डीएनए हिंदी: Madhya Pradesh News- मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के सतपुड़ा भवन में सोमवार शाम लगी आग मंगलवार को भी धधकती रही. इस आग में मध्य प्रदेश सरकार की 12,000 से ज्यादा अहम फाइलों और 25 लाख रुपये से ज्यादा कीमत का फर्नीचर जलकर खाक हो जाने की सूचना सामने आई है. मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Assembly Election 2023) से महज कुछ महीने पहले लगी इस आग को विपक्षी दल कांग्रेस ने घोटालों के सबूत मिटाने की साजिश बताया है. हालांकि शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने कहा है कि आग में कोई भी संवेदनशील फाइल नष्ट नहीं हुई है. इसके बावजूद माना जा रहा है कि ये आग भाजपा के लिए परेशानियां खड़ी कर सकती है, क्योंकि सतपुड़ा भवन में विधानसभा चुनाव से पहले आग लगना परंपरा सा बन गया है. इससे आम जनता की नजर में यह आग संदेहास्पद बन सकती है.
कैसे शुरू हुई आग और क्या माना जा रहा कारण
प्राथमिक जांच के मुताबिक, सोमवार शाम 4 बजे सतपुड़ा भवन की तीसरी मंजिल पर आग की शुरुआत हुई. आग लगने का कारण इस फ्लोर पर आदिवासी कल्याण विभाग के रीजनल ऑफिस की एक एसी यूनिट में हुए शॉर्ट सर्किट को माना जा रहा है. पूरी बिल्डिंग में कागजों से भरी फाइलों के ढेर होने के कारण आग तेजी से अन्य फ्लोर पर भी फैल गई. स्थानीय फायर ब्रिगेड के अलावा मुख्यमंत्री ने बाद में सेना से भी आग बुझाने में मदद मांगी. सोमवार देर रात करीब 12 बजे तक आग को काबू कर लिया गया. इस दौरान तीसरे फ्लोर के अलावा चौथा, पांचवां और छठा फ्लोर भी पूरी तरह जल चुका था. मंगलवार सुबह एक बार फिर एक फ्लोर पर आग भड़क गई, लेकिन उसे जल्दी ही काबू कर लिया गया.
अब जान लीजिए सतपुड़ा भवन की है कितनी अहमियत
भोपाल के पॉश अरेरा इलाके में मौजूद छह मंजिला सतपुड़ा भवन में कई अहम सरकारी विभागों के ऑफिस हैं. इनमें स्वास्थ्य विभाग, उच्च शिक्षा विभाग के साथ ही ईओडब्ल्यू, सीएम मॉनिटरिंग केस, जन शिकायत, आदिवासी कल्याण विभाग की टीएडीपी शाखा, वन विभाग, परिवार कल्याण विभाग आदि शामिल हैं. स्वास्थ्य विभाग का पूरा रिकॉर्ड रूम यहीं बताया जा रहा है, जिसमें कोविड काल में अस्पतालों को किए गए भुगतानों से लेकर अन्य खर्च और शिकायतों आदि का रिकॉर्ड शामिल है. ईओडब्ल्यू ही व्यापमं घोटाले की जांच कर रही है. इस कारण मध्य प्रदेश ही नहीं देश के कई राज्यों को हिला देने वाले इस घोटाले से जुड़ी जांच फाइलें भी इसी बिल्डिंग में थीं. माना जा रहा है कि ये सब आग की चपेट में नष्ट हो गई हैं.
कांग्रेस क्यों उठा रही है सवाल?
कांग्रेस ने आग की आड़ में भ्रष्टाचार पर पर्दा डाले जाने का आरोप लगाया है. पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कहा, ये भ्रष्टाचार का एक और उदाहरण है. ये आग लगी है या लगाई गई? किस प्रकार से 12000 फाइल जल गई, इसका क्या लक्ष्य था? ये एक बहुत बड़ा भ्रष्टाचार का मामला है. इसमें स्वतंत्र एजेंसी द्वारा पूरी जांच होनी चाहिए.
क्यों संदेह की नजर से देखी जा रही है आग?
सतपुड़ा भवन की आग को संदेह की नजरों से क्यों देखा जा रहा है? इस सवाल का जवाब इस बिल्डिंग में अहम ऑफिसों की मौजूदगी के साथ ही यहां पहले भी लगी आग की टाइमलाइन में तलाशा जा सकता है. दरअसल यह तीसरा मौका है, जब सतपुड़ा भवन में आग लगी है. इस भवन में इससे पहले साल 2012 में और 2018 में आग लगी है. संयोग की बात यह है कि इस बार की तरह उन दोनों साल में भी मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने जा रहे थे. इसी संयोग के कारण कांग्रेस नेता सतपुड़ा भवन की आग को घोटालों के सबूत मिटाने की कोशिश का नाम दे रहे हैं.
राज्य सरकार ने किया है ये दावा
राज्य सरकार के मुताबिक, आग में स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय की स्थापना, नर्सिंग, शिकायत, अकाउंट्स व कमीशन ब्रांच और विधानसभा में पूछे गए प्रश्नों से जुड़े दस्तावेज नष्ट हो गए हैं. हालांकि दवाइयों, उपकरणों, फर्नीचर और अस्पतालों में हुए टेंडरों की फाइलें आग की चपेट में नहीं आई हैं, क्योंकि हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन ब्रांच का ऑफिस बिल्डिंग के दूसरे फ्लोर पर होने के कारण इन तक आग नहीं पहुंची है. राज्य सरकार का कहना है कि आग में कोई भी संवेदनशील रिकॉर्ड नहीं जला है. जो फाइलें आग की चपेट में आई हैं, उनमें से ज्यादातर को ऑनलाइन मोड में पहले ही सेव किया जा चुका था.
मुख्यमंत्री ने बनाई है जांच समिति
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Madhya Pradesh Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने सतपुड़ा भवन में लगी आग की जांच के लिए एक कमेटी गठित कर दी है. इस कमेटी में अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव (शहरी) नीरज मंडलोई, प्रमुख सचिव (पीडब्ल्यूडी) सुखबीर सिंह और एडीजी फायर को शामिल किया गया है. यह कमेटी अपनी रिपोर्ट सीधे मुख्यमंत्री को सौंपेगी.
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