DNA TV Show: स्पेनिश महिला रेप केस ने लगाया 'अतिथि देवो भव:' की संस्कृति वाले भारत पर बदनुमा दाग, कैसे सवालों में हैं सब

Written By कुलदीप पंवार | Updated: Mar 06, 2024, 12:50 AM IST

DNA TV SHOW

DNA TV Show: हमारे समाज में आज भी ऐसे लोग बसते हैं, जिनके लिए अकेली महिला 'मौका' है. फिर झारखंड में स्पेनिश महिला के साथ 8 लोगों द्वारा किए कुकृत्य जैसा अपराध ही सामने आता है. भारत की संस्कृति पर दाग लगाने वाले इस अपराध का DNA करती ये रिपोर्ट.

DNA TV Show: आज सबसे पहले समाज के उन लोगों की सोच की बात, जो भीड़ में तो महिलाओं के सम्मान, महिलाओं की सुरक्षा और महिलाओं के न्याय के लिए आवाज बुलंद करते हैं. लेकिन अकेली महिला को देखकर उन्हें 'मौका' समझने लगते हैं. अकेली महिला देखकर जिनका मन-मस्तिषक दूषित हो जाता है. इसी दूषित मानसिकता से झारखंड में स्पेनिश महिला को 8 लोगों ने अपना शिकार बनाया और गैंगरेप जैसा अपराध किया. अतिथि देवो भव: की संस्कृति वाले भारत में ऐसी घटनाओं के लिए समाज और सिस्टम सवालों के घेरे में है. भारतीय संस्कृति में अतिथि को देवता समान माना गया है, यानी अगर कोई मेहमान हमारे घर आए तो उसका देवता स्वरूप सम्मान करना चाहिए. अगर अतिथि गांव में आए, शहर में आए या फिर हमारे देश में आए तो उसके सम्मान की सामूहिक जिम्मेदारी सबकी बनती है. लेकिन कुछ लोगों की मानसिकता इतनी गंदी हो चुकी है कि अतिथि को देवता समान मानना तो दूर वो उनके साथ अपराध करने से भी नहीं चूकते, उन्हें बस एक मौका चाहिए होता है.

दुमका में हुआ है ये जघन्य अपराध

पिछले चार दिन से एक विदेशी मेहमान के साथ हुई घटना की चर्चा पूरे देश में हो रही है. आपने भी सुना ही होगा, कि झारखंड के दुमका में एक स्पेनिश ट्रैवल ब्लॉगर महिला के साथ 8 लोगों ने Gangrape जैसे जघन्य अपराध को अंजाम दिया. किसी विदेशी विदेशी मेहमान के साथ जब भी कोई घटना होती है, तो इससे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि खराब होती है. इसके लिए हमारा समाज और सिस्टम जिम्मेदार है. दुमका की घटना ने आज समाज, सिस्टम और सियासतदानों को सवालों के कठघरे में खड़ा कर दिया है. सवाल क्यों उठ रहे हैं, इसका विश्लेषण करेंगे, पहले आपको इस घटना के बारे में जानना चाहिए. दरअसल,

  • ट्रैवल ब्लॉगर स्पेनिश महिला अपने पति के साथ शुक्रवार को दुमका पहुंची थी.
  • अंधेरा होने की वजह से दंपत्ति ने कुंजी गांव के खेतों में टेंट लगाकर रुकने का फैसला किया.
  • दर्ज FIR के मुताबिक शाम 7 बजे 2 लोग बाइक से पहुंचे, फिर उन्होंने कुछ और लोगों को फोन करके बुला लिया.
  • आरोपियों ने महिला के पति से मारपीट की और टेंट में बंधक बना लिया, फिर उसके साथ लूटपाट भी की.
  • बाकी आरोपी स्पेनिश महिला को अपने साथ टेंट से बाहर ले गए और सभी ने रेप किया.
  • रात करीब साढ़े 10 बजे पुलिस को घटना की जानकारी मिली, फिर पीड़िता को अस्पताल पहुंचाया गया. 
  • अस्पताल में पीड़ित स्पेनिश महिला के साथ गैंगरेप किए जाने की पुष्टि हुई.
  • बाद में पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर 8 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की.

एक विदेशी महिला के साथ गैंगरेप जैसा संगीन अपराध हुआ है, समाज के उन 8 लोगों पर आरोप लगा है, जो नारी सम्मान को लेकर बड़ी-बड़ी बाते करते हैं. विदेश में अगर किसी भारतीय महिला के साथ कोई दुर्घटना हो जाये तो पूरा देश आहत हो जाता है, इंसाफ के लिए आवाज बुलंद होने लगती है. लेकिन अपने देश में एक विदेशी महिला को लेकर उनकी नज़र बदल जाती है.

2012 का निर्भया केस याद करने की है जरूरत

वर्ष 2012 का निर्भया केस आपको याद होगा, तब पूरा देश कैसे पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए एक साथ उठ खड़ा हुआ था. निर्भया के गुनहगारों को फांसी देने की मांग उठने लगी थी. शहर-शहर कैंडल मार्च निकाले जा रहे थे. तब ऐसा लगा था कि अब बहुत बड़ा बदलाव होगा. क्योंकि, लग रहा था कि समाज की संवेदनाएं जाग गई हैं. 

जब झारखंड के दुमका में एक विदेशी दंपत्ति पहुंचा तो उन्हें भरोसा था कि वो भारत में पूरी तरह सुरक्षित हैं. क्योंकि, इस देश में तो अतिथियों को देवता समान माना जाता है. लेकिन इसी समाज में कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो विदेशी महिला को देखकर सबकुछ भूल जाते हैं. उन्हें एक अकेली महिला में मौका दिखाई देता है, वो उसकी इज्जत पर हाथ डालने से बिल्कुल नहीं कतराते. इसी मानसिकता की शिकार हुई स्पेनिश महिला ट्रैवल ब्लॉगर.

गैंगरेप में एनकाउंटर का जश्न मनाने वाले समाज का ही हिस्सा

स्पेनिश महिला के साथ Gangrape करने वाले 8 लोग उसी समाज का हिस्सा हैं, जो वर्ष 2019 में गैंगरेप के चार आरोपियों के एनकाउंटर पर खुशी जताते हैं. हैदराबाद पुलिस के एक्शन को उचित मानते हैं. जिन्हें लगता है कि महिला डॉक्टर के साथ गैंगरेप करने वालों का Encounter करके पुलिस ने अपराधियों को सबक सिखाया है. लेकिन जब खुद के सामने कोई विदेशी महिला अकेली दिखाई देती है, तो मानसिकता और विचार सबकुछ मिनट में बदल जाता है. NCRB के Data के मुताबिक

  • वर्ष 2022 में भारत में 31,500 रेप के केस दर्ज किये गये थे, यानी औसतन हर दिन 86 रेप केस दर्ज हुए.
  • झारखंड में वर्ष 2022 में 1298 महिलाओं के साथ रेप की घटनाएं अंजाम दी गई थी.
  • वर्ष 2022 में ही भारत में 22 विदेशी महिलाएं भी रेप का शिकार हुई थी.
  • रेप जैसी घटना की शिकार सबसे ज्यादा 18 से 30 उम्र की बच्चियां और लड़कियां बनती हैं.

ज्यादातर मामलों में अकेली महिला बनी निशाना

गैंगरेप के ज्यादातर केस में पीड़िता के अकेलेपन का आरोपियों ने फायदा उठाया, यानी भीड़ के साथ खड़े होकर समाज के जो लोग महिला सम्मान, महिला सुरक्षा और उनके लिए न्याय की बात करते हैं. उसी समाज में से कुछ लोग महिला को अकेला पाकर उसकी मजबूरी को मौका समझने लगते हैं.

अगर ऐसा नहीं होता तो सोचिये, स्पेनिश महिला और उसके पति को अकेला पाकर क्या ऐसी घटना को अंजाम दिया जाता? क्यों, मौके पर पहुंचे दो लोगों ने फोन करके अपने कुछ और साथियों को घटनास्थल पर बुलायाय़ आरोपियों में से किसी को भी ऐसा क्यों नहीं लगा, कि विदेशी महिला के साथ गलत नहीं करना चाहिए या अपने साथियों को रोकने की कोशिश नहीं की, जबकि वो उसी गांव के लोग थे, जहां विदेशी दंपत्ति सुरक्षा के भरोसे के साथ टेंट में रुका था.

आरोपी गिरफ्तार पर सवाल सिस्टम पर भी है

गैंगरेप के आरोपियों को गिरफ्तार करके झारखंड पुलिस अपनी पीठ थपथपा रही है, विदेशी पीड़िता को भरोसा दिया है कि आरोपियों को जल्द और सख्त सजा दिलाई जाएगी. लेकिन सवाल सिस्टम पर भी है. पुलिस इस बात पर सीना चौड़ा कर रही है कि उसने आरोपियों को वारदात के कुछ घंटों बाद ही गिरफ्तार कर लिया. पुलिस का कहना है कि गश्त के दौरान उन्हें विदेशी दंपत्ति घायल अवस्था में मिले थे. जिनकी हर संभव मदद की गई. अच्छी बात है कि पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.

सवाल तो ये है कि तीन घंटे तक 8 आरोपी एक विदेशी महिला के साथ अपराध करते रहे, उसके पति को बंधक बनाकर रखा. लेकिन पुलिस को खबर तक नहीं हुई. लेकिन जब विदेशी महिला के साथ गैंगरेप की खबर सामने आई तो पुलिस को इसकी गंभीरता का अहसास हुआ. शायद इसलिए पुलिस और झारखंड प्रशासन ने मामले में मुआवजे का महरम लगाकर इसे शांत करना ज्यादा जरूरी समझा

घटना के तीसरे दिन दुमका के Deputy Commissioner और SP ने पीड़िता के पति को 10 लाख रुपये का चेक सौंपा, ये मुआवजा राशि Jharkhand Victim Compensation Scheme के तहत दी गई. क्या 10 लाख रुपये का मुआवजा देकर एक महिला का आत्मसम्मान, उसकी इज्जत दोबारा लौटाई जा सकती है. भारत और झारखंड को लेकर जो छवि स्पेनिश दपंति के दिलोदिमाग में बनी है, क्या उसे 10 लाख रुपये देकर मिटाया जा सकता है?

झारखंड का रिकॉर्ड महिला अपराधों में खराब

झारखंड प्रशासन और पुलिस ने चेक देकर मामले को शांत करने की कोशिश जरूर की है. झारखंड पुलिस का Data ही बताता है कि यहां की पुलिस महिला सुरक्षा को लेकर कितनी गंभीर है.

  • झारखंड में वर्ष 2023 में महिलाओं से रेप के 1615 केस दर्ज हुए थे.
  • वर्ष 2022 में 1298 जबकि वर्ष 2021 में 1425 महिलाओं से रेप हुआ था.
  • वर्ष 2022 के मुकाबले 2023 में रेप केस में 24 फीसदी का इजाफा हुआ है.

अपराध के बाद किसी अपराधी को गिरफ्तार कर लेना, उसे अदालत में पेश कर सजा दिला देना ही पुलिस के लिए काफी नहीं है. बल्कि होना तो ये चाहिए कि राज्य में अपराधियों के बीच पुलिस का इतना खौफ हो कि वो अपराध करने से पहले सौ बार सोचे. जो झारखंड में तो बिल्कुल दिखाई नही देता.

विदेशियों के साथ अपराध का कितना बुरा असर?

देश में किसी विदेशी के साथ कोई अप्रिय घटना हो, तो इसका असर विदेश तक होता है. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि प्रभावित होती है. क्योंकि, भारत आने वाले Tourist की सुरक्षा की जिम्मेदारी हमारी ही है. जब कोई पीड़ित अपने देश वापस लौटता है, तब वो हमारे व्यवहार, देश में मिले सम्मान और सुरक्षा का जिक्र करता है. लेकिन हमारे देश के कुछ राजनेता हर मुद्दे पर राजनीति करते है. कुछ ऐसा ही दुमका गैंगरेप केस में हो रहा है.

घटना को लेकर सवाल सिर्फ झारखंड सरकार या प्रशासन पर नहीं है. बल्कि सवाल देश की छवि का है. लेकिन इस केस को लेकर राजनीति शुरू हो गई है. झारखंड के विपक्षी नेताओं ने राज्य सरकार पर सवाल उठाने शुरू कर दिए. सिंहभूम से सांसद गीता कोड़ा ने झारखंड सरकार पर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि राज्य में महिला सुरक्षा की कोई गारंटी ही नहीं है. यहां सवाल ये कि एक विदेशी महिला के साथ हुई गैंगरेप की घटना हर देशवासी को शर्मिंदा करने वाली है. फिर राजनीति के लिए एक दूसरे पर कीचड़ उछालना कितनी सही है.

पीड़िता को नहीं भारत से गिला-शिकवा

आज पीड़िता अपने पति के साथ दुमका से निकल गई. लेकिन अपने साथ हुए घटनाक्रम के बावजूद इस विदेशी जोड़े ने भारत की तारीफ ही की है. पीड़िता और उसके पति का कहना था, कि कुछ लोगों के गलत होने पूरे भारत और यहां के लोगों को गलत नहीं ठहराया जा सकता. हालांकि, पीड़ित दंपत्ति चाहता है कि उनके गुनहगारों को जल्द और कड़ी सजा मिले, ताकि किसी दूसरे के साथ इस तरह का घटनाक्रम ना हो. यहां बात देश की है, इसलिए अथिति देवो भव: की जो भारतीय संस्कृति है. वो बनी रहनी चाहिए.

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