैं. दिलचस्प ये कि बच्चन की फ़िल्मोग्राफी लगातार लंबी होती जा रही है. अब भले ही वो मेन लीड में न आते हों मगर जिस तरह वो सपोर्टिंग रोल,में अपनी छाप छोड़ देते हैं फिल्मों के मेन लीड भी उनके आगे पानी मांगते हैं.
सपोर्टिंग रोल में अमिताभ का प्रभाव क्या या कैसा है? अगर सवाल कुछ यूं हो तो हम डायरेक्टर नाग अश्विन द्वारा निर्देशित बड़े बजट की डायस्टोपियन फैंटेसी कल्कि 2898 ए डी का रुख कर सकते हैं. इस फिल्म में अमिताभ अश्वत्थामा की भूमिका में नजर आए. भले ही इस फिल्म में साउथ सुपरस्टार प्रभास मेन लीड रहे हों लेकिन ये अमिताभ ही थे जिन्होंने सारी लाइम लाइट बटोरी.
चाहे वो डायलॉग डिलीवरी रही हो या फिर एक्शन्स कल्कि 2898 ए डी देखते हुए यही महसूस हुआ कि क्या एक आदमी 82 साल की उम्र में ऐसा जलवा बिखेर सकता है? हम यही कहेंगे कि बिलकुल बिखेर सकता है बशर्ते वो इंसान अमिताभ बच्चन हो.
सिल्वर स्क्रीन पर पांच दशक से भी ज़्यादा समय तक राज करने वाले अमिताभ को देखें तो मिलता हैं कि वो देश के उन चुनिंदा एक्टर्स में से एक हैं जिन्होंने अपनी एक्टिंग के अलावा अपने खास अंदाज से लोगों के दिलों में जगह बनाई है.
बहरहाल, इस बात में भी कोई शक नहीं है कि अमिताभ बच्चन बॉलीवुड में एक बहुत बड़ी हस्ती हैं. उनकी बेहतरीन फिल्मों ने इंडस्ट्री को उन पर गर्व करने के कई कारण दिए हैं.
आज उम्र के इस पड़ाव में भी अमिताभ कैमरे के सामने पहले की तरह ही जुनून और पेशेवर अंदाज़ में काम करते हैं और यही चीज उन्हें बाकी के एक्टर्स से अलग करती है.
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