गुटखे पर Anil Kapoor ने Bollywood को बड़ी सीख दी है, कोई मानें या नहीं? फैसला Personal है

Written By बिलाल एम जाफ़री | Updated: Oct 28, 2024, 08:49 PM IST

वर्तमान समय में बॉलीवुड से जुड़े तमाम एक्टर्स ऐसे हैं, जो पान मसाला या फिर गुटखे का प्रचार करते नजर आ रहे हैं. इन एक्टर्स को इससे कोई मतलब नहीं है कि इसका समाज पर क्या असर पड़ेगा. ऐसे में जो फैसला अनिल कपूर ने लिया है वो इसलिए भी ऐतिहासिक है क्योंकि उन्होंने बॉलीवुड को बता दिया है कि एक जिम्मेदार नागरिक कैसा होता है.

देश जब भारत हो, Effective Marketing Strategy क्या होगी? जवाब हो सकता है Celebrity endorsements. जी हां सही सुना आपने. भारत जैसे देश में लोग खेल और उसमें भी क्रिकेट के बाद यदि किसी चीज के प्रति दीवानगी रखते हैं तो वो सिनेमा है. कंपनियां जानती हैं कि विज्ञापन में किसी फिल्म स्टार को लाने भर की देर है जनता प्रोडक्ट को हाथों हाथ लेगी. ध्यान रहे पूर्व में कई मौके ऐसे आए हैं जब बॉलीवुड सितारों और स्पोर्ट्स पर्सन्स द्वारा पेन से लेकर अंडरवियर और ज्वेलरी से लेकर कार, घर, पान मसाला और शराब तक के उत्पादों का प्रोमोशन किया है. जिसके एवज में उनकी तारीफ से लेकर आलोचना तक सब हुई है.

लेकिन क्या हर बार सेलिब्रिटी विज्ञापन करने के लिए तैयार हो जाते हैं? ज्यादातर मामलों में इस सवाल का जवाब हां है. कुछ एक मामले ऐसे भी देखे गए हैं जब किसी सेलिब्रिटी ने 'समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी' का हवाला देते हुए किसी विज्ञापन को करने से मना कर दिया हो.

हाल फ़िलहाल में एक्टर अनिल कपूर का मामला कुछ ऐसा ही है. जिन्होंने विज्ञापन के जरिये पान मसाले का प्रमोशन करने से मना कर दिया और उसके बदले मिलने वाले करोड़ों रुपयों को लात मार दी.बॉलीवुड एक्टर अनिल कपूर द्वारा पान मसाला विज्ञापन के लिए ₹10 करोड़ के प्रस्ताव को ठुकराने की हालिया रिपोर्ट ने मेन स्ट्रीम मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक सबका ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया है.

और यही शायद इसलिए भी हुआ है क्योंकि अनिल ने अपने दर्शकों के प्रति 'जिम्मेदारी' की भावना का हवाला दिया है. ज्ञात हो कि चाहे वो पुलेला गोपीचंद और अल्लू अर्जुन हों. या फिर कार्तिक आर्यन और साउथ सुपर स्टार यश. ये लोग भी पूर्व में गुटखे और पान मसाले के विज्ञापन के लिए मना कर चुके हैं.

हालांकि किसी भी सफल ब्रांड-सेलिब्रिटी सहयोग के लिए व्यक्तिगत विश्वसनीयता महत्वपूर्ण है, लेकिन सभी सेलिब्रिटी अपनी 'विश्वसनीयता' या 'जिम्मेदारी' के प्रति सचेत नहीं दिखते. लेकिन अब जबकि अनिल कपूर ऐसा कर चुके हैं. तो उनकी तारीफ इसलिए भी होनी चाहिए, क्योंकि जो उन्होंने किया. वो आसान नहीं है.  ऐसा इसलिए क्योंकि इंडस्ट्री के ज्यादातर एक्टर किसी और चीज के मुकाबले हमेशा ही पैसों को तरजीह देते हैं. 

बहरहाल जिक्र विज्ञापनों का हुआ है. तो ये बता देना भी बहुत जरूरी है कि हालिया दिनों में भारतीय विज्ञापन उद्योग में जबरदस्त वृद्धि देखने को मिली है. ये वृद्धि कैसी है? इसे समझने के लिए हम मैग्ना ग्लोबल एड फोरकास्ट रिपोर्ट का अवलोकन कर सकते हैं. रिपोर्ट के अनुसार, इसके (भारतीय विज्ञापन उद्योग के) 2023 में ₹1.1 ट्रिलियन से बढ़कर 2024 में ₹1.2 ट्रिलियन तक पहुंचने का अनुमान है, जिसमें सेलिब्रिटी एंडोर्सर्स इस बाजार का लगभग 2-3% हिस्सा हैं.

स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में अच्छी तरह से प्रलेखित होने के बावजूद, पान मसाला बाजार का विस्तार जारी है, जो विज्ञापन उद्योग में ₹12 बिलियन (₹1,200 करोड़) से अधिक का योगदान देता है. पिच मैडिसन एडवरटाइजिंग रिपोर्ट 2024 से संकेत मिलता है कि पान-मसाला ब्रांड टीवी विज्ञापनों पर हावी हैं, जिसमें विमल इलायची के पास पान-मसाला ऐड स्पेस का 35% हिस्सा है.

ऐतिहासिक रूप से, पान मसाला उद्योग ने विज्ञापनों का उपयोग करके इन उत्पादों के साथ उनकी सफलता को जोड़ा है और सेलिब्रिटी आकर्षण का फायदा उठाया है. यह प्रवृत्ति विशेष रूप से आईपीएल और टी20 विश्व कप जैसे प्रमुख आयोजनों के दौरान स्पष्ट होती है, जहां पान-मसाला ब्रांड एयरटाइम पर हावी होते हैं.

गौरतलब है कि पूर्व में हम अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान, अक्षय कुमार, अजय देवगन, रणवीर सिंह, ऋतिक रोशन, सैफ अली खान और अनुष्का शर्मा जैसे हाई-प्रोफाइल एक्टर्स को पान मसाला ब्रांड्स को प्रमोट करते देख सकते हैं. ऐसा बिलकुल नहीं है कि दर्शकों या ये कहें कि फैंस को स्टार्स की एड अदा अच्छी लगती है.

2021 में, अमिताभ बच्चन और रणवीर सिंह ने एक पान मसाला ब्रांड के 'सिल्वर-कोटेड इलायची' का विज्ञापन किया. एक साल बाद, अक्षय कुमार को लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा और उन्हें पान मसाला ब्रांड का विज्ञापन करने के लिए माफ़ी मांगनी पड़ी. इसके बाद उन्होंने खुद को इससे अलग कर लिया.

यह चिंताजनक है कि कैसे हानिकारक उत्पादों को सेलिब्रिटी विज्ञापन मिलना जारी है, जबकि ऐसी प्रथाएं अवैध हैं.यह स्थिति 'सरोगेट विज्ञापन' के प्रचलन को उजागर करती है. खैर बात अनिल कपूर की हुई है तो इतना तो साफ़ है कि अपनी करनी से उन्होंने एक बहुत बड़ी लकीर खींच दी है.

अनिल के इस एक्शन को बॉलीवुड किस तरह से देखता है? साथ ही उनके इस अंदाज से अन्य लोग प्रेरणा लेते हैं या नहीं इसका जवाब हमें वक़्त देगा।  मगर जो वर्तमान है उसे देखकर इतना तो साफ़ है कि भले ही बॉलीवुड न बदल रहा हो मगर इंडस्ट्री में कुछ अनिल जैसे एक्टर्स हैं जो अपन गिलहरी प्रयासों से इंडस्ट्री और उसके स्वरूप को बदलने की भरसक कोशिशें कर रहे हैं. 

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