DNA TV Show: भयानक गर्मी और कंपकंपाने वाली ठंड, पर्यावरण में बदलाव कैसे बन रहा है जिंदगी के लिए मुसीबत

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Dec 02, 2023, 01:03 AM IST

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Climate Change Effect: यूएई में COP28 Summit की शुरुआत के साथ ही पर्यावरण में बदलाव फिर चर्चा में है. इस बदलाव से पूरी दुनिया परेशान है. पीएम मोदी ने इसका हल सुझाया है. आज तेजी से बदल रहे पर्यावरण की समस्या का डीएनए पेश करती ये रिपोर्ट.

डीएनए हिंदी: COP28 Summit Dubai Updates- पर्यावरण को नुकसान ना पहुंचाते हुए, औद्योगिक विकास की राह पर आगे बढ़ना ही, पूरे विश्व की समस्या है. औद्योगिक विकास की कीमत, पृथ्वी के जलवायु को चुकानी पड़ रही है, जिसका बुरा असर पूरी दुनिया पर पड़ रहा है. जलवायु परिवर्तन एक ऐसी समस्या है जो धीरे-धीरे महसूस होती है, लेकिन घातक असर दिखा रही है. आपको जानकर हैरानी होगी कि वर्ष 2022 में हमारी पृथ्वी के औसत तापमान में 1.4 डिग्री सेल्सियम की बढ़ोतरी हुई है यानी ये ज्यादा गर्म हुई है. तापमान में बढ़ोतरी की ये संख्या छोटी है, लेकिन इसका भयानक असर, लगभग हर देश पर पड़ा है. हालात ये है बहुत से देश मौसम का चरम रूप देख रहे हैं. गर्मियों के मौसम में भयानक गर्मी और सर्दियों में भयानक ठंड का सामना करना पड़ रहा है. बारिश भी, कई देशों में समस्या पैदा कर रही है. इस तरह के हालात पर चर्चा करना जरूरी है. इसीलिए हर साल संयुक्त राष्ट्र की अगुवाई में COP या Conference Of Parties की बैठक होती है. United Nation में शामिल लगभग सभी देश इसका हिस्सा हैं. जलवायु परिवर्तन पर चर्चा के लिए होने वाली COP की 28वीं बैठक यानी COP 28 इस वर्ष UAE में चल रही हैं, जिसमें इस बार 160 देश शामिल हुए हैं.

पीएम मोदी भी पहुंचे हैं बैठक में, की है दुनिया से ये अपील

इस बैठक में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी दुबई पहुंचे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां पर अन्य देशों को संबोधित किया, जिसमें जलवायु परिवर्तन की वजह से हो रही दिक्कतों के लिए उन्होंने कुछ विकसित देशों को जिम्मेदार बताया. उन्होंने किसी भी देश का नाम लिए बिना कहा कि चंद देशों के किए की कीमत पूरी दुनिया को चुकानी पड़ रही है.  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सम्मेलन में COP 33 की मेजबानी का दावा ठोका है, COP33 की बैठक वर्ष 2028 में होगी. उन्होंने दुनिया भर से इस समस्या से निपटने के लिए कुछ खास अपील की हैं.

दुबई में क्लाइमेट चेंज कॉन्फ्रेंस में 160 देश जलवायु परिवर्तन पर चर्चा कर रहे हैं. जलवायु परिवर्तन के खतरे से किस तरह से निपटा जाए, क्या कदम उठाए जाए, इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ही तरह सभी देश सुझाव दे रहे हैं. 

जानिए कैसे बड़ा खतरा बन गया है जलवायु परिवर्तन

जलवायु परिवर्तन दुनियाभर के सामने एक बहुत बड़ा खतरा है. कल्पना कीजिए कि अगर आपके शहर का तापमान अचानक से लगभग 80 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाए तो कैसे हालात होंगे. यकीन मानिए ये स्थिति मौत से भी बदतर होगी. आपको 24 घंटे ऐसा लगेगा कि आप किसी जलते हुए तंदूर में बैठे हैं और इस स्थिति में कई लोगों की हीटस्ट्रोक की वजह से मौत हो जाएगी, लेकिन अब कल्पना की दुनिया से बाहर आकर उस Extreme Weather Events के बारे में बताते है, जो भारत में बहुत बड़ी मुसीबत बन गया है.

Center for Science and Environment यानि CSE ने एक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट का नाम है India 2023 An Assessment of Extreme Weather Events'. CSE की इस रिपोर्ट में जनवरी से लेकर सितंबर तक के मौसम में आए बदलावों और आपदाओं की डिटेल्स हैं. इस तरह की घटनाओं को Extreme Weather Events भी कहा जाता है.

सोचिए, सिर्फ 9 महीने में हमारे देश में आई प्राकृतिक आपदाओं में करीब 2 हजार 923 लोगों की मौत हुई है. ये कोई छोटा आंकड़ा नहीं है. इंसान ने प्रकृति के साथ जो खिलवाड़ किया है अब प्रकृति उसी का बदला ले रही है. CSE की ये रिपोर्ट हम सबके लिए एक खतरे के अलार्म की तरह है. सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में इस तरह की घटनाएं बढ़ रही है. इसकी सबसे बड़ी वजह है जलवायु परिवर्तन.

ये Extreme Weather Events क्या होता है?

आपके दिमाग में ये सवाल आ रहा होगा कि ये Extreme Weather Events होता क्या है? हो सकता है इसके बारे में आप पहली बार सुन रहे हों. दरअसल Extreme Weather Events मौसम की एक ऐसी घटना है जो उस समय और उस स्थान पर असमान्य होता है. उदाहरण के लिए अगर दिल्ली में नवंबर के महीने में तेज़ बारिश हो जाए, तो इसे एक Extreme Weather Events कहा जा सकता है, क्योंकि आमतौर पर नवंबर के महीने में तेज बारिश नहीं होती.

India 2023 An Assessment of Extreme Weather Events नाम की इस रिपोर्ट में देश के अलग-अलग राज्यों में हुए नुकसान का जिक्र भी है, लेकिन पहले मैं आपको बताती हूं कि Extreme Weather Events में क्या क्या शामिल है.

लगातार बदल रहा है मौसम

तेजी से हो रहे जलवायु परिवर्तन की वजह से मौसम में बड़ा बदलाव आया है. आपने भी ये महसूस किया होगा कि जिस वक्त भीषण गर्मी पड़नी चाहिए थी उस वक्त इस वर्ष कई दिन जोरदार बारिश हुई और जब जोरदार बारिश होनी चाहिए थी. उस वक्त लोग बारिश का इंतजार ही करते रह गए. अब मैं आपको बताती हूं कि एक्सट्रीम वेदर की वजह से किस राज्य में कितने लोगों की मौत हुई.

आपको भी याद होगा इसी वर्ष जनवरी का महीना औसत से हल्का गर्म रहा था. जबकि फरवरी ने तो 122 वर्ष की गर्मी का रिकॉर्ड तोड़ दिया था. फरवरी में दिन का अधिकतम तापमान औसतन 29.54 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था और ये वर्ष 1901 के बाद सबसे गर्म फरवरी का महीना रहा था. कही भीषण बाढ़ आई तो कहीं चक्रवाती तूफान ने हालात खराब किए. पूरे साल इस तरह की तस्वीरें आई है. हम सब जलवायु परिवर्तन पर बातें तो करते है, लेकिन एक बार दिल से सोचिए, क्या हम इस खतरे से निपटने के लिए गंभीर है?

पूरी दुनिया की समस्या है जलवायु परिवर्तन

जलवायु परिवर्तन किसी एक या दो देश की समस्या नहीं है, ये दुनिया के हर देश की समस्या है. पूरी दुनिया की समस्या है. इसलिए इस खतरे से निपटने के लिए भी दुनिया को एक होना होगा और वो भी पूरी गंभीरता के साथ. मौसम का मूड लगातार बदल रहा है, जो इंसान पर बहुत भारी पड़ने लगा है. जलवायु परिवर्तन की मुख्य वजह जीवाश्म ईंधन यानि Fossil Fuels हैं, यानि कोयला, तेल और गैस का अत्यधिक इस्तेमाल.

NASA ने दी थी इस साल ये चेतावनी

दुबई में अब तक क्या चर्चा हुई है

दुबई में हुई क्लाइमेट चेंज कॉन्फ्रेंस में दुनियाभर के नेताओं ने ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने और जलवायु परिवर्तन से प्रभावी ढंग से निपटने के तरीकों पर चर्चा की है. जिसमें भारत ने भी वर्ष 2030 तक उत्सर्जन की तीव्रता को 45 प्रतिशत तक कम करने और गैर-जीवाश्म ईंधन की हिस्सेदारी को 50 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है. जलवायु परिवर्तन जैसे खतरे से निपटने के लिए इंटरनेशल डिजास्टर फंड्स भी है. ये फंड 475 मिलियन डॉलर का है. इस फंड का इस्तेमाल जलवायु परिवर्तन के खतरे से निपटने के लिए किया जाता है. ये अच्छी पहल है ताकि इस तरह के खतरे से निपटा जा सके. लेकिन फिर भी धरती का बढ़ता तापमान और जलवायु परिवर्तन हमारे लिए एक time bomb की तरह है. इसलिए अभी भी वक्त है, संभल जाइए, और पृथ्वी को बचाने के लिए जो कुछ भी आप कर सकते हैं. वो ज़रूर कीजिए.

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