इजरायल द्वारा हमास कमांडर याह्या सिनवार के खात्मे के बाद दुनिया की एक बड़ी आबादी ऐसी है, जिसका मानना है कि अब इजरायल को युद्ध पर विराम लगा देना चाहिए. इस फेहरिस्त में सबसे ताजा नाम जुड़ा है ब्रिटेन के प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर का. ब्रिटिश पीएम ने कहा है कि दुनिया गाजा की स्थिति पर इजरायल की ओर से 'मानवीय सहायता पर कोई और बहाना बर्दाश्त नहीं करेगी.'
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन, जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन के साथ हुई एक बैठक के बाद पत्रकारों से संबोधित होते हुए, स्टार्मर ने हमास नेता याह्या सिनवार की मौत को मध्य पूर्व के मौजूदा संघर्ष में एक महत्वपूर्ण मोड़ बनाने की कोशिश भी की.
मीडिया से बात करते हुए किएर ने कहा कि, किसी को भी सिनवार के लिए शोक नहीं करना चाहिए. सिनवार को राक्षस और तमाम हत्याओं का जिम्मेदार बताते हुए ब्रिटिश पीएम ने कहा कि 'निर्दोष इजरायलियों का खून' और 'निर्दोष फिलिस्तीनियों का खून उसके हाथों पर था. स्टार्मर ने कहा कि 'हमें इस क्षण का पूरा लाभ उठाना चाहिए' साथ ही उन्होंने पुनः युद्ध विराम का आह्वान किया.
ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा कि, 'अब जो आवश्यक है वह है गाजा में युद्ध विराम, सभी बंधकों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई, मानवीय सहायता तक तत्काल पहुंच और टू स्टेट सॉल्यूशन की तरफ वापस लौटना. स्टार्मर ने इस बात पर भी बल दिया कि यही दीर्घकालिक शांति और सुरक्षा प्रदान करने का एकमात्र तरीका है और जब तक ऐसा नहीं होता मानवता और मानवाधिकारों की समस्त मानवीय स्थिति जारी नहीं रह सकती.
इजरायल की तरफ इशारा करते हुए स्टार्मर ने ये भी कहा कि, 'और मैं एक बार फिर इजरायल से कहता हूं, दुनिया मानवीय सहायता पर किसी और बहाने को बर्दाश्त नहीं करेगी. उत्तरी गाजा में नागरिकों को अब भोजन की जरूरत है. वहीं अपने ऊपर लग रहे आरोपों पर सफाई देते हुए इजरायल ने कहा है कि उसने अभी बीते दिनों ही खाद्य, रसद, दवाएं ले जा रहे 30 ट्रकों को उत्तरी गाजा में जाने की इजाजत दी है.
ध्यान रहे पिछले महीने के अंत में संयुक्त राष्ट्र में दिए गए बयान में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने कुछ ऐसी ही मिलती जुलती बातें की थीं. पत्रकारों की तरफ से जब स्टार्मर से ये पूछा गया कि क्या वे इजरायल को हथियारों की बिक्री को और अधिक निलंबित करने पर विचार करेंगे, तो उन्होंने कहा कि पिछले निर्णय के बाद से उनकी स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है, उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि, 'ईरानी शासन की कार्रवाइयों के सामने ब्रिटेन अभी भी इजरायल के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन करता है.'
ऐसा नहीं है कि ब्रिटेन की तरफ से सिर्फ इजरायल- हमास और इजरायल-ईरान गतिरोध पर ही बात हुई है. ब्रिटिश पीएम ने कहा कि पश्चिमी नेताओं की 'क्वाड' की बैठक में यूक्रेन की स्थिति पर भी चर्चा हुई.
बहरहाल विषय यहां सिनवार की मौत, ब्रिटिश प्रधानमंत्री और गाजा पर उनकी हमदर्दी है तो यहां ये बताना बहुत जरूरी हो जाता है कि इजरायल लगातार इस बात को दोहरा रहा है कि लड़ाई अभी ख़त्म नहीं हुई है. इजरायल का मानना है कि जब तक हमास हथियार नहीं डालता और बंधकों को रिहा नहीं करता ये लड़ाई बदस्तूर जारी रहेगी.
भले ही आईडीएफ द्वारा सिनवार को मार गिराया गया हो. लेकिन ब्रिटेन को इस बात को समझना होगा कि आज भी हमास के लड़ाके गाजा पट्टी में हैं और उनकी तरफ से इजरायल को जवाब दिया जा रहा है. वहीं जिस तरह ईरान और हिजबुल्लाह उसे समर्थन दे रहे हैं स्वतः इस बात की पुष्टि हो जाती है कि लड़ाई सिर्फ एक मुल्क तक सीमित नहीं है.
इजरायल हमास युद्ध पर जो रुख ईरान का है कह सकते हैं कि भले ही भारी नुकसान हो रहा हो, लेकिन ईरान ये लड़ाई इसलिए भी लड़ रहा है कि कहीं न कहीं उसे पूरे मिडिल ईस्ट में अपना वर्चस्व स्थापित करना है.
बेगुनाह कब तक मरते रहेंगे? युद्ध कब ख़त्म होगा? फिलिस्तीन का क्या भविष्य रहता है? इजरायल आगे क्या करता है? यूएन का इजरायल के प्रति क्या रुख रहेगा सवाल कई हैं जिनके जवाब वक़्त देगा. लेकिन जो वर्तमान है उससे देखकर इतना तो साफ़ है कि युद्ध की विभीषिका इतनी जल्दी ख़त्म नहीं होने वाली. मानवाधिकारों और मानवता के तमाम पुरोधा अभी ऐसा बहुत कुछ देखेंगे जो हमारी सोच और कल्पना से परे होगा.
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