'गुमशुदा और Missing' बीजेपी का खेल खेलने में जुटी कांग्रेस, ये पोस्टर दिखा रहा बदली हुई राजनीति की तस्वीर

Written By कुलदीप पंवार | Updated: Jun 01, 2023, 12:40 AM IST

Congress ने अपने ट्विटर हैंडल पर स्मृति ईरानी का यह पोस्टर शेयर किया है.

Smriti Irani Missing: कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के मिसिंग होने की तस्वीर ट्विटर पर पोस्ट की है. बदले में स्मृति ने उन्हें अमेठी के पूर्व सांसद को तलाशने के लिए कहा है.

डीएनए हिंदी: Congress Vs BJP- लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) में अब एक साल से भी कम समय बचा है. ऐसे में भाजपा और कांग्रेस, दोनों ही जमकर फॉर्म में आ गई हैं. दोनों के बीच तीखी बयानबाजी के अलावा सोशल मीडिया वार भी जमकर चल रही है. कर्नाटक में जीत के बाद उत्साहित कांग्रेस की रणनीति ऐसे में थोड़ी बदली हुई दिखाई दी है. कर्नाटक चुनाव से पहले तक सोशल मीडिया पर बैकफुट पर दिखने वाली कांग्रेस भी अब भाजपा की तर्ज पर आक्रामक दिख रही है और सीधा हमला कर रही है. इसका नजारा बुधवार को भी 'गुमशुदा और Missing' के पोस्टर के साथ दिखाई दी, जिसमें कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पर सीधा हमला बोला है. हालांकि स्मृति ईरानी ने भी पलटवार करते हुए कांग्रेस को अमेठी के पूर्व सांसद यानी राहुल गांधी को तलाशने की सलाह दे दी है.

कांग्रेस ने पोस्ट किया ऐसा पोस्टर

कांग्रेस ने अपने ट्विटर हैंडल पर स्मृति ईरानी का एक पोस्टर पोस्ट किया, जिस पर ऊपर Missing लिखा हुआ था और नीचे स्मृति जुबिन ईरानी महिला व बाल कल्याण मामला मंत्री लिखा था. कांग्रेस ने इस पोस्टर को कैप्शन दिया, 'गुमशुदा'. कांग्रेस ने इस पोस्टर के जरिये बिना कुछ कहे स्मृति ईरानी पर महिला पहलवानों के आंदोलन को लेकर हमला बोला.

स्मृति ने इस तरह दिया जवाब

स्मृति ईरानी ने भी इस पोस्टर के कांग्रेस हैंडल से पोस्ट होते ही उसे तत्काल रिट्वीट किया और साथ में अपना जवाब लिखा. उन्होंने लिखा, हे दिव्य राजनीतिक प्राणी, मैं अभी सिरसिरा गांव, विधानसभा सलोन, लोकसभा अमेठी से निकली हूं धूरनपुर की ओर. अगर पूर्व सांसद को ढूंढ रहे हो तो कृपया अमेरिका संपर्क करें. स्मृति के इस जवाब के बाद उनके समर्थकों ने भी कांग्रेस के ट्वीट पर जमकर आलोचना करते हुए अपने जवाब पोस्ट किए.

कैसे बदली दिख रही है कांग्रेस की रणनीति?

स्मृति के साथ इस ट्विटर वार से इतर यदि बात कांग्रेस की रणनीति की करें तो वह पूरी तरह बदली हुई दिख रही है. कांग्रेस पहले भी भाजपा नेताओं पर निशाना साधती थी, लेकिन आमतौर पर ये निशाने बयानबाजी तक ही सीमित होते थे. अब बदली हुई रणनीति में कांग्रेस फोटोज, वीडियोज के जरिये 'साइलेंट टारगेट' साध रही है. स्मृति ईरानी की 'Missing' पोस्ट से पहले भी इस बदली हुई रणनीति को नीचे दिए उदाहरणों से समझा जा सकता है.

  • कांग्रेस ने पीएम मोदी का फोटो पोस्ट किया, जिसमें वे केवल गौतम अडानी के फोटो से सजी गैलरी में खड़े थे. उस फोटो को कांग्रेस ने नाम दिया था, 'पीएम मोदी की दुनिया'. इसके जरिये कांग्रेस ने पीएम मोदी को अडानी के अलावा कोई अन्य उद्योगपति नहीं दिखने का तंज कसा था.
  • बुधवार सुबह कांग्रेस ने भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी का वीडियो पोस्ट किया, जिसमें वे पहलवानों को लेकर पूछे जा रहे मीडिया के सवाल के बीच दौड़ लगा रही हैं. इसमें भी उसने अनूठे अंदाज में तंज कसा.
  • महिला पहलवानों के ही मसले पर कांग्रेस ने बुधवार को स्मृति ईरानी और मीनाक्षी लेखी का फोटो कोलाज पोस्ट किया, जिस पर ट्वीट छिपाने और भागने के कैप्शन लिखकर तंज कसा गया.
  • पीएम नरेंद्र मोदी पर भी पहलवानों के मसले पर एक भी बयान नहीं देने को लेकर कांग्रेस ने इलस्ट्रेशन के जरिये तंज कसा, जिसमें पीएम मोदी के मुंह पर जिप लगी होने का फोटो वाला मेडल दिखाया गया. कैप्शन लिखा, चुप्पी में गोल्ड मेडल.

क्यों किया है कांग्रेस ने इस रणनीति में बदलाव

  • 5G डाटा के कारण देश में करीब 75 करोड़ लोगों के पास स्मार्टफोन है. इनमें से अधिकतर लोग व्हाट्सऐप या किसी न किसी सोशल मीडिया के जरिये इंटरनेट से जुड़े हुए हैं. इन लोगों तक कांग्रेस अनूठे पोस्ट्स के जरिये पहुंचना चाहती है.
  • भारत में करीब 34 करोड़ फेसबुक यूजर्स हैं, जिनमें से 80 फीसदी 18 से 35 वर्ष के बीच के हैं. कांग्रेस सोशल मीडिया के जरिये इन युवा वोटर्स में पैठ बढ़ाना चाहती है. 
  • सोशल मीडिया मीम्स आज की तारीख में सबसे ज्यादा पॉपुलर हैं और सबसे ज्यादा शेयर किए जाते हैं. कांग्रेस इसी कारण ऐसे पोस्ट कर रही है, जो यूजर को आगे शेयर करने के लिए प्रेरित करे. इससे कांग्रेस अपनी बात ज्यादा लोगों तक पहुंचा पाएगी.
  • कांग्रेस का मकसद महज भाजपा को लेकर अलग तरह की चर्चा शुरू करना है. इसी कारण वह ऐसे किसी भी मीम्स वाले पोस्टर पर अपना लोगो पेस्ट नहीं कर रही है.
  • देश में लोकसभा चुनाव के दौरान 18 से 19 साल की आयु के करीब 4 करोड़ युवा फर्स्ट टाइम वोटर के तौर पर सामने आएंगे. कांग्रेस सोशल मीडिया के जरिये इन तक पहुंचना चाहती है.

राहुल का कैंपेन दिखा रहा कांग्रेस में सोशल मीडिया की ताकत की समझ

कांग्रेस ने सोशल मीडिया की ताकत को अब समझ लिया है. इसका अंदाजा राहुल गांधी के कैंपेन से भी लगाया जा सकता है. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के साथ शुरू हुई सोशल मीडिया पर उनकी सक्रियता ने आम जनता में उनकी छवि बदलने में अहम भूमिका निभाई है. राहुल के आम जनता के साथ घुलमिलकर दिल्ली के बंगाली मार्केट में गोलगप्पे खाना हो या हाल ही में ट्रक में बैठकर सफर करना. यूट्यूब और फेसबुक-ट्विटर के जरिये जिस अंदाज में यह सब आम जनता तक पहुंचाया गया है, उससे कांग्रेस की सोशल मीडिया की नई रणनीति को आसानी से समझा जा सकता है.

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