DNA TV Show: अब Paytm करें या नहीं? जानिए RBI की रोक का कस्टमर्स पर कितना होगा असर

कुलदीप पंवार | Updated:Feb 01, 2024, 11:50 PM IST

Paytm Payments Bank Updates: देश में डिजिटल क्रांति के बीच क्यूआर कोड स्कैन कर ऐप के जरिये भुगतान करने की आदत लोगों को डाल दी है, जिसमें सबसे बड़ा प्लेयर पेटीएम ही रहा है. उसके खिलाफ कार्रवाई के असर का डीएनए पेश कर रही है ये रिपोर्ट.

डीएनए हिंदी: RBI Step Against Paytm- आज देश के 30 करोड़ से ज्यादा लोग एक दूसरे से सवाल पूछ रहे हैं, 'Paytm करें या नहीं'? दरअसल Reserve Bank Of India ने Fintech Company Paytm को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है. आपमें से बहुत से लोग छोटे-मोटे लेनदेन के लिए Paytm मोबाइल एप का इस्तेमाल करते होंगे. आपने वो ऐड भी देखा होगा, जिसमें कहते हैं 'Paytm करो'. लेकिन बहुत से लोगों को शंका है कि क्या अब ऐसा हो पाएगा. दरअसल RBI ने Paytm की Paytm Payments Bank की Services को रद्द कर दिया है.  आपमें से बहुत से लोग Paytm ऐप की Banking Services का इस्तेमाल करते होंगे. आपमें से बहुत सारे लोगों ने Post Paid Payment Services का भी इस्तेमाल किया होगा. Paytm में बैंक खाता खुलवाया होगा, या फिर आप Paytm का डेबिट कार्ड इस्तेमाल करते होंगे. यही नहीं आपमें से बहुत सारे लोग तो Paytm की Wallet सर्विस का इस्तेमाल कर रहे होंगे. RBI के रोक लगाने का क्या मतलब है और इसका Paytm के उपभोक्ताओं पर क्या असर पड़ेगा? आगे आने वाले वक्त में Paytm ऐप या उसकी सर्विसेज जैसे FAS Tags, Wallet या बैंक खाते का इस्तेमाल कर पाएंगे या नहीं, आज ये हम आपको बताने वाले हैं.

पहले जान लीजिए आरबीआई की कार्रवाई का ब्योरा

जब देश में कोरोना महामारी का दौर था तब देश में Digital Payment क्रांति चल रही थी. इस क्रांति का अगुवा Paytm ऐप था. यही वजह है कि आज देश में 30 करोड़ से ज्यादा Paytm यूजर्स हैं. इन यूजर्स पर ही आरबीआई के आदेश का प्रभाव पड़ेगा. सबसे पहले आपको बता दें कि RBI ने Banking Regulation Act, 1949 की धारा 35A के तहत Paytm पर कार्रवाई की है.

आरबीआई ने PPBL को जारी किए हैं ये निर्देश

RBI ने Banking Regulation Act, 1949 की धारा 35A के तहत PPBL के लिए जो निर्देश जारी किए हैं, उनके मुताबिक-

UPI पेमेंट्स का इतिहास भी समझ लीजिए

आमतौर पर Digital Payments के लिए देश में एक सरकारी संस्था है, जिसे National Payments Corporation Of India कहते हैं. डिजिटल पेमेंट के लिए हम जिस UPI यानी Unified Payments Interface का इस्तेमाल करते हैं, वो इसी संस्था की निगरानी में डेवलप हुआ है. अप्रैल 2016 में मोबाइल से Digital Payment के विकल्प UPI को देश के सामने पेश किया गया था, लेकिन उस वक्त Digital Payment जैसी सुविधा कुछ मोबाइल ऐप ही उपलब्ध करवाते थे. इन ऐप कंपनियों के अपने Payment Gateway थे, जिनके जरिए पैसों का लेनदेन होता था. Payment Gateway को आप डिजिटल दुनिया की एक ऐसी अतिसुरक्षित जगह मान सकते हैं, जिसके जरिए लेनदेन काफी सुरक्षित और आसान हो जाता है.

UPI ने ऐसे बदला लेनदेन का चलन

कई मोबाइल ऐप ऐसे भी थे, जिन्होंने अलग से Wallet Service शुरू की थीं. इसमें मोबाइल ऐप के Wallet में डेबिट या क्रेडिट कार्ड से पैसे जमा किए जाते थे, और फिर उस Wallet से दूसरे व्यक्ति के उसी मोबाइल ऐप के Wallet में भेज दिए जाते थे. Wallet से पैसों का लेनदेन इसी तरीके से किया जाता था, लेकिन उस वक्त समस्या ये थी कि मोबाइल ऐप के Wallet से पैसा अपने बैंक अकाउंट में वापस डालना एक चुनौती था. Wallet से बैंक अकाउंट में पैसा भेजने पर मोबाइल ऐप सर्विस चार्ज लेती थीं.

साल 2016 में NPCI जब UPI लेकर आया, तो ये एक ऐसी सर्विस थी, जिसमें एक व्यक्ति अपने बैंक अकाउंट से दूसरे व्यक्ति के बैंक अकाउंट में पैसा ट्रांसफर कर सकता था. फिर चाहे वो रकम कितनी भी छोटी क्यों ना हो. अपने मोबाइल फोन से छोटी से छोटी रकम, दूसरे व्यक्ति के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करने का ये सिस्टम लोगों में लोकप्रिय होने लगा. इसके बाद Digital Payment को बढ़ावा देने के लिए NPCI ने 'Bharat Interface Of Money' नाम से एक मोबाइल ऐप बनाया, इसे 'Bheem (भीम) ऐप' भी कहा जाता है. उस वक्त इस मोबाइल ऐप के जरिए Digital Payment की जाती थी. जिस व्यक्ति के पास ये मोबाइल ऐप होता था, वो मोबाइल फोन के जरिए सीधे दूसरे व्यक्ति के बैंक अकाउंट में पैसा ट्रांसफर कर सकता था, वो भी बिना किसी सर्विस चार्ज के.

Paytm की कहानी भी जान लीजिए

जहां तक Paytm की बात है तो वर्ष 2014 से पहले Paytm भी अपने Payment Gateway के जरिए ही मोबाइल ऐप यूजर्स को मोबाइल या DTH रीचार्ज जैसी सेवाएं देता था. इसके बाद वर्ष 2014 में Paytm ने Wallet Service लॉन्च कर दी थी. UPI एक ऐसा Payment Gateway था, जिसका इस्तेमाल Digital Payment से जुड़ी, हर कंपनी करना चाहती थी. Paytm ने भी यही किया. Digital Payment के मामले में Paytm को काफी पंसद भी किया गया था. वर्ष 2017 में Paytm ने अपनी Banking Services भी शुरू की, जिसके लिए RBI से Payment Banking License भी लिया. Payment Banking License मिलने के बाद Paytm Payments Banking Ltd कंपनी अपने ग्राहकों के बैंक खाते खोल सकती थी, उनके पैसे जमा कर सकती थी, ग्राहकों को डेबिट कार्ड भी दे सकती थी. इन्हीं बैंकिग सेवाओं में गड़बड़ी की आशंका के बीच RBI ने एक्शन लिया है.

Paytm ने दी है ग्राहकों के सामने ये सफाई

RBI के इस एक्शन के बाद Paytm ने अपने ग्राहकों के सामने अपने पक्ष में सफाई पेश की है.

पेटीएम की गड़बड़ियां क्यों नहीं बता रहा आरबीआई

पेटीएम की बैंकिंग सर्विसेज़ पर एक्शन तो लिया गया है लेकिन एक सवाल का जवाब RBI ने फिलहाल नहीं दिया है. वो सवाल ये है कि आखिर किन गड़बड़ियों की वजह से PAYTM की बैंकिंग सर्विसेज़ को बंद किया गया है. कुछ लोगों का ये मानना है कि RBI ने PAYTM पर बहुत सख्त कार्रवाई की है, लेकिन ऐसा नहीं है. पिछले कुछ वर्षों से RBI, बैंकिग सेवाओं को लेकर PAYTM के सामने कुछ खास मुद्दे उठाता रहा है. RBI ने भी ये बात साफ की है, कि PAYTM ने बैंकिंग से जुड़ी उनकी चिंताओं का समाधान नहीं निकाला है. आपको जानना जरूरी है कि-

आरबीआई के एक्शन की ये भी हैं वजह

जानकारों के मुताबिक, RBI एक्शन की कुछ खास वजह बताई गई हैं, जैसे-

चीन से संबंध होना तो नहीं पड़ रहा भारी

आरोप ये भी है कि Paytm में चीन का पैसा लगा है. दिसंबर 2023 तक चीन की कंपनी अलीबाबा की एक सहयोगी कंपनी 'Antfin' की paytm में 9.89 प्रतिशत की हिस्सेदारी थी. पिछले कुछ वर्षों में भारत और चीन के बीच संबंधों में जो दरार आई है, उसके चलते चीन की कंपनियों की तरफ से भारत में हो रहे निवेश पर नजर रखी जा रही है.

500 करोड़ रुपये तक घट सकती है पेटीएम की कमाई

पेटीएम के मुताबिक, उसकी बैंकिंग सर्विसेज बंद होने की वजह से उनकी कमाई पर 300 से 500 करोड़ रुपये तक का असर पड़ सकता है. RBI की कार्रवाई का असर आज शेयर मार्केट में भी दिखा है. Paytm के शेयर 20 प्रतिशत तक गिर गए. Digital Payments के मामले में भारत, दुनिया में सबसे आगे है. पश्चिमी देश भी अब भारत के UPI सर्विस को इस्तेमाल करने के बारे में सोच रहे हैं. Paytm भारत में डिजिटल पेमेंट की क्रांति का पोस्टर बॉय रहा है. RBI की कार्रवाई से साफ है कि Paytm अपनी बैंकिंग सर्विसेज़ में कुछ तो ऐसी ढिलाई बरत रहा था, जिसकी वजह से सख्त एक्शन लेना पड़ा है.

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