COVID Cases Surge in India: भारत में 30 दिन में 8 गुना बढ़े डेली केस, क्या नया वेरिएंट XBB.1.16 है कारण? जानें 6 प्वॉइंट्स में

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Mar 16, 2023, 06:15 AM IST

new covid variant

Covid Cases Surge in India: जीनोम सीक्वेंसिंग में नए कोरोना वेरिएंट के सबसे ज्यादा मामले भारत में मिले हैं. इसके बाद ब्रुनेई का नंबर है.

डीएनए हिंदी: new Covid variant XBB.1.16 of coronavirus in India Cases- भारत में कोरोना वायरस के मामले एक बार फिर बढ़ रहे हैं. हालांकि अब भी डेली कोरोना केस 1,000 से कम हैं, लेकिन पिछले 30 दिन के अंदर रोजाना मिलने वाले नए कोरोना केस की संख्या करीब 8 गुना बढ़ गई है. एक्सपर्ट्स इसके लिए कोरोनावायरस के नए वेरिएंट XBB.1.16 को जिम्मेदार मान रहे हैं, जो भारत में तेजी से फैल रहा है. आइए 6 प्वॉइंट्स में जानते हैं अब तक इस बारे में क्या जानकारी मिली है.

1. भारत में मिले हैं नए सबवेरिएंट के सबसे ज्यादा केस

कोविड वेरिएंट्स को ट्रैक करने वाले एक इंटरनेशनल प्लेटफार्म ने इस वेरिएंट को लेकर पूरी दुनिया में जीनोम सीक्वेंसिंग की है. इस सीक्वेंसिंग में XBB.1.16 वेरिएंट के सबसे ज्यादा 48 मामले भारतीय सैंपलों में ही मिले हैं, जबकि ब्रुनेई में 22, अमेरिका में 15 और सिंगापुर में 14 सैंपल में यह सीक्वेंस मिला है. इस सीक्वेंस के आधार पर प्लेटफार्म ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिनमें भारत समेत इन चार देशों में कोरोना के नए मामलों में अचानक बहुत बड़ा अंतर देखने को मिल सकता है. 

2. महाराष्ट्र-गुजरात में ज्यादा असर बता रहे एक्सपर्ट्स

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक्सपर्ट्स के हिसाब से XBB.1.16 वेरिएंट तेजी से पूरे देश में फैल रहा है. केंद्र सरकार के जीनोम सीक्वेंसिंग नेटवर्क से जुड़े एक टॉप एक्सपर्ट ने नाम छिपाने की शर्त पर इसकी पुष्टि की है. उन्होंने कहा, COVSPECTRUM के हिसाब से भारत में XBB.1.16 वेरिएंट की महाराष्ट्र और गुजरात में बड़े पैमाने पर उपस्थिति मिली है. भारत के सैंपलों की सीक्वेंसिंग में मिले 48 केस में से 39 महाराष्ट्र के, 8 गुजरात और एक केस उत्तर प्रदेश का है. 

3. बाहर से आने वाले यात्रियों में मिला है XBB.1.16

एक्सपर्ट ने कहा कि सिंगापुर, अमेरिका और ब्रुनेई से आने वाले भारतीय यात्रियों में XBB.1.16 वेरिएंट मिला है. ऐसे में यह सबवेरिएंट ही भारत में नए कोरोना मामलों में आई हालिया तेजी के लिए जिम्मेदार हो सकता है. उन्होंने कहा कि एक संभावना यह भी है कि यह सब वेरिएंट भारत में ही पैदा हुआ हो और इसके बाद दूसरे देशों में यहां से ट्रांसफर हुआ है. 

4. क्यों चिंता का सबब है XBB.1.16 वेरिएंट

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, नया वेरिएंट XBB.1.16 कोरोनावायरस के XBB.1 वेरिएंट का एक सब वेरिएंट है. कोरोनावायरस का XBB.1 वेरिएंट बेहद संक्रामक था और इसका यह नया सब वेरिएंट और भी ज्यादा तेजी से नए लोगों में फैल सकता है. इसी कारण यह सब वेरिएंट बेहद तेजी के साथ नए कोरोना मरीजों की एक बड़ी संख्या तैयार कर सकता है. 

5. बाकी सारे कोरोना वेरिएंट पर पड़ रहा भारी

एक्सपर्ट ने कहा, यह नया वेरिएंट पुराने सब वेरिएंट XBB.1.5 से नहीं बना है, बल्कि ये दोनों सबवेरिएंट XBB और फिर XBB.1 से बने हैं. फिलहाल भारत में XBB वेरिएंट ही नए कोरोना केस पैदा कर रहा है और डेली केस में अचानक आई बढ़ोतरी XBB.1.16 या XBB.1.5 सब वेरिएंट की ही देन हो सकती है. उन्होंने ज्यादा पुख्ता जानकारी के लिए अभी कुछ और सैंपलों की जांच करने की आवश्यकता जताई. उन्होंने यह भी कहा कि XBB.1.16 सबवेरिएंट भारत में मौजूद अन्य सभी कोरोना वेरिएंट पर भारी पड़ रहा है यानी यदि किसी व्यक्ति के शरीर में इसके अलावा कोई अन्य वेरिएंट भी प्रवेश कर गया है तो यह उसे रोक दे रहा है.

6. WHO को भी हो रही है इसके कारण चिंता

नए सबवेरिएंट XBB.1.16 के कारण वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) को भी चिंता हो रही है. WHO के लिए महामारी के दौरान नए कोविड वेरिएंट्स ट्रैक करने वाले वैक्सीन सेफ्टी नेट के सदस्य डॉ. विपिन एम. वशिष्ठ के मुताबिक, XBB.1.5 वेरिएंट ने भारत को छोड़कर पूरी दुनिया में प्रभाव दिखाया था, लेकिन XBB.1.16 इस मामले में अलग है. उन्होंने कहा कि XBB.1.16 में वायरस के कम प्रभाव वाले इलाके से जुड़ा ORF9b म्यूटेशन दो बार हुआ है. ORF9b म्यूटेशन इंसानी जिस्म की इम्युनिटी को भेदने में ज्यादा प्रभावी साबित हो सकता है. इसके चलते यह सबवेरिएंट पूरी दुनिया के साथ भारत में भी खलबली मचा सकता है.

हालांकि भारत की नेशनल कोविड-19 टास्क फोर्स के मेंबर डॉ. संजय पुरी की राय उलट है. डॉ. पुरी के मुताबिक, अभी XBB.1.16 सबवेरिएंट के बारे में पूरी जानकारी नहीं मिल सकी है. इसके इम्युनिटी सिस्टम को चकमा देने की विशेषता के बारे में ज्यादा पता नहीं लग सका है. ना ही कोरोनावायरस के ओमिक्रॉन सब-लाइनेज के अन्य सबवेरिएंट के मुकाबले यह ज्यादा गंभीर बीमारी फैलाने में सक्षम है या नहीं, इसका भी पता लगना अभी बाकी है. 

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