डीएनए हिंदी: Election 2024- विपक्षी दलों के बीच साझा गठबंधन बनने की तेजी होती कवायद के बीच केंद्र की भाजपा सरकार कई मोर्चों पर घिर रही है. इससे सतर्क हुए भाजपा नेतृत्व ने अब लोकसभा चुनाव 2024 को ध्यान में रखकर रणनीति तय करनी शुरू कर दी है. इसके लिए बुधवार रात को पार्टी संगठन की एक हाईलेवल मीटिंग प्रधानमंत्री आवास पर आयोजित की गई. करीब 5 घंटे लंबी इस मीटिंग में तमाम पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी महासचिव (संगठन) बीएल संतोष समेत तमाम बड़े भाजपा नेताओं की मौजूदगी वाली मीटिंग में चुनाव को ध्यान में रखकर कई फैसले लिए गए हैं. पार्टी सूत्रों के मुताबिक, पार्टी ने मोदी कैबिनेट में बदलाव करने और क्षेत्रीय समीकरणों को ध्यान में रखकर नए मंत्री बनाने का फैसला लिया है. इसके अलावा भी कई फैसले बैठक में लिए गए हैं.
भाजपा की बैठक में लिए गए फैसलों पर 5 पॉइंट्स में डालते हैं एक नजर.
1. मलयालम फिल्म स्टार से डालेगी केरल पर डोरे
भाजपा सूत्रों के मुताबिक, पार्टी की निगाहें केरल में लोकसभा चुनाव के दौरान सफलता हासिल करने पर है. दरअसल 140 मेंबरों वाली विधानसभा में चुनाव के दौरान अच्छा प्रदर्शन करने पर भी भाजपा कोई सीट नहीं जीत सकी थी. इसके चलते वहां संगठन बिखरने के आसार हैं. इसे रोकने के लिए पार्टी को वहां लोकसभा में सीट हासिल करनी होगी. लोकसभा चुनाव से पहले वहां पार्टी का प्रभाव बढ़ाने के लिए मलयालम फिल्मों के सुपरस्टार सुरेश गोपी को केंद्रीय मंत्री बनाए जाने पर चर्चा की गई है. गोपी को पहले भी पार्टी ने राज्य सभा सांसद बनाया था. उनका राज्य सभा कार्यकाल पिछले साल खत्म हो गया था. इससे पहले भी 65 साल के गोपी त्रिशूर से चुनाव लड़े थे. उन्हें इस बार भी इसी सीट पर उतारा जा सकता है.
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2. कई अन्य राज्यों में भी चिंता, वहां से भी बनेंगे नए मंत्री
पार्टी ने कई अन्य राज्यों में भी खराब प्रदर्शन की संभावना पर चिंता जताई है. इन राज्यों से भी कुछ चेहरों को कैबिनेट बदलाव में मंत्री बनने का मौका मिल सकता है. इनमें इस साल विधानसभा चुनाव का सामना करने वाले राज्य भी शामिल है. कैबिनेट बदलाव के दक्षिण फोकस रहने की संभावना है, जहां पार्टी ने लोकसभा चुनाव के दौरान 2019 के मुकाबले अपनी सीटों का अनुपात बढ़ाने का टारगेट फिक्स किया है. इसके अलावा पार्टी संगठन में भी राज्यों से लेकर केंद्रीय स्तर तक बदलाव करने का निर्णय लिया गया है.
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3. गरीबों और पिछड़ों पर रहेगा फोकस, मंत्रियों को मिले खास निर्देश
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी ने लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024) में सबसे ज्यादा अहमियत गरीबों व पिछड़ों के वोट की रहने की बात कही है. उन्होंने अपने मंत्रियों को खासतौर पर गरीबों, पिछड़ों और अति पिछड़े समुदायों के कल्याण कार्यक्रमों पर जोर देने का निर्देश दिया. इन वर्गों की सभी जरूरतों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा कराने के लिए कहा गया है. मध्य वर्ग को भी लुभाने वाली योजनाओं पर काम करने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने सभी को ऐसे प्लान तैयार करने की जरूरत बताई है, जो मध्य वर्ग, गरीब, वंचित और पिछड़े समुदायों की जरूरतों के पूरा कर सकें और उनकी चिंताओं को दूर कर सकें. बता दें कि भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार साल 2020 में कोरोना की शुरुआत के बाद से ही गरीबों को मुफ्त राशन उपलब्ध करा रही है. इसके चलते गरीब समुदायों के भाजपा के कोर वोटबैंक के तौर पर जुड़ने की बात एक्सपर्ट्स कह रहे हैं.
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4. मंत्रियो से सांसदों तक, सभी को संसदीय क्षेत्र में एक्टिव होने का आदेश
पीएम मोदी ने मंत्रियों से लेकर सांसदों तक, सभी को अपने-अपने संसदीय क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा एक्टिव होने का निर्देश दिया गया है. साथ ही पीएम ने सभी को पिछड़े, गरीब व वंचित समुदायों के साथ अपने-अपने एरिया में स्मॉल-स्केल मीटिंग्स, माइक्रो मीटिंग्स और सेमिनार आयोजित कर एक्टिव तरीके से एंगेजमेंट बढ़ाने की भी सलाह दी है.
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5. ऐसा होगा माइक्रो-मैनेजमेंट का 'थ्री सेक्टर' ब्लूप्रिंट
पीएम मोदी के निर्देश पर लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने माइक्रो-मैनेजमेंट तैयारी का एक 'थ्री सेक्टर' ब्लूप्रिंट तैयार किया है. इसमें 543 लोकसभा क्षेत्रों को नॉर्थ रीजन, साउथ रीजन और ईस्ट रीजन के तीन हिस्सों में बांटा गया है. यह कवायद पार्टी के कामकाज को सरल बनाने के लिए की गई है. भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा 6,7 और 8 जुलाई को देश के अलग-अलग हिस्सों में इनमें से हर एक रीजन के प्रमुख नेताओं के साथ बैठक करेंगे, जिसमें संगठन मंत्री भी मौजूद होंगे. पहली बैठक 6 जुलाई को ईस्ट रीजन में होगी, जबकि 7 को नॉर्थ रीजन और 8 जुलाई को साउथ रीजन की बैठक की जाएगी. इस बैठक में संबंधित रीजन में आने वाले राज्यों के प्रभारी, राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष, संगठन मंत्री, मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, सांसद, विधायक और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य मौजूद रहेगें. मंत्रियों से मीटिंग के दौरान कहा गया है कि हर रीजन को एक सहायक संगठन की तरह चलाया जाएगा, जिसकी अपनी स्वतंत्र रणनीति होगी.
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