DNA TV Show: विपक्षी दलों के फोन हैक करा रही सरकार, कितना दम है इस दावे में, कैसे होता है स्टेट स्पॉन्सर्ड अटैक
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iphone Hacking Row: विपक्षी दलों के नेताओं के फोन पर एप्पल कंपनी की तरफ से आए अलर्ट ने भारतीय राजनीति में भूचाल ला दिया है. केंद्र सरकार पर फोन हैकिंग के आरोप लग रहे हैं. आज इस रिपोर्ट में जानिए इस पूरे विवाद का डीएनए.
डीएनए हिंदी: Opposition Leaders Phone Hacking Updates- देश में आज सुबह से ही विपक्ष के नेता, ट्विटर पर एक खास तरह का मैसेज या ईमेल के Screenshot शेयर कर रहे हैं. ये मैसेज और ईमेल, उन लोगों को आए हैं, जो iphone इस्तेमाल करते हैं. iphone बनाने वाली कंपनी Apple.inc की तरफ से आज देश के कई नेताओं को एक खास तरह का Security Notification आया है. इन Notification ने देश में राजनीतिक भूचाल ला दिया है. देश की राजनीति में जो हंगामा Spyware Pegasus को लेकर हुआ था. ठीक वैसे ही इस बार विपक्ष के नेता, केंद्र सरकार पर iphone Hack करने की कोशिश का आरोप लगा रहे हैं.
पहले जानिए क्या आया है मैसेज
सबसे पहले तो हम आपको वो मैसेज दिखाते हैं, जो इन नेताओं के मोबाइल फोन पर आए हैं. Apple की तरफ से भेजे गए इस मैसेज का टाइटल देखकर ही विपक्ष के नेता परेशान हो गए. इसमें लिखा था- Alert-State Sponsored Attackers May Be Targeting Your iPhone. हिंदी में इसका मतलब है- सावधान- राज्य प्रायोजित हमलावर आपके आईफोन को निशाना बना रहे हैं.
इस अलर्ट में जिन हमलावरों की बात हो रही है, उन्हें आप Hackers कह सकते हैं. जिन लोगों को ये मैसेज आया है, उनसे Apple यही बताना चाहता है, कि उनके मोबाइल फोन पर Hacking की कोशिश हुई है. यही बात विपक्ष के नेताओं को परेशान कर रही है और इसी वजह से वो केंद्र सरकार पर जासूस करवाने का आरोप लगा रहे हैं.
किन नेताओं को आ चुके हैं मैसेज
अभी तक जिन नेताओं को ये मैसेज या ईमेल आए हैं, उनमें महुआ मोइत्रा, शशि थरूर, राहुल गांधी,राघव चड्ढा, पवन खेड़ा, असदुद्दीन ओवैसी जैसे नेता हैं. इन सभी नेताओं ने अपने-अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट करके इस मैसेज के आने की जानकारी दी है. इन सभी के पास लगभग एक ही तरह का मैसेज आया है, जिसमें बताया गया है कि उनके iphone को Hack करने की कोशिश की गई है और इसके पीछे राज्य प्रायोजित साइबर हमलावर हो सकते हैं. आप देख सकते हैं कि विपक्ष के कई नेताओं को ये मैसेज मिले हैं.
इस मैसेज में कुछ बातें और लिखी हुई हैं, जैसे इसमें लिखा है कि ये हमलावर शायद आपको, आपके पद या आपके काम की वजह से टारगेट कर रहे हैं. अगर आपका Device किसी राज्य प्रायोजित हमलावर का का शिकार हो गया है, तो हो सकता है कि वो आपकी निजी जानकारी, आपकी बातचीत, यहां तक कि आपका कैमरा और माइक्रोफोन में भी सेंध लगा रहे हों. हालांकि इस मैसेज में एक लाइन ये भी लिखी हुई है कि हो सकता है ये एक False Alarm यानी झूठी चेतावनी हो, लेकिन फिर भी इस चेतावनी को गंभीरता से लीजिए. हालांकि इस तरह के नोटिफिकेशन दुनिया के 150 देशों में भेजे गए हैं.
फिर पेगासस जैसा विवाद शुरू हो गया
मैसेज को देखने के बाद, विपक्ष के नेताओं ने सबसे पहले केंद्र सरकार पर जासूसी करवाने का आरोप लगा दिया. इन नेताओं ने इस मैसेज के जरिए देश को ये बताने की कोशिश की कि सरकार, चुनावों से पहले विपक्ष के नेताओं की जासूसी करवा रही है. इससे पहले भी केंद्र सरकार पर पेगासस के जरिए जासूसी करवाने के आरोप लगाए जाते रहे हैं. पेगासस को लेकर जो आरोप लगाए जा रहे हैं, इस बार APPLE की तरफ से भेजे गए Security Notification को लेकर भी यही आरोप लगाए जा रहे हैं. जासूसी करवाने के आरोपों पर जवाब ये दिया गया कि सरकार इस मुद्दे पर गंभीर है.
एप्पल ने भी दिया है अलर्ट पर नोटिफिकेशन
अब सवाल ये है कि इस मैसेज का मतलब क्या है और Apple कंपनी ने इस मैसेज को लेकर क्या जानकारी दी है. iPhone की सुरक्षा से जुड़े इस मामले को लेकर जब हंगामा ज्यादा हुआ, तो इस पर Apple की तरफ से भी जवाब आया. हम ये जानकारी दे पाने में अक्षम हैं कि किन कारणों से हम Threat Notification जारी करते हैं, क्योंकि ऐसा करने से State Sponsored Attackers, सतर्क हो जाएंगे और फिर वो हमला करने के अपने तरीके, ऐसे बदल लेंगे कि भविष्य में पकड़ में नहीं आ पाएंगे. Apple ने अपने जवाब में कहा है कि वो खतरे की इस चेतावनी को किसी विशेष राज्य प्रायोजित हमलावर से नहीं जोड़ते.
यही नहीं Apple ने ये भी कहा है कि राज्य प्रायोजित हमलावरों को अच्छा पैसा मिलता है. वो बहुत शातिर तरीके से काम करते हैं. उनके हमले भी समय के साथ बेहतर होते जाते हैं. ऐसे हमलों का पता लगाने के लिए उन्हें Threat Intelligence Signal पर निर्भर रहना पड़ता है. ये Threat Intelligence Signal कई बार सही नहीं होते हैं.
एप्पल के बयान से मिल रहा है क्या मैसेज
इससे स्पष्ट है कि ये संभव है Apple की तरफ से गए Threat Notification, या तो False Alarm यानी झूठी चेतावनी हैं या फिर हमले का पता ना लग पाने की वजह से गए हों. Apple का कहना है कि वो Threat Notification भेजे जाने के कारणों से जुड़ी कोई भी जानकारी नहीं दे सकते. ऐसा करने पर राज्य प्रायोजित हमलावर सतर्क हो जाएंगे और भविष्य में हमलों का पता लगाना मुश्किल हो जाएगा. Apple ने अपने जवाब में ये तो बता दिया कि, जब कोई Hacker, किसी iPhone को Hack करने की कोशिश करता है, तो इस तरह के Threat Notification आते हैं। तो क्या इस तरह के मैसेज आना, कोई ऐसी बड़ी घटना है, जिससे बहुत ज्यादा डरने की जरूरत है? या फिर ऐसे मैसेज आने पर सतर्क हो जाना चाहिए और जरूरी कदम उठाने चाहिए.
क्या होता है State Sponsored Attack
विपक्ष जिस वजह से केंद्र सरकार पर जासूसी का आरोप लगा रहा है. उसकी एक वजह है मैसेज के Title में State Sponsored Attackers यानी राज्य प्रायोजित हमलावर लिखा होना. आपको भी ये बताना जरूरी है कि आखिर ये State Sponsored attack क्या होता है?
- आपको बता दें कि Apple के पास, दुनिया के सबसे खतरनाक Spyware का एक Database हैं.
- Apple इन Spyware के पकड़े जाने वाले इनके काम करने के तरीकों पर रिसर्च करता है.
- इस रिसर्च के रिजल्ट के हिसाब से ही एप्पल अपने यूजर्स को Spyware से सुरक्षा देता है.
- कुछ Spyware बनाने वाली कंपनियां केवल किसी देश की सरकार को ही Spyware बेचती हैं.
- ऐसा करने के पीछे ये कंपनियां सुरक्षा कारणों का हवाला देकर अपना काम सही ठहराती हैं.
- सरकारें भी देश की सुरक्षा का हवाला देकर इन कंपनियों से Spyware खरीदती हैं.
- इन्हीं Spyware को State Sponsored Spyware कहते हैं.
पेगासस है State Sponsored Spyware का उदाहरण
आपने Pegasus का नाम सुना ही होगी, जिसने भारत की राजनीति में भूचाल ला दिया था. Pegasus Spyware को इजरायल की कंपनी NSO Group बनाता है. ये कंपनी, केवल देश की सरकारों को ही Pegasus बेचती है. इसी तरह की कुछ और State Sponsored Spyware भी हैं जैसे Candiru और Quadream. पेगासस की तरह ही ये दोनों Spyware भी इजरायली कंपनियों के ही हैं और इन्हें बनाने वाली कंपनियों भी, देश की सरकारों को ही Spyware बेचती हैं. इस तरह के State Sponsored Spyware से किसी देश के खास व्यक्ति पर हमला करवाया जाता है, तो इसे State Sponsored Spyware Attack कहते हैं.
क्या iphone को हैक किया जा सकता है?
ऐसा माना जाता है कि iPhone कभी Hack नहीं हो सकता है, लेकिन अगर आप iPhone User हैं और आप भी यही सोचते हैं तो आप सावधान हो जाइए, क्योंकि iPhone भी Hack हो सकता है. ये अलग है कि Android Mobile Phone के मुकाबले iPhone की सुरक्षा में सेंध लगाना मुश्किल है, लेकिन ये नामुमकिन नहीं है. Apple ने भी माना है कि उसके iPhone और iPad को Hack किया जा सकता है.
Apple के मुताबिक, अगर आपके iPhone या iPad सबसे नए वर्जन में Update नहीं हैं, तो ऐसे 27 तरीके हैं, जिनसे इन्हें Hack किया जा सकता है. चलिए अब हम आपको कुछ खास तरीकों के बारे में बताते हैं, जिनसे iPhone Hack हो जाता है.
कैसे पता लगाएं कि फोन हैक तो नहीं हो गया
अब सवाल ये है कि मोबाइल फोन Hack हुआ है या नहीं, ये कैसे पता लगाएं. साइबर एक्सपर्ट का कहना है कि मोबाइल फोन जब Hack होता है तो उसमें कुछ खास बदलाव देखे जाते हैं-
- मोबाइल फोन में बहुत सारे Popups और Ads आने लगते हैं.
- मोबाइल फोन में अंजान Application नजर आती है.
- मोबाइल फोन बहुत धीमा हो जाता है यानी धीमे काम करता है.
- मोबाइल फोन पर संदिग्ध मैसेज या Calls आने लगते हैं.
- मोबाइल इंटरनेट Data का इस्तेमाल अचानक बढ़ जाता है.
आपको ये बताना भी जरूरी है कि State Sponsored Spyware का पता लगाना बहुत मुश्किल होता है, लेकिन फोन की Forensic जांच के जरिए इसका पता लगाना संभव भी है.
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