DNA TV Show: हमास ने छोड़े 13 इजरायली, 4 दिन सीजफायर, क्या 7 हफ्ते बाद अब गाजा में शांति बन पाएगी

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Nov 24, 2023, 11:20 PM IST

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Israel Hamas War Updates: हमास के इजरायल पर हमले के बाद शुरू हुई जंग आखिर 49वें दिन अस्थायी तौर पर ही सही, लेकिन थम गई है. इजरायली बमों की बौछार के बीच भूख-प्याल से बेहाल गाजा के नागरिकों को भी राहत मिली है.

डीएनए हिंदी: Israel Hamas War Latest News- हमास के खिलाफ इजरायल की जंग आज 49वें दिन अस्थाई तौर पर रुक गई है. इजरायल और हमास के बीच हुए समझौते के तहत आज से अगले 4 दिन तक Ceasefire रहेगा. आज Ceasefire का पहला दिन है. पहले दिन हमास की तरफ से 13 बंधकों को रिहा किया गया, बदले में 39 फिलिस्तीनी कैदियों को इजरायल ने छोड़ा है. पहले से तय समझौते के तहत हमास ने 13 बंधकों को Rafah Border पर Red Cross की टीम के हवाले किया, बाद में बंधकों को Red Cross की टीम ने Israel Defence Force को सौंपा. यहां से Tel Aviv के अस्पताल में Medical Test के लिए इन सभी को रखा गया है. इसके बाद अगर सभी 13 बंधक स्वस्थ्य पाये जाते हैं तो उन्हें परिजनों को सौंप दिया जाएगा. इजरायल एक बंधक के बदले 3 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा कर रहा है, इस तरह चार दिन में जहां हमास 50 बंधकों को छोड़ेगा, तो बदले में इजरायल कुल 150 फिलिस्तीनी कैदियों को जेल से रिहा करेगा. इससे अस्थायी ही सही, लेकिन गाजा में शांति की एक उम्मीद बंधती दिख रही है.

गाजा के लोगों को भी मिली तेल और गैस

भारतीय समय के मुताबिक, Ceasefire आज सुबह साढ़े 10 बजे से शुरू हुआ. युद्धविराम के बाद की तस्वीरें भी सामने आई. मिस्र के Rafah Border से राहत सामग्री लेकर ट्रक गाजा में दाखिल होते हुए दिखाई दिए. Ceasefire समझौते के तहत 1 लाख 30 हज़ार लीटर Fuel, 200 ट्रक राहत सामग्री और Cooking Gas के 4 ट्रक प्रतिदिन गाजा जाएंगे. Ceasefire की वजह से गाजा के 23 लाख लोगों को 7 हफ्ते बाद बड़ी राहत मिली है. इजरायल के हमलों के बाद से गाजा के लोग संकट के दौर से गुजर रहे हैं, गाजा में खाने पीने का सामान, पीने के पानी, दवाइयों और बाकी जरूरत का सामान मुहैया ही नहीं है. अब 4 दिन के Ceasefire से इन लोगों तक राहत सामग्री पहुंचने का रास्ता जरूर खुल गया है.

क्या यु्द्ध अब खत्म हो गया है?

बंधकों की अदला-बदली के लिए भले ही Ceasefire पर इजरायल और हमास के बीच सहमति बनी है, लेकिन इजरायल का रुख नरम नहीं पड़ा है. इजरायल ने साफ किया है कि Ceasefire की समयसीमा खत्म होने के बाद वो जबरदस्त पलटवार करेगा.

बीच में टूटा सीजफायर तो क्या होंगे प्रभाव?

इजरायल का रुख हमास के प्रति नरम नहीं पड़ा है, Netanyahu हमास के खात्मे पर अड़े हुए हैं. बावजूद इसके, अगर Ceasefire समझौता ठीक से चार दिनों के लिए लागू रहता है, या फिर उससे पहले टूट जाता है. तब इसके क्या प्रभाव होंगें? इजरायल, गाजा और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को लेकर क्या Scenario बनेगा? उसे समझना भी जरूरी है. दरअसल मौजूदा Ceasefire को लेकर कुल चार तरह से Scenario बन रहे हैं.

  1. पहला: 4 दिन का Ceasefire ठीक से पूरा हो.
  2. दूसरा: Ceasefire 4 दिन से पहले ही टूट जाए.
  3. तीसरा: Ceasefire 4 दिन से आगे बढ़ भी सकता है.
  4. चौथा: Ceasefire की समयसीमा खत्म हो जाए.

सीजफायर बीच में टूटा तो...

क्यों है सीजफायर के पूरा होने पर संदेह

मौजूदा Ceasefire पर अमेरिका, Qatar और Turkiye को महीनेभर की कोशिशों के बाद कामयाबी मिली है. ये बात अलग है कि इसके लिए इजरायल को हमास की शर्तों को मानना पड़ा है, लेकिन इस Ceasefire को लेकर ना पूरी तरह इजरायल Satisfy हुआ, ना हमास Satisfy हुआ है. इसलिए 4 दिन के Ceasefire के पूरा होने पर भी संदेह है. ऐसे में सवाल ये कि अगर Ceasefire आगे बढ़ जाता है या फिर Expire हो जाता है, तब क्या Scenario बनेगा?

सीजफायर से चंद मिनट पहले भी किए इजरायल ने हमले

गाजा में इजरायल ने 24 नवंबर की सुबह उस वक्त भी हमले किए, जब सीजफायर शुरू होने में बस चंद मिनट बचे थे. हमास के खिलाफ युद्ध में इजरायल के लिए मिनट-मिनट कीमती है, इसलिए इजरायली सेना एक सेकंड भी जाया नहीं करना चाहती. सीजफायर को लेकर इजरायल और हमास के बीच 22 नवंबर को सहमति बन गई थी, लेकिन इसे लागू करने में 48 घंटे का वक्त लगा. इतने वक्त में इजरायल ने गाजा में भयानक तबाही मचाई.

गुरुवार को भी मारे गए हमास के कमांडर

इजरायल ने गुरुवार को हमास के नेवी कमांडर अमर अबु जलाला समेत कई आतंकियों को मार गिराया. इजरायल को इस बात की आशंका है, कि युद्धविराम के दौरान हमास के टॉप कमांडर और लीडर गाजा से अपना ठिकाना बदल सकते हैं. शायद इसी वजह से सीजफायर से पहले हमास को बड़ा नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई.

इजरायल सेना ने क्लियर मैसेज दिया है, कि जब सीजफायर के बाद जब दोबारा युद्ध शुरू होगा, तब पूरी ताकत के साथ लड़ाई शुरू होगी. इस लड़ाई का मकसद हमास का पूरी तरह खत्म करना होगा. इसलिए इजरायली सेना ने नॉर्थ गाजा के उन लोगों को फिर से चेतावनी दी है, जो साउथ शिफ्ट हो चुके हैं और युद्धविराम के दौरान वापसी की सोच रहे हैं. उन्हें मैसेज दिया गया है कि युद्ध अभी खत्म नहीं हुआ है और नॉर्थ गाजा की तरफ आना खतरे से खाली नहीं होगा.

गाजा को पूरी तरह तबाह कर चुका है इजरायल

इजरायल और हमास के बीच सीजफायर 49वें दिन हुआ है, इतने दिनों में इजरायल ने गाजा को करीब करीब तबाह कर दिया है। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक-

फिलहाल, इजरायल और हमास के बीच 4 दिन यानी 96 घंटे के सीजफायर पर समझौता हुआ है. जानकारों को आशंका है कि ये समझौता किसी भी वक्त टूट सकता है. अगर समझौता नहीं टूटा और समयसीमा खत्म हो जाती है, तब भी इजरायल ज्यादा ताकत और नए सिरे से हमास पर हमलों को अंजाम देगा. मतलब ये कि गाजा में शांति भले ही हुई है लेकिन ये अस्थायी है. युद्ध खत्म नहीं हुआ है.

हिजबुल्लाह के हमलों ने भी बनाया है इजरायल पर दबाव

इजरायल ने Ceasefire का समझौता हमास के साथ किया है. इसलिए इजरायल ने गाजा में 4 दिनों के लिए हमलों को रोक दिया है. लेकिन इजरायल इस युद्ध को मौजूदा समय दो मोर्चों पर लड़ रहा है. दूसरा मोर्चा Lebanon Border पर आतंकी संगठन हिजबुल्लाह के साथ खुला हुआ है.

गाजा में सीजफायर शुरू होने से कुछ घंटे पहले हिजबुल्लाह ने इजरायल पर Rocket हमले किए हैं. इजरायली सेना के मुताबिक, हिजबुल्लाह ने इजरायल को Target करके 50 Rocket दागे, जिसमें से करीब 20 को इजरायल नेLebanon में ही मार गिराया. साथ ही दावा किया कि हिजबुल्लाह के कई ठिकानों को हमला करके तबाह कर दिया.

हिजबुल्लाह दे रहा है हमास का इजरायल के खिलाफ साथ

दरअसल, हिजबुल्लाह ने इजरायल के खिलाफ 8 अक्टूबर को ही मोर्चा खोल दिया था, तभी से Lebanon की तरफ से Rocket से हमले किये जा रहे हैं, जिसका जवाब भी इजरायल दे रहा है. हिजबुल्लाह खुलकर हमास के समर्थन में खड़ा है, उसने हमास के नरसंहार को भी जायज ठहराया था. इजरायल के हमास के खिलाफ युद्ध शुरू करने के करीब 1 महीने बाद हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरुल्लाह मीडिया के सामने आया था, तब खुलकर हमास को समर्थन देने और इजरायल के खिलाफ युद्ध शुरू करने का ऐलान किया था.

हिजबुल्लाह से भी इजरायल की पुरानी दुश्मनी

आतंकी संगठन हिजबुल्लाह की इजरायल से दुश्मनी नई नहीं है. वर्ष 2006 में दोनों के बीच युद्ध हो चुका है, लेकिन समय के साथ इस आतंकी संगठन ने खुद को मजबूत किया है. आरोप लगते हैं कि हिजबुल्लाह को ईरान मदद करता है, लेकिन जिस तरह का रुख इजरायल ने अपनाया हुआ है, उससे इतना तो तय है, कि इजरायल जंग के हर मोर्चे के लिए तैयार है. 

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