DNA TV Show: निज्जर की हत्या के वीडियो से खुली कनाडा के आरोपों की पोल, क्यों है ये स्टेट स्पॉन्सर्ड मर्डर से अलग
DNA TV Show
India Canada Row Updates: कनाडा के प्रधानमंत्री खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को भारत सरकार की साजिश बताकर हल्ला मचाए हुए हैं, लेकिन दुनिया भर की मीडिया हत्या का वीडियो देखकर कह रही है कि सरकारें ऐसे हत्या नहीं कराती हैं. इसका पूरा डीएनए पढ़िए इस रिपोर्ट में.
डीएनए हिंदी: World News in Hindi- खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर कनाडा और भारत में ठनी हुई है. कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के सरे शहर में हुई इस हत्या का वीडियो अब सामने आया है. इस वीडियो को देखकर कनाडा के प्रधानमंत्री Justin Trudeau भले ही ना मानें, लेकिन दुनियाभर की मीडिया ये बात मान रही है कि यह State Sponsored Targeted Killing नहीं है यानी निज्जर की हत्या किसी सरकार ने नहीं कराई है. अमेरिकी अखबार Washington post ने तो हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पूरे घटनाक्रम पर पूरी रिपोर्ट लिख दी है. इस रिपोर्ट में साफ सामने आ रहा है कि आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या Gangwar का नतीजा है. सिर्फ यही नहीं, हत्या के इस मामले की जांच में कनाडा पुलिस ने भी काफी ढिलाई बरती है, जो किसी के इशारे पर किया काम भी हो सकता है.
Washington post की रिपोर्ट के खास पॉइंट्स
- आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में कम से कम 6 लोग शामिल थे.
- निज्जर की हत्या के लिए एक Foolproof planning तैयार की गई थी.
- वारदात की जानकारी मिलने पर Royal Canadian Mounted Police काफी देरी से पहुंची थी.
- Canada Police ने आसपास की दुकानों या घरों से CCTV फुटेज भी नहीं मांगी, ना ही लोगों से ठीक से पूछताछ की.
20 मिनट बाद पहुंची थी मौके पर पुलिस
वॉशिंगटन पोस्ट से बातचीत में प्रत्यक्षदर्शियों ने Royal Canadian Mounted Police की ढिलाई के बारे में बताया है. उन्होंने कहा कि, वारदात होने के 20 मिनट बाद पहला पुलिस अधिकारी, घटनास्थल पर पहुंचा था, जबकि इस पूरे क्षेत्र में पुलिस की Petroling होती रहती है. घटनास्थल पर मामले की जांच को लेकर Surrey Police और Royal Canadian Mounted Police के बीच भी झगड़ा शुरू हो गया, जिसकी वजह से जांच में और देरी हुई. Washington post ने जब लोगों से बात की तो पता चला कि Royal Canadian Mounted Police के अधिकारियों ने 21 जून से यानी वारदात के करीब 1 महीने बाद, लोगों से वारदात की जुड़ी पूछताछ शुरू की. यही नहीं, इस वारदात से जुड़ी पूछताछ भी गिने चुने लोगों से ही की गई थी.
धमकियां मिल रही थीं निज्जर को
Washington post ने अपने रिपोर्ट में ये भी बताया है कि खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर को जान से मारने की धमकियां भी लगातार मिलती थीं. यही नहीं निज्जर के परिवार ने Washington post को बताया कि धमकियों की वजह से ही वो चाहते थे कि हरदीप सिंह निज्जर को Bulletproof गाड़ी में चलने की इजाज़त मिले, लेकिन नियमों के मुताबिक वो ऐसा नहीं कर सकते थे. Washington post को ये पता चला है कि आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की गाड़ी में कुछ दिन पहले एक Tracker भी पाया गया था, जिसे निज्जर के Mechenic ने पकड़ा था.
पुलिस की इतनी ढीली जांच, फिर भी संसद में आरोप लगाने लगे ट्रूडो
इस मामले में Royal Canadian Mounted Police ने जिस तरह जांच की है, उससे निज्जर का परिवार बिल्कुल खुश नहीं है. उनका मानना है कि Royal Canadian Mounted Police को कोई Idea नहीं है, इस हमले में कौन शामिल था, लेकिन आप सोचिए, कि जिस खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को देश का एक बड़ा मामला मानते हुए, Canada की संसद में भारत पर आरोप लगा दिया गया था. उस हत्या की जांच में कोई गंभीरता ही नहीं बरती गई है. यही नहीं, चश्मदीदों से ठीक से पूछताछ तक नहीं की गई.
गैंगवार का नतीजा है निज्जर की हत्या
Canada के प्रधानमंत्री Justine Trudeau ने भले ही बिना कुछ देखे-सुने और समझे, भारत पर निज्जर की हत्या का आरोप लगा दिया हो. लेकिन अभी तक जो खबरें सामने आ रही हैं, उनके मुताबिक खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या, एक Gangwar का हिस्सा है. Canada की मीडिया में, इसी एंगल पर कई तरह की रिपोर्ट्स सामने आ रही हैं. Washington Post ने अपनी रिपोर्ट में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर जो स्पेशल रिपोर्ट दी है, उसके मुताबिक, आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में केवल 2 लोग नहीं, बल्कि 6 लोग शामिल थे. और इस वारदात में दो गाड़ियों का इस्तेमाल किया गया था. Washington Post की इस Investigative रिपोर्ट में इस वारदात से जुड़ी पूरी कहानी बताई गई है, जिसमे चश्मदीदों के बयान भी उन्होंने छापे हैं.
हत्या के वीडियो से साफ हो रही कई बातें
दरअसल Washington Post को Surrey के उस गुरुद्वारे ने cctv वीडियो दिखाई है, जिसमें हत्या से जुड़े सबूत हैं. इस वीडियो में खास क्या है, पहले हम आपको वो बताते हैं.
- गुरुद्वारे ने Washington Post से 90 सेकेंड की वीडियो शेयर की है.
- इसमें खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर के हत्यारे दिखे हैं.
- इस वीडियो में हत्यारों का हुलिया भी दिखाई दिया है.
- हत्यारों से जुड़ी कार भी इस वीडियो में दिखी है.
- इसमें Parking Area में हुई हत्या की तस्वीरें हैं.
क्या दिख रहा है वीडियो में
आतंकी हरदीप सिंह निज्जर, की हत्या से जुड़े इस वीडियो के बारे में Washington Post ने ना सिर्फ वीडियो के बारे में लिखा है, बल्कि उसने कुछ चश्मदीदों की आंखों देखी भी बताई है. Washington Post को जो 90 सेकेंड का वीडियो दिया गया है, उसमें खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर Grey यानी स्लेटी रंग के Pick up Truck से, Parking Area से बाहर निकलता दिखा है. इसी दौरान सफेद रंग की Sedan कार भी Parking से निकलकर, उनके गाड़ी के साथ-साथ चलने लगे. इस दौरान जब निज्जर ने अपनी गाड़ी की रफ्तार बढ़ाई तो, सफेद कार में मौजूद लोगों ने भी कार की रफ्तार बढ़ा दी. इसके बाद दोनों कारें एक साथ एक ही Lane में आ गईं.
इसके बाद जैसे दोनों कारें अगल-बगल आईं, तो अपनी सफेद सिडान में बैठे 3 लोगों ने अपनी कार की रफ्तार बढ़ा दी. उन्होंने अपनी कार को निज्जर के Pick up Truck के सामने रोक दिया. निज्जर को भी अपनी गाड़ी में Brake लगाना पड़ा. इसके तुरंत बाद सफेद सिडान कार से दो हत्यारे निकले, उनके पास बंदूकें थीं. उन्होंने आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की तरफ बंदूक तानकर 50 गोलियां बरसाईं, जिसमें से निज्जर को 34 गोलियां लगीं.
आतंकी निज्जर की हत्या के तुरंत बाद, हत्या में इस्तेमाल की गई सिडान कार को लेकर एक व्यक्ति, वहां से फरार हो गया, जबकि हत्या में शामिल दो हमलावर भी दौड़ते हुए, वहां से भाग निकले. सिडान कार, घटनास्थल से तेजी से चली गई, जबकि दोनों हमलावर, पास के ही Cougar Creek Park से होते हुए, दूसरी तरफ की सड़क की ओर भागने लगे.
पीछा करने वाले चश्मदीद ने क्या बताया है
इस दौरान चश्मदीद रहे एक व्यक्ति ने उनका पीछा करने की भी कोशिश की. उसने Washington Post को बताया कि भाग रहे दोनों हमलावरों की लंबाई 5 से साढ़े 5 फीट के आसपास थी. इन हमलावरों के सिर पर छोटा पटका था, ये पटका आमतौर पर सिख पहनते हैं. पार्क से होते हुए ये दोनों हमलावर, दूसरी तरफ की सड़क पर पहुंचे जहां पर उनका इंतजार सिल्वर रंग की कार कर रही थी. इस कार में 3 लोग पहले से ही सवार थे. ये लोग, हमवारों का इंतजार कर रहे थे, ताकि वो इनको यहां से बचाकर ले जा सकें. इन हमलावरों का पीछा कर रहे व्यक्ति के मुताबिक, कार में सवार लोगों को वो नहीं देख पाए. पीछा करते समय निज्जर की हत्यारों ने पीछा कर रहे व्यक्ति पर भी बंदूक तान दी थी, जिसकी वजह से वो ज्यादा देर तक पीछा नहीं कर पाए. हमलावर जब कार में बैठ गए, तो कार में सवार पांचों साजिशकर्ता वहां से फरार हो गए.
पुलिस की थ्योरी में ये हैं झोल
इस पूरे घटनाक्रम में एक बात साफ नजर आ रही है कि, वो ये है कि आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में केवल दो लोग शामिल नहीं थे. दो लोगों के होने की बात कनाडा पुलिस ने बताई थी, जो कि गलत निकली. यही नहीं कनाडा पुलिस ने इस मामले में हत्या में इस्तेमाल कार को लेकर एक फोटो जारी की थी. इस आधार पर उन्होंने माना था कि हमले में केवल इसी एक कार का इस्तेमाल हुआ था. पुलिस की ये थ्योरी भी गलत साबित हुई. यही नहीं कनाडा पुलिस को अभी तक ये भी नहीं मालूम है कि इस हमले में शामिल लोग सिख थे, या कोई और.
गैंगवार क्यों लग रही, स्टेट स्पॉन्सर्ड किलिंग क्यों नहीं
आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के घटनाक्रम से एक बात साफ है कि हत्यारों ने अपनी पहचान छिपाने की ज्यादा कोशिश नहीं की थी. इस हत्या में 6 लोग और दो गाड़ियां शामिल थी, जिसमें से दो लोग वहां से दौड़ते हुए फरार हुए थे. हत्या के ये तरीके GANGWARS में बहुत आम माने जाते हैं, लेकिन जहां तक State Sponsored Targeted killing की बात है तो इन मामलों में ऐसा नहीं दिखाई देता है. जैसे- किसी State Sponsored Targeted killing में सामान्य तौर पर, कम से कम लोगों का इस्तेमाल किया जाता होगा, क्योंकि जितने ज्यादा लोग होंगे, उतना ही ज्यादा उनके पकड़े जाने का Risk रहेगा. Gangwars में ये बहुत सामान्य है, क्योंकि इसमें अपराधी ही अपराधी को मारने आते हैं, जिसमें हमले के लिए बड़ी टोली का इस्तेमाल किया जाता है.
उदाहरण के तौर पर अगर हम Gangsters के हमले का शिकार बने सिद्धू मूसेवाला की बात करें तो, उन पर हुए हमले में भी करीब 8 से 10 लोग शामिल थे. सिद्धू मूसेवाला कोई अपराधी नहीं थे, लेकिन वो दो Gangsters के झगड़े में फंस गए थे. अपराधियों के Gang ने सिद्धू को मारने के लिए, बड़ी संख्या में शूटर्स को एक जगह इकट्ठा किया था. ठीक ऐसा ही हरदीप सिंह निज्जर के मामले में भी हुआ है. यही नहीं, हरदीप सिंह निज्जर पर 50 गोलियां चलाई गई थीं, जिसमें उन्हें 34 गोलियां लगी थीं यानी उन्हें मारने आए हमलावर, उनकी मृत्यु सुनिश्चित करना चाहते थे. Gangsters भी इसी तरह से हमला करते हैं. सिद्धू मूसेवाला की हत्या में उन पर 25 गोलियां चलाई गई थीं यानी अपराधी उन्हें हर हाल में मारने के लिए ही आए थे.
State Sponsored Targeted killing होती है बिल्कुल उलट
State Sponsored Targeted killing में आमतौर से बहुत ही गुप्त तरीके से, हाईटेक हथियारों का इस्तेमाल किया जाता है. इस तरह के हमलों में कम से कम लोगों को शामिल किया जाता है. यही नहीं, अपने पीछे किसी तरह के सबूत नहीं छोड़े जाते हैं. हम आपको State Sponsored Targeted killing के कुछ उदाहरण देना चाहते हैं, जिनसे GANGWAR और State Sponsored Targeted killing के बीच का फर्क आपको समझ में आ जाएगा.
पहला उदाहरण: State Sponsored Targeted killing का पहला उदाहरण रूस के Alexander Litvinenko हैं.
- Alexander Litvinenko रूस की खुफिया एजेंसी KGB में थे, लेकिन वर्ष 2002 में वो रूस छोड़कर इंग्लैंड चले गए. वहां ये इंग्लैंड की खुफिया एजेंसी के साथ काम करने लग गए.
- नवंबर 2006 में Alexander की रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो गई थी. Postmortum Report में भी हत्या किए जाने के कोई सबूत नहीं मिल रहे थे.
- जांच की लंबी प्रक्रिया के बाद पता चला कि उन्हें खाने में रेडियोएक्टिव पदार्थ Polonium 210 दिया गया थाट इसकी वजह से ही उनकी मृत्यु हो गई थी. इस हत्या का आरोप रूस पर लगा था, जिसने इसे झूठा बताया.
दूसरा उदाहरण: उत्तर कोरिया के सुप्रीम लीडर किम-जोंग-उन के सौतेले भाई किम-जोंग-नाम की हत्या का है.
- फरवरी 2017 में मलेशिया के एक एयरपोर्ट पर किम-जोंग-नाम अपनी फ्लाइट का इंतजार कर रहे थे.
- इस दौरान दो लड़कियों ने उनके चेहरे पर सफेद पाउडर जैसा एक Nerve Agent फेंक दिया.
- इससे किम-जोंग-नाम को तुरंत ही लकवा मार गया, कुछ समय बाद उनकी मृत्यु हो गई.
- इस हत्या का आरोप उत्तर कोरियाई तानाशाह किम-जोंग-उन पर लगाया गया था.
तीसरा उदाहरण: 1950 और 1960 के दशक में इजरायल पर मिस्र के खुफिया अधिकारियों की हत्या Mail Bombs से करने के आरोप लगे थे.
- इसमें target के पास एक चिट्ठी भेजी जाती है, चिट्ठी में खास जहरीला तत्व होता है, जिसके संपर्क में आते ही व्यक्ति की मौत हो जाती है.
तो यहां पर हम आपको ये बताने की कोशिश कर रहे हैं, State Sponsored Targeted killing में गुप्त तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है. बड़ी संख्या में अपराधी जुटाकर, कैमरों और लोगों के सामने गोलियां चलाकर, किसी को नहीं मारा गया है. इस तरह की वारदात, Gang wars में होती है. यही वजह है कि आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को Gangwar का नतीजा बताया जा रहा है.
ट्रूडो भले ना मानें, लेकिन कनाडा में आम बात है गैंगवार
Canada के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भले ही न मानें, लेकिन उनके देश में Gangwar आम बात है.
- इसका एक उदाहरण बेअंत धारीवाल की हत्या है. वर्ष 2015 में Canada की Fraser Valley में Gangwar की वजह से धारीवाल की हत्या कर दी गई थी. जांच में ये पाया गया कि हत्या का ये मामला सिख समुदाय के बीच का विवाद था.
- वर्ष 2016 में कनाडा के टोरॉन्टो में 6 हजार करोड़ के सिंथेटिक ड्रग घोटाले में शामिल परमिंदर पिंदी के बेटे सुखविंदर की हत्या कर दी गई थी. परमिंदर पिंदी, इंटरपोल और पंजाब पुलिस का Wanted अपराधी था. कनाडा के पुलिस रिकॉर्ड्स के मुताबिक, सुखविंदर देव भी एक गैंगस्टर था और पंजाब पुलिस उसे भारत वापस लाना चाहती थी. इस हत्या को भी Gangwar माना गया था.
- वर्ष 2016 में ही रियल स्टेट कारोबारी अमरजीत सिंह संधू को ब्रिटिश कोलंबिया के रिचमंड शहर में मार दिया गया था. दिन दहाड़े हुई इस हत्या को भी Gangsters का काम बताया गया था.
- वर्ष 2018 में TORONTO के गगनदीप सिंह धालीवाल की हत्या कर दी गई थी. उस पर हुए हमले के दौरान, उसका भाई भी घायल हो गया था. पुलिस को अपनी जांच में पता चला कि हत्यारे केवल गगनदीप को मारने आए थे, लेकिन उन्हें हत्या के पीछे मकसद समझ नहीं आया.
- 2022 में कनाडा में रिपुदमन सिंह मलिक की हत्या भी Gangwar का ही नतीजा थी. मलिक ने हत्या के कुछ महीने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ में एक पत्र लिखा था. माना जा रहा है कि इसका बदला खालिस्तान समर्थक Gangsters ने लिया था. आपको जानकर हैरानी होगी, लेकिन निज्जर की हत्या, मलिक की हत्या की तरह ही की गई थी.
निज्जर की हत्या एक GANGWAR है, इसके संकेत मिल रहे हैं. लेकिन CANADA ने भारत पर जो आरोप लगाए हैं, उस पर UNGA में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इशारों-इशारों में बड़ी बात कही. उन्होंने कहा कि ट्रूडो अपने राजनीतिक फायदे के लिए खालिस्तानी विचारधारा को बढ़ावा दे रहे हैं.
भारत खालिस्तानी आतंक पर शिकंजा कसने की तैयारी में
CANADA सरकार भले ही भारत पर बिना सबूत झूठे आरोप लगा रही हो, लेकिन भारत खालिस्तानी आतंकियों को छोड़ने वाला नहीं है. भले ही खालिस्तानी आतंकियों को CANADA सरकार की मदद मिल रही हो, लेकिन भारत न CANADA पर नर्म है, ना ही वो खालिस्तानी आतंकियों पर. भारत सरकार खालिस्तानी आतंकियों और उनके समर्थकों पर, आर्थिक चोट पहुंचाने जा रही है. अब खालिस्तानी आतंकियों की विदेशी फंडिंग पर कार्रवाई की तैयारी हो रही है. खालिस्तानी आतंकी संगठनों और इनसे जुड़े NGO के खातों पर नजर रखी जा रही है. NIA, ED और IT डिपार्टमेंट मिलकर, खालिस्तानी संगठनों की विदेशी फंडिंग को रोकने की तैयारी में है. विदेशी फंड के सभी हवाला रूट पर नजर रखी जा रही है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.