DNA TV Show: अनंतनाग में 3 दिन से जारी एनकाउंटर में क्या हो रहा, 3 साल में कश्मीर में सबसे बड़े हमले की पूरी ABCD
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Jammu Kashmir Encounter Updates: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में भारतीय सुरक्षा बलों पर आतंकियों के हमले के बाद 3 दिन से एनकाउंटर जारी है. दावा है कि आतंकी हर तरफ से घिरे हुए हैं. इस एनकाउंटर का पूरा डीएनए पेश करती आज की रिपोर्ट.
डीएनए हिंदी: Anantnag Encounter Latest News- जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के कोकेरनाग के जंगलों में पिछले तीन दिने से भारतीय सुरक्षाबल आतंकियों से टक्कर ले रहे हैं. तीन दिन पहले एक सूचना पर कॉम्बिंग करने निकली भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीम पर आतंकियों ने हमला किया था. इस अचानक हमले के बाद सुरक्षा बलों ने ऑपरेशन शुरू किया, लेकिन दुखद खबर ये है कि इस एनकाउंटर में हमारे 3 अफसर रैंक के जवान शहीद हो चुके हैं और टकराव अब भी जारी है. इस एनकाउंटर में कितने आतंकी हैं, इस बारे में अभी तक कोई पक्की जानकारी नहीं है. लेकिन सूत्रों के मुताबिक 3 से 4 आतंकी बताए जा रहे हैं. अनंतनाग में सेना पर हुआ ये हमला, पिछले तीन वर्षों में हुआ सबसे बड़ा हमला कहा जा रहा है. इससे पहले 30 मार्च वर्ष 2020 को हुआ ये एनकाउंटर करीब 18 घंटे चला था, जिसमें कर्नल, मेजर और सब इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारियों समेत 5 जवान शहीद हो गए थे.
घात लगाकर किया था आतंकियों ने हमला
सेना को 12 सितंबर को ही जंगलों में आतंकियों के छिपे होने की जानकारी मिली थी, जिसके बाद ये ऑपरेशन शुरू हुआ था. उस दिन रात में इस ऑपरेशन को रोक दिया गया था. 13 सितंबर को दोबारा ऑपरेशन शुरू करने पर आतंकियों ने सुरक्षाबलों की घेराबंदी कर रखी थी. उन्होंने घात लगाकर अंधाधुंध फायरिंग की, जिसमें सेना की 19वीं राष्ट्रीय राइफल्स के commanding officer कर्नल मनप्रीत सिंह और मेजर आशीष धौंचक के अलावा जम्मू कश्मीर पुलिस के DSP हुमायूं भट शहीद हो गए हैं. ये एनकाउंटर तभी से जारी है. गुरुवार को भी पूरे दिन गोलियों की ही नहीं, बल्कि बम धमाकों की भी आवाजों से जंगल गूंजते रहे.
कौन है हमले की जिम्मेदारी लेने वाला TRF
- सेना पर घात लगाकर हुए इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े प्रतिबंधित संगठन The Resistance Front (TRF) ने ली है.
- The Resistance Front को वर्ष 2019 में बनाया गया था, इसका मुख्य कमांडर शेख सज्जाद गुल है. इसी वर्ष जनवरी में इस आतंकी संगठन पर प्रतिबंध लगाया गया है.
- TRF का मुख्य काम कश्मीरी युवकों को लश्कर-ए-तैयबा के लिए तैयार करना है. लश्कर के लिए यही संगठन आतंकी जुटाता है.
- पिछले कुछ समय में कश्मीरी पंडितों और प्रवासी मजदूरों की Target Killing के पीछे भी इसी संगठन का नाम सामने आता रहा है.
- जून 2018 में Rising kashmir के Editor सुजात बुखारी को भी इसी संगठन के आतंकी ने मार दिया था.
- TRF लश्कर का ऐसा Wing है, जो High Tech तरीके से युवाओं को आतंकी बनने के लिए प्रेरित करता है. Social Media पर ये आतंकी संगठन काफी Active था.
- इसी वर्ष जनवरी में TRF ने कश्मीर में रहने वाले सिखों को Target Killing की धमकी थी. धमकी में ये कहा गया था कि अगर कश्मीरी सिख पुलिस भर्ती में शामिल हुए या उनकी मदद की तो उन्हें मार दिया जाएगा.
लश्कर और जैश के होते हुए भी क्यों बनाया गया था TRF
कई रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद इस संगठन को बनाया गया. दरअसल वर्ष 2019 से पाकिस्तान पर FATF यानी Financial Action Task Force का काफी दबाव था. आतंकियों को आर्थिक मदद देने के आरोप में FATF, पाकिस्तान पर कई तरह के प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रहा था. यही नहीं IMF ने भी आतंक को बढ़ावा देने के आरोप में पाकिस्तान को आर्थिक मदद देने से इनकार कर दिया था. कंगाल होने के कगार पर खड़े पाकिस्तान की मजबूरी ये थी कि वो खुलकर लश्कर की मदद नहीं कर पा रहा था. इसलिए लश्कर को Sleep Mode में डालकर पाकिस्तान ने उसकी मदद से TRF बनाया था. पिछले कुछ वर्षों में आतंकी संगठन TRF, कश्मीर घाटी में सबसे ज्यादा एक्टिव रहा है.
वर्ष 2022 में जम्मू-कश्मीर में 172 आतंकियों का एनकाउंटर हुआ था, इनमें से 108 आतंकी इसी संगठन से जुड़े हुए थे. वर्ष 2022 में घाटी के करीब 100 युवा, अलग-अलग आतंकी संगठनों में शामिल हुए हैं, जिनमें से 74 युवा, TRF में ही शामिल हुए थे.
उजैर खान है अनंतनाग हमले का मास्टरमाइंड
अनंतनाग में हुए आतंकी हमले में सबसे बड़ा नाम उजैर खान का सामने आ रहा है. उजैर खान स्थानीय आतंकी है, जिसने आतंक की ABCD पाकिस्तान में पढ़ी है. भारतीय सुरक्षाबलों ने जम्मू कश्मीर में गिने-चुने आतंकियों की एक फेहरिस्त बनाई हुई है, जिसमें उज़ैर खान का भी नाम है. लश्कर आतंकी उजैर खान पिछले साल सितंबर से आतंकी गतिविधियों में एक्टिव है. इसके बाद से ही वो सेना की Hit List में आ गया था. कुछ महीने पहले अनंतनाग के सगम में हुए एनकाउंटर में आतंकी उजैर खान, किसी तरह से चकमा देकर भागने में कामयाब रहा था. उस एनकाउंटर में आतंकी उज़ैर, घायल भी हुआ था. ये भी कहा जा रहा है कि पिछले महीने 4 अगस्त को कुलगाम में कुछ आतंकियों ने सेना को टारगेट किया था. माना जा रहा है कि वो हमला भी इन्हीं आतंकियों ने किया था. 4 अगस्त को कुलगाम में हुए एनकाउंटर में 3 जवान शहीद हो गए थे.
सेना ने की हुई है सख्त घेराबंदी, ड्रोन से भी हो रही तलाश
इस आतंकी हमले को लेकर कई तरह की बातें सामने आ रही हैं. सेना के जवान, अपने घेराबंदी से किसी भी आतंकी को बचकर निकलने का मौका नहीं देना चाहते हैं. कोकेरनाग के जिस इलाके में आतंकियों के साथ एनकाउंटर चल रहा है, उसको पूरी तरह से घेर लिया गया है. यही नहीं हेलिकॉप्टर के जरिए आतंकियों की तलाश की जा रही है. सेना ने आतंकियों की तलाश के लिए DRONES की भी मदद ली है.
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI की है एनकाउंटर में साजिश
अनंतनाग में हुए इस एनकाउंटर को लेकर कई खुफिया जानकारियां सामने आ रही हैं. बताया जा रहा है कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का हाथ है. दरअसल पिछले कुछ समय से जम्मू कश्मीर के पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों पर बड़े हमले करने का दबाव था, ISI ने इन आतंकी संगठनों को चेतावनी दी थी, कि अगर वो बड़े हमले में कामयाब नहीं हुए, तो उनको पाकिस्तान से मिल रही Funding रोक दी जाएगी. अनुच्छेद 370 हटने के बाद से, जम्मू कश्मीर में बड़े हमले ना कर पाने से ISI परेशान थी, इसीलिए वो कश्मीर में मौजूद अपने आतंकियों को हथियार पहुंचाने की कोशिशें करती रहती है.
खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक जुलाई महीने में भी पाक अधिकृत कश्मीर एक गांव में बड़े पैमाने पर हथियार इकट्ठा किए गए थे, जिन्हें भारत भेजने की तैयारी की जा रही थी. हथियार भेजने के लिए ISI ऐसे कश्मीरियों को चुनती थी जिन्हें LoC की पूरी जानकारी है. ये भी पता चला है कि हथियारों की खेप भेजने के लिए लश्कर के दो आतंकियों को जिम्मेदारी दी गई थी, जिसमें एक आतंकी कुपवाड़ा का रहने वाला है.
लश्कर आतंकियों के दो ग्रुप ने की है घुसपैठ
ये भी जानकारी मिल रही है कि लश्कर कमांडर हबीबुल्ला मलिक उर्फ साजिद और रफीक उर्फ सुल्तान ने सीमापार से आतंकियों के दो गुटों को भारतीय सीमा में दाखिल कराया है. खुफिया जानकारी के मुताबिक, 10 से 12 आतंकियों की घुसपैठ कराने की साजिश हुई थी, जिसमें से एक ग्रुप ने 20 अप्रैल को पुंछ में सेना के ट्रक पर हमला किया था. खुफिया एजेंसियों को शक है कि जो आतंकी PoK में ट्रेनिंग ले चुके हैं, उनकी घुसपैठ की जिम्मेदारी तहरीक उल मुजाहिद्दीन के कमांडर रफीक को ही दी गई है.
LoC के करीब टैरर कैंप एक्टिव कर रहा है पाक
पिछले काफी समय से पाकिस्तान, भारत में आतंकी गतिविधियां करने में नाकाम रहा है. पाकिस्तान पर प्रतिबंधों का खतरा है, वो अपने यहां से संचालित होने वाले आतंकी संगठनों को खुलकर मदद नहीं दे पा रहा है. इसीलिए वो कश्मीर में मौजूद आतंकी संगठनों को मदद पहुंचा रहा है. इसके लिए PoK में सक्रिय Terror Camps को LoC के नजदीक शिफ्ट किया गया है, जहां पिछले कुछ समय से Trained आतंकियों की संख्या बढ़ाई है.
- खुफिया जानकारी के मुताबिक PoK में मुख्य 3 Terror Camp Location पूरी तरह Active हुए हैं.
- इन तीन लोकेशन में पहला है मानशेरा, दूसरा है मुजफ्फराबाद, तीसरा है कोटली.
- मानशेरा में 3 बड़े Terror Camp हैं, जिनके नाम बोई, बालाकोट, गढ़ी हबीबुल्लाह हैं.
- कोटली में पाकिस्तानी सेना की PoK Brigade के सैनिक भी आतंकियों के साथ मौजूद रहते हैं.
- इन Terror Camps का मुख्य काम है Launch Pad के जरिए, भारतीय सीमा पर बसे इलाकों में घुसपैठ करवाना.
हालांकि अभी ये कहना मुश्किल है कि अनंतनाग में मौजूद आतंकी, घुसपैठ के जरिए आए थे, या फिर वो घाटी के स्थानीय आतंकी ही हैं, लेकिन खुफिया एजेंसियों से मिली जानकारी से इतना तय है, कि पाकिस्तान, भारत में बड़ी घुसपैठ कराने के लिए एक बार फिर से तैयार है. पाकिस्तानी सेना से Training पा चुके आतंकी, अब भारत में आकर, बड़े हमले की फिराक में हैं.
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