DNA TV Show: कैसे चलती है नकली दवाओं की असली फैक्टरी, Operation D स्टिंग ऑपरेशन में खुला काले धंधे का काला चिट्ठा

Written By कुलदीप पंवार | Updated: Jan 12, 2024, 01:55 AM IST

DNA TV SHOW

Fake Medicine Syndicate Sting Operation: देश में बीमारियों से भी ज्यादा लोग नकली दवाओं से मर रहे हैं. आज की DNA रिपोर्ट में हम आपको नकली दवाओं के सौदागर की जुबानी नकली दवाओं की मैन्युफैक्चरिंग से लेकर सप्लाई तक की पूरी मोडस ऑपरेंडी बताएंगे.

डीएनए हिंदी: Fake Medicine in India- नकली दवाइयों ने हमारे देश में तमाम नियम-कायदों के बावजूद हर गली-नुक्कड़ तक अपनी पकड़ बना रखी है. तमाम तरह का इलाज कराने के बावजूद यदि आप ठीक नहीं हो रहे हैं तो समझ जाइए कि आपकी जिंदगी में नकली दवाई की एंट्री हो चुकी है. नकली दवाओं की असली फैक्टरी जगह-जगह गली-मोहल्लों में चल रही हैं. इन फैक्टरियों में किस तरह नकली घी-तेल की तरह दवाइयां बन रही हैं, यह खुलासा पहली बार कैमरे में कैद हुआ है. नकली दवाओं की फैक्ट्री के खेल का खुलासा स्टिंग ऑपरेशन Operation-D में हुआ है. आज आप DNA में पढ़ेंगे कि कैसे एक छोटे से कमरे में नकली दवाइयां बनाईं जा रही हैं. और फिर बड़ी-बड़ी ब्रांडेड कंपनियों की पैकेजिंग में बेची जा रही हैं. हम आपको नकली दवाओं के सौदागर की जुबानी नकली दवाओं की मैन्युफैक्चरिंग से लेकर सप्लाई तक पूरी मोडस ऑपरेंडी बताएंगे.

नकली दवा माफिया बलराम सिंह चौहान ने Zee News के खुफिया कैमरे पर ऐसे खुलासे किए, जिसे देखकर होश उड़ गए. उसने कहा, कुछ फर्क नहीं होगा. देखो दोनों डिब्बे पास रख दोगे ना तब भी नहीं कह सकोगे कौन का कॉपी है कौन सा ओरिजनल है.जब तक कॉपी नहीं बेचोगे नहीं कमा पाओगे. अभी जो आपने सुना और देखा वो तो सिर्फ ट्रेलर है, जिसे देखने के बाद आप जब भी कोई दवा खरीदेंगे. उससे पहले कई बार क्रॉस चेक करेंगे कि कहीं वो दवा नकली तो नहीं है.

नकली दवाओं के काले-कारोबार पर पुलिस और सरकारी एजेंसियों की छापेमारी की खबरें अकसर सुर्खियां बनती हैं. देश के लगभग हर राज्य में नकली दवाओं की खेप पकड़े जाने की खबरों की ब्रेकिंग न्यूज भी आपने देखी होंगी.

  • Assocham का दावा है कि भारतीय बाजार में बिकने वाली हर 4 में से 1 दवा नकली है.
  • वर्ष 2014 में भारत में नकली दवाओं का कारोबार सवा चार बिलियन डॉलर का था.
  • नकली दवाओं का यह कारोबार वर्ष 2022 में बढ़कर 17 मिलियन डॉलर हो चुका है.
  • साल 2019 में यूनाइटेड स्टेट्स ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव यानी USTR ने एक रिपोर्ट पेश की थी.
  • रिपोर्ट में बताया था कि दुनिया में सबसे ज्यादा नकली दवाइयां भारत में बनती और बिकती हैं. 
  • रिपोर्ट में भारत में बनने वाली कुल दवाओं में 20 प्रतिशत दवाएं नकली होने की बात बताई गई थी.

Zee News संवाददाता अभिषेक कुमार और शिवांक मिश्रा को अपनी रिसर्च के दौरान जब भारत में नकली दवाओं के मार्केट का अंदाजा लगा तो उन्होंने नकली दवाओं के कारोबारियों को बेनकाब करने का मिशन शुरू किया और फिर खुफिया कैमरे पर नकली दवाओं का पूरा सिंडिकेट खुल गया, जिसका खुलासा हम करने जा रहे हैं.

हमारे इस खुलासे के चार हिस्से हैं:

  1. पहला हिस्सा- नकली दवाओं की डिमांड
  2. दूसरा हिस्सा- नकली दवाओं की मैन्युफैक्चरिंग
  3. तीसरा हिस्सा- नकली दवाओं की पैकेजिंग
  4. चौथा हिस्सा- नकली दवाओं की सप्लाई

अब शुरुआत करते हैं नकली दवाओं के कारोबार पर उस एक्सक्लूसिव खुलासे की, जिसे हमने नाम दिया है- Operation D. हमने ये नाम क्यों रखा है. ये आपको हमारी रिपोर्ट पढ़कर पता चलेगा.

हिमाचल प्रदेश का ऊना शहर, जिसे नकली दवा कारोबार की दुनिया में नकली दवाओं का मैन्युफैक्चरिंग हब कहा जाता है. ज़ी न्यूज़ की स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम इसी शहर में नकली दवाओं के सौदागर से मुलाकात की.

नाम - बलराम सिंह चौहान
पहचान - झोलाछाप डॉक्टर
पेशा - ब्रांडेड कंपनियों की नकली दवाएं बनाना

ज़ी न्यूज़ के इंवेस्टिगेटिव रिपोर्टर्स ने दवा व्यापारी बनकर नकली दवाओं के सौदागर बलराम सिंह चौहान से ऊना के एक होटल में मुलाकात की और उससे बड़े ब्रैंड्स की साधारण सर्दी जुकाम बुखार, ब्लड प्रेशर और डायबिटीज की नकली दवाओं की डिमांड कर दी.

बलराम सिंह चौहान, नकली दावा माफिया : आप बताइए Allopathic में कैसे क्या?

रिपोर्टर : देखिए Allopath में क्या जैसे Generic दवाएं चलती हैं नॉर्मली गांव में, बताएं ना सर 3–4 डॉक्टर हैं हमारे पास, Paracetamol हो गया DOLO हो गया, Citrizine हो गई, BP की दवा हो गई, शुगर (Diabetes) की दवा हो गई, शुगर में दो तीन दवाएं मिल जाएं हमें, BP की भी दो तीन VARIETY मिल जाए.

बलराम सिंह चौहान, नकली दावा माफिया : मिल जाएगी

रिपोर्टर : जो जेनेरिक चलती हो, Pain Killer हो जाए...और इस समय Antibiotic का भी High Pickup है जैसा मौसम है

बलराम सिंह चौहान, नकली दावा माफिया : सब मिल जायेगा..

रिपोर्टर : मार्जिन कितना मिल जायेगा हमें..??

बलराम सिंह चौहान, नकली दावा माफिया: किस तरह का काम आप करना चाहते हो? दो तरह का है, आप किसी बड़ी फर्म का काम करना चाहते हो? उसी की Copy चाहते हो?

रिपोर्टर : बड़ी कंपनी मतलब

बलराम सिंह चौहान, नकली दावा माफिया: जैसे Ranbaxy, Cadila, Pfizer, Lupin Pfizer कुछ भी.. XYZ आपकी उसकी कॉपी चाहते हो एक आधे आइटम दो आइटम जो भी आप चलाना चाहते हो , या ये चाहते हो की कंपनी कोई भी हो बस हमे रेगुलर माल अच्छा दे और मार्जिन दे.

रिपोर्टर : नहीं नहीं हमको कॉपी चाहिये..

पढ़ा आपने नकली दवा का सौदागर बलराम सिंह हर ब्रांडेड कंपनी की नकली दवा हमें देने के लिए तैयार हो गया. बात आगे बढ़ी तो हमने पूछ लिया कि ऑर्डर देने के बाद कितने वक्त में नकली दवाइयां मिल जाएंगी..और नकली दवाइयों के कारोबार में मार्जिन कितना मिलेगा ?

बलराम सिंह चौहान, नकली दावा माफिया : इसमें क्या है कि अगर आप किसी की कॉपी करवाते हो, तो आपके कहने पर कॉपी की जायेगी कि क्या चाहते हो, क्योंकि हमारे कहने से आप नहीं चला पाओगे तो आप कहते हो कि इस कंपनी की मुझे चाहिए, उसका मैंने आपको सिस्टम बता देना..और को चीज आपको एक महीने में मिलेगी.

रिपोर्टर : मतलब एक महीने में ही हमें मिल जाएगी, सीतापुर में ही मिल जाएगी..

बलराम सिंह चौहान, नकली दावा माफिया : हां..हां

रिपोर्टर देखो : मार्जिन कितना क्या होगा अब ये बता दो आप..

बलराम सिंह चौहान, नकली दावा माफिया : मार्जिन देखो... Montelukast जाती थी.. बहुत बड़ा मार्जिन था उसमें 3600 रुपए का डब्बा था 100 टैबलेट का, देखो. कितनी बड़ी हाईफाई कंपनी है और 3600 की जाती थी, हम लोग 50% पर देते थे उन्हें.

रिपोर्टर : अब जैसे dolo है, सबसे नॉर्मल दवाई हो गई..dolo का पत्ता कितने का आता है.. 34 का.. हां 34 या 30 का आता है, वो कितने में अवेलेबल करवा देंगे आप, बिलकुल सरल भाषा में पूछ रहे हैं आपसे...उसी कंपनी का चाहिए जो dolo वाला कंपनी है अपना उसी कंपनी का चाहिए... माइक्रोलैब का.. हां कितने में मिल जायेगा वो पत्ता आपके पास...

बलराम सिंह चौहान, नकली दावा माफिया : Quantity कितनी उठाओगे, ये बताओ

रिपोर्टर : जितना मार्जिन बतोगे आप, हमें मार्जिन का खेल समझना है सारा, अगर मार्जिन आप अच्छा दोगे, तो बढ़िया Quantity उठा लेंगे

बलराम सिंह चौहान, नकली दावा माफिया : Quantity बढ़िया उठा लोगे

रिपोर्टर : अगर आपने 50% का मार्जिन दिया, तो पांच लाख का माल उठा लेंगे एक बार में ही Dolo का

नकली दवा के सौदागर बलराम सिंह को अबतक ये लगने लगा था कि हम नकली दवाओं के असली व्यापारी हैं तो हमने उससे पूछ लिया कि क्या सिर्फ साधारण दवाओं का ही नकली Version मिलेगा या गंभीर बीमारियों में इस्तेमाल होने वाली नकली दवाइयां भी मिल जाएंगी.

रिपोर्टर : हमारी जो सबसे ज्यादा दवा बिकती है , अभी जो सबसे ज्यादा बिकती है ये तीन चार हैं डोलो तो बिकती बिकती ही है दूसरा BP में भी हम लोग देख रहे हैं कि Amlodipiene से ज्यादा Alparazolam और Clonazipam ये दोनों सबसे ज्यादा बिक रही है. लेकिन Alparazolam के साथ दिक्कत है की कहीं मार्जिन नहीं कहीं मिलती नहीं..

बलराम सिंह चौहान, नकली दावा माफिया : महंगा, बहुत महंगा....Alpra की हालत ये है कि 4 लाख किलो है. वो भी ऐसा है कि आम आदमी को मिलेगा नहीं. आम आदमी को नहीं मिलेगा.

रिपोर्टर : हां, नहीं मिलेगा.

बलराम सिंह चौहान, नकली दावा माफिया : आप Nitrazipam नहीं बेंच सकते हो?

रिपोर्टर : Clonazipam तो है

बलराम सिंह चौहान, नकली दावा माफिया : Nitrazipam जिसे 10नंबर गोली बोलते हैं

रिपोर्टर : नहीं नहीं उसको नहीं बेचा, डॉक्टर सबसे ज्यादा यही लिख रहे हैं या तो Clonazepam जो Clonatril नाम से आती है या फिर Alprox जो Alparazolam है.

बलराम सिंह चौहान, नकली दावा माफिया : Alparazolam देखो बन तो वो भी जायेगा लेकिन बहुत महंगा पड़ेगा. सब कुछ हो जायेगा लेकिन महंगा बहुत है.

रिपोर्टर : मार्जिन मिलेगा ना?

बलराम सिंह चौहान, नकली दावा माफिया : मार्जिन तो बहुत मिलेगा. प्रिंट कितना है Alprox पर?

रिपोर्टर : प्रिंट 55 होगा शायद, एक मिनट देख रहे हैं.

रिपोर्टर : Alprox का Substitute है आपके पास है

बलराम सिंह चौहान, नकली दावा माफिया : हां है..

रिपोर्टर : तो वही देख लेंगे...

रिपोर्टर : हां 67 रुपए हैं. 67 रुपए MRP है और 42 का पड़ रहा है हमें.

बलराम सिंह चौहान, नकली दावा माफिया : 420 रुपए का डब्बा..

रिपोर्टर : हां 420 का डब्बा 100 गोली. Alprox (नकली) अगर हमें 25 रुपए की भी मिल जाए तो काम हो जायेगा

बलराम सिंह चौहान, नकली दावा माफिया : इतना नहीं होगा.

रिपोर्टर : 30 मिल जायेगा

बलराम सिंह चौहान, नकली दावा माफिया : नहीं..

रिपोर्टर : 30 भी नहीं..??

बलराम सिंह चौहान, नकली दावा माफिया : जानते हो कारण क्या है. ये जो Alprox है देखो जो Alprox आप ले रहे हो पूरा माल उसमें भी नहीं है. पूरा माल नहीं होता है. 0.5 वाला ना.

रिपोर्टर : 0.5 वाला कितने का है?

बलराम सिंह चौहान, नकली दावा माफिया : नहीं 0.5 है या 5 वाला है

रिपोर्टर : 0.5 वाला है.

बलराम सिंह चौहान, नकली दावा माफिया : जो 0.5 वाला भी है ना माल पूरा नहीं देते हैं. अब आप कैलकुलेशन कर लीजिए साढ़े 4 लाख का किलो है. वो भी बिना GST.चार दूनी आठ. मतलब 5 से 6 लाख का पड़ जायेगा आपको (नकली Alparazolam). 1 किलो माल 6 लाख का पड़ेगा.(नकली Alparazolam टैबलेट).. 6 लाख में आप देखो Foil भी लगेगा, प्रिंट भी होगा, डिब्बा भी होगा..

रिपोर्टर : 0.5 में कितना होता होगा (नकली में) क्या सिर्फ 0.3 mg ही होता है.

बलराम सिंह चौहान, नकली दावा माफिया : 0.5 (mg Alparazolam) में तो ढाई (0.25mg) ही होता है.

रिपोर्टर : अच्छा 0.25, अपने पास जो कॉपी होगा उसमें कितना होगा..

बलराम सिंह चौहान, नकली दावा माफिया : उसमें भी 0.25. 0.5 डाल कर किसी को कुछ बचेगा ही नहीं...पहले तो बड़ी मुश्किल से माल मिलता है.

रिपोर्टर :आपके पास मिल जायेगा, आप जुगाड़ करवा देंगे.

बलराम सिंह चौहान, नकली दावा माफिया : हां हो जायेगा

नकली दवाओं के सौदागर बलराम सिंह से अभी तक की बातचीत में हमें एक बात तो समझ में आ चुकी थी कि भारत में बिकने वाली किसी भी दवा की कॉपी आसानी से मिल जाएगी. हमें अंदाजा हो चुका था कि क्यों भारत में बिकने वाली हर चार में से एक दवा नकली होती है...जिसे दवाओं की दुनिया में कोड वर्ड में D कहा जाता है...

रिपोर्टर : इनकी बातों से समझ आता है इनके पास हर चीज अवेलेबल है.

बलराम सिंह चौहान, नकली दावा माफिया : हां

रिपोर्टर : माल बहुत खर्चा होगा, उतना हम लोग कर नहीं पाएंगे, इनके पास जो Available है ना वो माल पकड़ते हैं.

बलराम सिंह चौहान, नकली दावा माफिया : खर्चा करने वाली बात नहीं, अगर आपके पास मार्केट है, तो आप सप्लाई भी कर सकते हो. उसमे सिर्फ डॉक्टरों के दम पर काम नहीं किया जाता है. जैसे मान लो आपने कोई D बनवाया. इसको D बोलते हैं कॉपी को. D यानी डुप्लीकेट.

देश में नकली दवाओं का कारोबार किस तरह फल-फूल रहा है. इसका अंदाजा हमें नकली दवाओं के सौदागर से बातचीत करते हुए हो चुका था...जो अबतक हमारे सामने पूरी तरह खुल चुका था...उसने हमें गारंटी दी कि हम जहां चाहेंगे..वो नकली दवाओं का कंसाइनमेंट सप्लाई कर देगा..बातों-बातों में उसने बता दिया कि वो Sun Pharma जैसी Multinational Company की Narcotic दवा का निर्माण अपनी नकली दवाओं की फैक्ट्री में कर रहा है...और नकली दवाएं...पूर्वोत्तर भारत से लेकर म्यांमार तक में भेज रहा है.

रिपोर्टर : अब जैसे आप देखो अभी हम लोग सीतापुर में करेंगे लेकिन कल को कोई और आ गया आपके पास, कोई है तो नहीं आपके पास सीतापुर से.

बलराम सिंह चौहान, नकली दावा माफिया : मैं यार क्या बता रहा हूं आपको , जो चीज हमने आपको देना है ना (नकली दवा) वो सीतापुर तो क्या लखनऊ, बाराबंकी अयोध्या बहराइच, फैजाबाद, आजमगढ़, गोरखपुर, बरेली मेरठ कहीं नहीं मिलेगी आइटम.

रिपोर्टर : अच्छा, ठीक है

बलराम सिंह चौहान, नकली दावा माफिया : वो आइटम खाली आपके लिए ही बनेगी, जैसे आप बोलोगे आपको 10 हजार डब्बा चाहिए, पेमेंट डालो, अड्रेस डालो, आपके पास 10 हजार डब्बा पहुंच गया. बात खतम

रिपोर्टर : अभी आप कहां कहां माल (नकली दवाएं) सप्लाई कर रहे हैं?

बलराम सिंह चौहान, नकली दावा माफिया : हां?

रिपोर्टर : अभी कहां कहां माल सप्लाई कर रहे हैं आप

बलराम सिंह चौहान, नकली दावा माफिया : माल मेरा मेन है, मणिपुर जाता है आइटम मेरा, बर्मा

रिपोर्टर : अच्छा मणिपुर और बर्मा

बलराम सिंह चौहान, नकली दावा माफिया : हां

रिपोर्टर : यानी सिर्फ नॉर्थईस्ट जाता है..

बलराम सिंह चौहान, नकली दावा माफिया : हां यहां (उत्तर भारत में) नहीं करता हूं, एक Nitrazipam टैबलेट है सनफार्मा की (नकली दवा ) वही जाता है.

नकली दवाओं के सौदागर बलराम सिंह चौहान ने हमें खुलकर नकली दवाओं के बिजनेस का पूरा ज्ञान दिया और गारंटी दी कि कोई उसकी बनाई नकली दवाओं को पकड़ नहीं सकता.

रिपोर्टर : अब बताइए सर क्या है आइटम

बलराम : यह देखिए Tapendazol है

रिपोर्टर : यह डी है... 380 रुपए प्रिंट है इस पर...

बलराम : इतना ही प्रिंट आ रहा है

रिपोर्टर : और क्या है सर

बलराम : और एक यह है

रिपोर्टर : यह क्या है सर

बलराम : यह अल्प्राजोलम का सब्सीट्यूट है

रिपोर्टर : किसका

बलराम : जो अल्प्रा यूज नहीं करते हैं.. अल्प्रेक्स

रिपोर्टर अल्प्रेक्स है

बलराम : उसकी जगह है..

रिपोर्टर : मतलब की ये ओरिजनल का कॉपी है ये...

बलराम : क्यूआर कोड सब कुछ मिलेगा...

रिपोर्टर : किस कंपनी के लिए किसके लिए बना यह माल

बलराम : वर्मा की कंपनी है बर्मा मणिपुर वहां जाएगी ये माल.. उन्होंने सब कुछ अपना सेटअप कर रखा है अपनी मशीन भी लगवा रखी है

रिपोर्टर : यहीं पर

बलराम: हां

रिपोर्टर : यह बनने में कितना टाइम लग जाता है सर

बलराम : यह तो At a time बना हुआ है यह तो जब मर्जी चाहो दे देंगे

रिपोर्टर : यहां बना बनाया माल है

बलराम : हां

रिपोर्टर : इसमें तो खर्चा कम आएगा हमारा

बलराम इसमें आपका कोई खर्चा नहीं आएगा पेमेंट दो मान लो.

ये तो सिर्फ हमारे खुलासे की पहली कड़ी है. ज़ी न्यूज़ के खुफिया कैमरे पर नकली दवाओं के असली सौदागर ने जो दावे किया हैं...उसका सार ये है कि वो हमारी डिमांड के मुताबिक किसी भी ब्रैंड भी कोई भी नकली दवा तैयार कर देगा.

दवाइयां तैयार करने के बाद उन्हें बड़े Brands के पैकेट में पैक भी करके देगा और नकली दवाओं के रैपर पर असली दवाओं को सर्टिफाई करने वाला QR कोड भी होगा.

यानी नकली दवाओं को कोई पकड़ नहीं पाएगा. सरकार भी नहीं.लेकिन इन दावों में कितना दम है ? ये हम आपको आगे बताएंगे.

अगर आप नकली दवाओं के असली सौदागर के दावे पढ़कर हैरान हो चुके हैं..तो यकीन मानिये..अभी तो आपने सिर्फ नकली दवाओं के काले कारोबार का जुबानी सच ही सुना है. आगे हम आपको नकली दवाओं की फैक्ट्री के बारे में बताएंगे. लेकिन उससे पहले ये समझिये कि नकली दवाओं के सौदागर बलराम सिंह ने जो दावे किए है.उससे क्या क्या खुलासे हुए हैं.

खुलासा नंबर एक -किसी भी बड़े ब्रैंड की नकली दवाइयां आसानी से उपलब्ध हो जाएंगी.

खुलासा नंबर दो- डिमांड के मुताबिक कोई भी और कैसी भी दवाई..ऑर्डर पर तैयार की जाती हैं.

खुलासा नंबर तीन -नकली दवाइयों पर नामी कंपनियों की Branding भी नकली दवा बनाने वाले करके देते हैं.

खुलासा नंबर चार -नकली दवाएं...ब्रांडेड दवाओं से आधी कीमत पर मिल जाएंगी.

खुलासा नंबर पांच - ऑर्डर देने के एक महीने के भीतर..All India कहीं भी नकली दवाओं की डिलीवरी भी मिल जाएगी.

और खुलासा नंबर छह - नकली दवाओं के Wrapper पर असली दवाओं को सर्टिफाई करने वाला QR Code भी होगा.

लेकिन अभी तक तो ये सारे खुलासे सिर्फ बातों और दावों पर आधारित हैं, जो एक नकली दवा का सौदागर कर रहा है और सिर्फ बातों पर भरोसा करना तो मुमकिन नहीं है. इसलिए Zee News की Special Investigation Team अपनी पड़ताल को Next Level पर लेकर गई...क्योंकि सवाल ये था कि नकली दवाइयां आखिर कैसे बनाई जाती हैं ? 

तो अब आपको बताते हैं जी न्यूज के एक्सक्लूसिव ऑपरेशन- D का पार्ट टू और आपको नकली दवाओं की फैक्टरी में लेकर चलते हैं.

नकली दवाओं के मैन्युफैक्चरर और सप्लायर बलराम सिंह ने जो जुबानी दावे किये, वो हैरान परेशान कर देने वाले थे. हमारे लिए उसकी बातों पर भरोसा करना मुश्किल हो रहा था. हमें भरोसा नहीं हो रहा था कि क्या सच में छोटे से शहर ऊना में नकली दवाओं का इतना बड़ा सिंडिकेट रहा है .हमने नकली दवाओं के सौदागर बलराम सिंह से कहा कि वो हमें अपनी फैक्ट्री में लेकर चले और नकली दवाओं को बनते हुए दिखाए.

नकली दवा माफिया बलराम सिंह चौहान ने बताया मेरे पास आज की डेट में 2 हजार डब्बा (Sun Pharma की नकली Nitrosun 10 टैबलेट का) पैक रखा हुआ है. 25 हजार डिब्बी रखी हुई हैं.. डेढ़ कुंटल इसका (Sun Pharma की नकली Nitrosun 10 टैबलेट दिखाते हुए) रोल रखा हुआ है.. हमें बनते हुए और पैक करते केवल 1 घंटा लगता है.

बलराम सिंह चौहान, नकली दवा माफिया : आप क्या देखना चाहते हो बताओ?? सुनो

रिपोर्टर : यही बनते हुए इन्हें दिखा देना..

बलराम सिंह चौहान, नकली दवा माफिया : गोली बनते हुए देखना चाहते हो, पैकिंग देखना चाहते हो.. क्या देखना चाहते हो.. या तीनों चीजें??

रिपोर्टर : लेना तो है ही..सर मैं चार दिनों से यहां हूं 70 हजार रुपए खर्च कर चुका हूं..!!

बलराम सिंह चौहान, नकली दवा माफिया : वो छोड़ो चाहते क्या हो??

रिपोर्टर : बनते हुए और पैकिंग

बलराम सिंह चौहान, नकली दवा माफिया : देखो at a time एक बार में इतना काम नहीं होता है...

रिपोर्टर : पैकिंग दिखा दीजिए...

बलराम सिंह चौहान, नकली दवा माफिया : ठीक हैं दिखा दूंगा....

दूसरा व्यक्ति : अभी

रिपोर्टर : जब चाहिए तब..

बलराम सिंह चौहान, नकली दवा माफिया ठीक है कल सुबह done

जैसा आपने पढ़ा...नकली दवा बनाने वाले बलराम सिंह ने हमसे वादा किया था कि अगले दिन सुबह सुबह वो हमें अपनी फैक्ट्री ले जायेगा.अगले दिन हुआ भी कुछ ऐसा..

अपने वादे के मुताबिक सुबह सुबह बलराम हमारे होटल के बाहर आया..और हमें अपनी नकली दवाओं की फैक्ट्री के ले जाने से पहले कुछ दिशा निर्देश दिए.

बलराम : सुनो हमने सारा सेटिंग कर दिया है...Only वहां पांच मिनट लगाना है.. वहां आप लोग हमसे कोई डिस्कशन नहीं करेंगे सुनो भाई हम वहां चलेंगे वहां सारी मशीन रखी हुई है वहां बस मुझे बटन दबाना है और आपको गोली बनती हुई नजर आ जाएंगे ठीक है यही चाहते हो अपना.

रिपोर्टर : जो डी का जो हिसाब किताब होता है वह हमें देखना है

बलराम : अरे यार उसमें डी रखो चाहे ए रखो चाहे बी रखो उसमे गोली डी भी वही बनाती है बी भी वही बनाती है बए भी वही बनाती है..

रिपोर्टर : तो आप हमें जहां ले जा रहे हैं वहां पर डी बनता है ना

बलराम : यार 10करोड़ भी दोगे तो कोई नही कहेगा यह डी बनता है.

रिपोर्टर : यह तो आपस की बात हो रही है

बलराम : वही तो बता रहा हूं हमने आपको जो गोली का पत्ता दिया है सन फार्मा का वही गोली उसमें निकलती हुई दिखाई देगी

रिपोर्टर : और उसमें जो पीछे बैक वाला

बलराम : वह नहीं दिखेगा उसका लंबा प्रोसेस है

रिपोर्टर : नहीं नहीं आप बस मुझे वह बंडल दिखा देना

बलराम : बंडल मैं आपको दिखा दूंगा

रिपोर्टर : डाई नहीं देख पाएंगे कैसा होता है. इसका जो डाई बनवाया होगा ना..

बलराम : डाई....

रिपोर्टर : अच्छा मैं समझ गया .... आपने मुझे कल जो पट्टा दिया था डी वाला दवाई का क्या नाम था उसका

रिपोर्टर : सनफार्मा का Nitrazepam

रिपोर्टर : यही बनता हूवा दिखेगा ना..

बलराम : हां हां गोली बनते हुए दिखेगी, पैकिंग नहीं दिखेगी

रिपोर्टर : ठीक है कोई बात नहीं

बलराम : जानते हो बड़ा लंबा काम होता है सेटअप होता है पूरा 4 घंटे टाइम लगता है उसमें दी सेट करने में. लोग वहां पर देखना कोई फालतू सवाल मत करना जो सवाल करना होगा बाहर जाकर करना.

और फिर बलराम सिंह हमें नकली दवाओं की फैक्ट्री में लेकर पहुंचा...जिसे देखकर हमारे होश ही उड़ गए.

क्योंकि जिन दवाओं को बनाने के लिए कंपनियों को तरह-तरह के लाइसेंस लेने पड़ते हैं...हाईजीन जैसी चीजों का ख्याल रखना पड़ता है...तमाम Protocols का पालन करना पड़ता है.

वहीं नकली दवाओं की फैक्ट्री एक कमरे में चल रही थी, जो किसी कबाड़खाने से ज्यादा कुछ नहीं लग रही थी.

जब हम नकली दवाओं की फैक्ट्री में पहुंचे..वहां Sun Pharma की Nitrosun 10 टैबलेट के नकली वर्जन का उत्पादन चल रहा था.

ये देखकर तो हमारी बोलती ही बंद हो गई...लेकिन नकली दवाओं के सौदागर ने हमें इन मशीनों की खासियतें बताना शुरु कर दिया.

ये पैकिंग मशीन है, इसको बोलते हैं बॉलिस्टर पैक, ये पैक करती है.. ये बनाती है.. इसकी बड़ी मशीन बाहर रखी है.. ये एक बार में 12 गोली बनाती है..जो बाहर रखी है उसमे 16 बनती है..और उससे बड़ी में 24 बनती है ये है इसका सिस्टम...

दवा मशीन को बलराम चलाता है.. और दवा बनना शुरू हो जाती है.

यहां काम होता है, यह कबाड़ में रखी है मशीन...??

चलती है ये मशीन

ये कितनी गोली बनी

1 हजार गोली बन गई..

1 हजार गोली बन गई???

बलराम डब्बा दिखता हुआ जिसमें गोली बन कर तैयार हुई है...

गंदे संदे कमरे में रखीं नकली दवा बनाने वाली मशीनें..और उनसे निकलती नकली गोलियां देखकर हमारे होश फाख्ता हो चुके थे. लेकिन नकली दवाओं का सौदागर बड़े गर्व से हमें अपने काले कारोबार की सैर करवा रहा था.

घर के अंदर लगीं दो तीन मशीनों को दिखाने के बाद बलराम सिंह हमें घर के बाहर लेकर आया...और एक एक करके कई और मशीनें हमारे सामने खोलनी शुरू कर दीं.

तब हमें अंदाजा हुआ कि उसका नकली दवाओं का कारोबार कितना बड़ा है. 

बलराम: ये इधर आओ इसमें दाना सुखाया जाता है.

रिपोर्टर- दाना क्या होता है

बलराम- जो पाउडर आता है उसका दाना बनाया जाता है फिर सुखाया जाता है. दाना सुखाने के बाद गोली बनती है.. इसे Dryer बोलते हैं.

रिपोर्टर- ये मशीन कितने की आती है

बलराम- ये 6, साढ़े 6 की आती है..

रिपोर्टर- दाना क्या गोली भी सुखाई जाती है

बलराम- नहीं दाने से ही गोली बनती है.. ये देखो उससे बड़ी मशीन है.. इसमें 27 गोली एक बार में निकलती है, उसमे 16 निकलती है

रिपोर्टर- Tapezipam जैसे salt है तो Raw प्रोडक्ट है उसे तो मंगवाना पड़ता होगा.वो कहां से आता है..

बलराम- बॉम्बे से आता है, हैदराबाद से आता है

हम पहली बार अपनी आंखों से नकली दवाओं की फैक्ट्री देख रहे थे और सोच रहे थे कि ये तो सिर्फ एक फैक्ट्री है. पूरे देश में ना जाने ऐसी कितनी फैक्ट्रियां होंगी..जहां नकली दवाओं को बनाया जा रहा है..और ब्रांडेड कंपनियों का बताकर बेचा जा रहा है.

Zee News के खुफिया कैमरे पर नकली दवाओं को बनते हुए देखकर जितना अचंभा आपको हो रहा है, उतना ही हमें भी हुआ था जब हमारे सामने ये नकली दवाएं दवा माफिया बना रहा था.

नकली दवाओं के सौदागर ने Zee News के खुफिया कैमरे पर जो खुलासे किये, वो डरा देने वाले हैं. क्योंकि नकली दवाओं की फैक्ट्री में ऐसी-ऐसी दवाइयों की डुप्लीकेट कॉपी बनाई जा रही हैं..जिसकी एक गलत डोज़ जान ले सकती है.

 नकली दवाओं के माफिया बलराम सिंह ने अपनी फैक्ट्री में Sun Pharma की जिस Nitrosun-10 का Duplicate Version बना कर दिखाया वो Blood Pressure और Depression से पीड़ित मरीजों को दी जाती है.

इसी तरह बलराम सिंह ने Zee News के खुफिया कैमरे पर खुलासा किया है कि उसने कुछ महीने पहले Montukulast नाम की नकली दवा का निर्माण किया था और उसे पूर्वोत्तर के राज्यों में भेजा था...ये दवा Allergy, Infection और सर्दी-जुकाम के मरीजों को दी जाती है.

इसके अलावा हमारे Sting Operation में ये भी खुलासा हुआ है कि नकली दवाओं की सबसे ज्यादा डिमांड और उत्पादन बुखार में दी जाने वाली दवा..DOLO का हो रहा है...

अब अगर आपको लग रहा है कि नकली दवाओं पर हमारे खुलासे खत्म हो गए हैं और नकली दवाइयों के कारोबार की सारी परतें खुल चुकी हैं..तो अभी जरा सब्र कीजिये...क्योंकि अभी तो और भी खुलासे होने बाकी हैं.

नकली दवाओं को बनने का तो आपको पता चल गया. लेकिन नकली दवा बनने के बाद जो सबसे जरूरी चीज होती है..वो है Packaging. जो हर कंपनी की अलग-अलग डिजाइन की होती है. कंपनी का नाम...Batch नंबर...QR code. ये सब भी नकली दवाओं की तरह ही फर्जी बनाए जाते हैं...लेकिन लगते बिलकुल असली हैं और इसका जिम्मा भी नकली दवाओं के सौदागर उठाते हैं. लेकिन उसका खर्च..नकली दवा खरीदने वालों को देना होता है.

Zee News के Operation D के Part 3 में हम आपको नकली दवाओं को बनाने से लेकर उनकी Packaging तक की पूरी Financial Planning के बारे में बताते हैं.

फैक्ट्री में नकली दवाओं को बनते देखने के बाद हमने नकली दवा के सौदागर बलराम सिंह से नकली दवाओं के बिजनेस की फाइनेंस पॉलिसी के बारे में पूछना शुरू किया और उससे पूछा कि नकली दवाओं को बनाने में कितनी लागत आती है.

रिपोर्टर : सर आप एक कम कीजिए आपके पास जो तीन-चार आइटम है ना देखिए सर हमारा बजट अभी बहुत ज्यादा है नहीं जो जो आपके पास अवेलेबल है ना खांसी की दवाई बुखार की दवाई पेन किलर जो है वह आप हमें दिखा दीजिए इस पर पहले खेल करते हैं.

बलराम : हां ऐसा कर लो

रिपोर्टर : क्योंकि आप बोलो रहे थे कि डोलो बनाने पर ज्यादा खर्च आ जाएगा

बलराम : डोलो बनवाने में काम से कम आपको लगभग तीन लाख रुपए का इन्वेस्टमेंट होगा बहुत कम का.

रिपोर्टर : तीन लाख खर्च आएगा उसमें कितना माल बन जाएगा...

बलराम तीन लाख में आपको.... डोलो का प्रिंट कितना है.

रिपोर्टर 30/32 रुपए होगा.. देख लिया जाएगा कितना प्रिंट है.

बलराम नहीं फिर भी...

रिपोर्टर : 30/32 है.

बलराम : फर्स्ट टाइम ही खर्चा आएगा... उस के बाद सिर्फ रॉ मेटेरियल का खर्चा आएगा..

रिपोर्टर : वह तो समझ गया जो डाई बनवाने में खर्च आता है

बलराम : खान दी में खर्च रोल प्रिंट होना....एकबार में तीस चालीस लाख गोली बनेगा एक बार में... इसमें तकरीबन आपको एक डेढ़ हजार डिब्बा भी बन जाएगा.

रिपोर्टर : डाई कहां से बनवाएंगे..

बलराम : डाई अहमदाबाद से बनकर आती है....

रिपोर्टर : वहा हमें जाने की जरूरत तो नहीं है ना

बलराम : नहीं नहीं हम तो यहीं से आर्डर देते हैं हमारे हिसाब से बनती हैं डाइयां ये आपका काम नहीं है वह मेरा काम है.

बलराम सिंह ने खुफिया कैमरे पर बताया कि अगर हमें कोई नकली दवा बनवानी है तो उसके लिए हमें सबसे पहले कुछ Investment करनी होंगी.

नकली दवा बनाने के लिए जरूरी Dye यानी जिस खांचे में दवा का डिजाइन तैयार होता है, उसकी Cost नकली दवा बनवाने वाले को उठानी पड़ेगी.

एक बार Dye बन जाने के बाद फिर चाहे जितनी मर्जी नकली दवाओं का ऑर्डर मिले...सिर्फ Raw Material का खर्च आएगा.

नकली दवाओं के Manufacturer बलराम सिंह ने बताया कि उसके अलग-अलग राज्यों में कम से कम सात आठ क्लाइंट हैं..जिनके जरिये वो हर साल 50 लाख रुपये से ज्यादा की नकली दवाएं बेच देता है.

बलराम : एक आध आइटम जब तक कॉपी नहीं करोगे तब तक नहीं काम पाओगे.

रिपोर्टर : मार्केट में कितने क्लाइंट है आपके पास

बलराम : हमारा तो अनलिमिटेड काम है हमारा तो कोई लिमिट नहीं है

रिपोर्टर : नहीं फिर भी 10 20 50 क्लाइंट

बलराम : हमारे पास 7 से 8 ज्यादा लंबा नहीं है इनका तगड़ा काम है बताया तो आपको इसकी 50 लाख की साल की सेल है.

रिपोर्टर : अनलिमिटेड काम है आपके पास लेकिन क्लाइंट कितने हैं आपके पास जिनको आप दवाई सप्लाई देते हैं.

बलराम : 7/8 हैं मेरे पास..

रिपोर्टर: यह 7 से 8 कहां-कहां हैं?

बलराम यह सब अलग-अलग है अलग-अलग स्टेट में.

इसके बाद नकली दवाओं की पैकेजिंग की बात शुरू हुई. हमारा सवाल था कि पैकेजिंग का सारा सामान कहां से आएगा...और ये सारा खर्च कौन उठाएगा ?

रिपोर्टर : जैसे मान लीजिए 100 रुपए की MRP है डोलो की,50 रुपए की आपने हमें दे दी.. अब प्रिंटिंग में कितना खर्चा होगा.

बलराम सिंह चौहान, नकली दावा माफिया : इसमें जो प्रिंट करवाया जाता है वो 3 हजार रुपए किलो के हिसाब से प्रिंटिंग लेते हैं.

रिपोर्टर : 3 हजार रुपए, ठीक है ठीक है..

बलराम सिंह चौहान, नकली दावा माफिया :

कम से कम 50 किलो के नीचे कुछ नहीं छापते हैं. चलो जो Raw Material लगा (दवा का) वो तो अलग है.. तो उसमे जो भी ITEM लोगे वो 50% पर ही पड़ जायेगा आपको (MRP से).. हां 5, 10% आगे पीछे.

रिपोर्टर : मतलब 55

बलराम सिंह चौहान, नकली दावा माफिया : हां 55 से ऊपर नहीं जायेगा...
एक आइटम (नकली दवा ) बनवाने को लेकर , मिनिमम खर्चा देखो 2 लाख का आता है. Starting दो ढाई दो ढाई इसके बीच होता है...कुछ कुछ में चार चार लाख तक आता है क्योंकि उसकी डाईयां (नकली दवा में ओरिजनल दवा की तरह डिजाइन बनाने वाला खांचा) अलग अलग आती हैं... कोई 30 का बनवाता कोई 15 का बनवाता है कोई 18 का बनवाता है वो बात अलग है.

रिपोर्टर : सर हम लोग नया नया काम कर रहे हैं. कोई कंपनी का डाई पड़ा होगा ना आपके पास?

बलराम सिंह चौहान, नकली दावा माफिया : मेरी बात सुनिए जैसे आप Dolo बोल रहे हो, चलो डोलो का ही उदाहरण लेलो.. उसमें देखो 2 लाख का आपका खर्चा आ जायेगा.. प्रिंटिंग का, Foil प्रिंट होगी उसमें, डब्बी भी छपेगी..ठीक है इसके बाद माल बनेगा. उसमे क्या है 1 बार इन्वेस्टमेंट है.. क्या है देखो एक बार डब्बी छपेगी तो 20–25 हजार डब्बी से नीचे नहीं छपती है.

रिपोर्टर : ठीक है.

बलराम सिंह चौहान, नकली दावा माफिया : ठीक है फिर 25 हजार डब्बी चल रही है फिर प्रिंटिंग का खर्चा है बस बाकी..

रिपोर्टर : ये छपेगा कहां, यहीं तो छपेगा

बलराम सिंह चौहान, नकली दावा माफिया : ये सब दिल्ली से छप कर आता है.

रिपोर्टर : सर आप से सीख रहे हैं आप सिखाए, आप सारा ठेका लीजिए हमसे ,छपवाने का सबका

बलराम सिंह चौहान, नकली दावा माफिया: ठेका मैं ही लूंगा, लेकिन आइटम की जो Choice आप करोगे, उसमें इन्वेस्टमेंट आपकी होगी.

रिपोर्टर : कितने टाइम में हो जायेगा.

बलराम सिंह चौहान, नकली दावा माफिया : देखो 1 महीना मिनिमम लग जाता है.

रिपोर्टर : यानी बनने से लेकर, छपने से लेकर, पैकिंग से लेकर डिलीवरी तक सब 1 महीने में हो जायेगा.

बलराम सिंह चौहान, नकली दावा माफिया : कई चीजों में आप देखते हो ना कि आम डाई होती है तो उसमें खर्चा भी घट जाता है. ये भी बता दूं आपको.. आम डाई मिल जाती है. कुछ ऐसी आइटम होती है जिसमें स्पेशल कंपनी की dye बनती है, उसमे स्पेशल पत्ता होता है, स्पेशल मशीन भी होती है ये भी बता दूं.

बलराम बार बार Dolo का उदाहरण दे रहा था.. तो हम इसके पास Micro Labs की Dolo दवा लेकर गए... और बातचीत में बलराम ने बताया कि दवा की Packaging के लिए Special Dye वो मंगवाएगा...और Dolo का नकली वर्जन वो बनाएगा....और उसकी पैकिंग में लाखों का खर्चा आएगा लेकिन कमाई खर्चे से 4 गुना ज्यादा होगी.

रिपोर्टर : जैसे कि यह डोलो का ओरिजिनल पत्ता है इसे हमने शाम में खरीदा था... इसका अगर हमें डी चाहिए मान लीजिए 10000 पत्ता चाहिए... कितना खर्चा आ जाएगा अंदाज़न.

बलराम : इसके बारे में बताया ना आपको कि कम से कम मिनिमम 10000 पत्ता मतलब हो गया 1000 डिब्बा. उस दिन हम में आप को बताया...हजार/ पंद्रह सौ/ पांच सौ डिब्बे माल आप को पांच लाख के अंदर माल बन जाएगा.. इसके बाद जो माल बनवाओगे सिर्फ माल का खर्चा रहेगा.

रिपोर्टर : फर्स्ट टाइम जो माल बनवाएंगे उसमें एक्स्ट्रा खर्चा डाई का आएगा.

बलराम : डाई है डिजाइनिंग है डब्बा बनेगा फवाइल छपेगी डबल फवाइल छपेगी ठीक है डाई बनेगी ये डाई स्पेशल बनेगी दिखाता हूं... स्पेशल डाई भी बनेगी इस पर भी डोलो लिखा हुआ है.. इससे खर्चे बढ़ जाएंगे.

रिपोर्टर : यह खर्चा वन टाइम इन्वेस्टमेंट होगा मेरा

बलराम : वन टाइम

रिपोर्टर : अगर मान लीजिए कि हम आपसे हजार डिब्बा लेते हैं तो एप्रॉक्स कितना खर्चा आ जाएगा डाई लेकर fist टाइम में...

बलराम : फर्स्ट टाइम आप से पांच लाख l

रिपोर्टर : पांच लाख उसमें हम आपको 1000 डब्बा बना करके दे देंगे इसके बाद जो आएगा इस पर जितना प्रिंट है उसका 50% आपको देना पड़ेगा बस.

रिपोर्टर : अच्छा प्रिंट का 50% सेकंड टाइम से

बलराम : हां सेकंड टाइम से...

रिपोर्टर : तो कुल मिलाकर यह है कि आपका रेसिपी यह है कि जो भी दवाई बनाना हो वह दवाई दिखा दे आपको हम लोग 1 महीने का समय दे.

बलराम : हां

रिपोर्टर : 5 लाख जमा कराए आप के पास

बलराम : हां

रिपोर्टर : आप बना कर दे देंगे...

बलराम : हां...

रिपोर्टर : सेकंड टाइम से दवाई का जो एमआरपी होगा उसका हाफ दाम लगेगा

बलराम : हां हां.

अब बारी थी बलराम से उसके पास मौजूद पैकेजिंग का सामान देखने की... तो हमने नकली दवा माफिया से कहा कि वो अपने पास मौजूद किसी दवा की पैकेजिंग का सामान हमें दिखाए, जिसके बाद बलराम ने अपनी कार की डिग्गी खोली और हमारे सामने Sun Pharma की Nitrosun 10 दवा जिसे वो अपनी फैक्ट्री में बना रहा था उसकी Back Packaging वाला Foil, डब्बा और पैक हुई दवाओं को हमारे सामने रख दिया.

बलराम सिंह चौहान, नकली दवा माफिया: ये बना हुआ माल पड़ा हुआ है.

रिपोर्टर : ये क्या है

बलराम सिंह चौहान, नकली दवा माफिया: ये रोल है (Sun Pharma की नकली दवा का) इसको अपने पास रखो , संभाल कर ले जाना लेकिन.

बलराम सिंह चौहान, नकली दवा माफिया: ये Dye है इसमें गोलियां पैक होती है..

रिपोर्टर : ये क्या है.??

बलराम सिंह चौहान, नकली दवा माफिया: ये बना हुआ माल है

इस नकली दवा माफिया के साम्राज्य में इसके पास इतनी High Tech मशीनें हैं जो निर्माण और प्रिंटिंग असली दवाओं का Duplicate Version इतनी सफाई से बनाती हैं कि असली नकली को आसपास रखने पर भी कोई व्यक्ति पहचान नहीं पाएगा की कौन सी असली है और कौन सी नकली.

बलराम सिंह चौहान, नकली दावा माफिया : देखो मार्जिन मैंने पहले ही बता दिया है, अभी बता दिया जो आप कॉपी करवाओगे किसी की, उसमे 50 और 60% होता है. देखो बिजनेस हमेशा ना ईमानदारी से चलता है. जो हमने आज बोल दिया.. आपको ठीक लगता है लोगे, नहीं ठीक लगता है नहीं लोगे. लेकिन हमारी आपकी हमेशा के लिए डीलिंग एक जैसी रहेगी.

रिपोर्टर : अच्छा कॉपी में कितना फर्क होता है.

बलराम सिंह चौहान, नकली दावा माफिया :
कुछ फर्क नहीं होगा. देखो दोनो डिब्बे पास रख दोगे ना तब भी नहीं कह सकोगे कौन का कॉपी है कौन सा ओरिजनल है.

बलराम सिंह चौहान, नकली दावा माफिया : देखो जब तक किसी बड़ी कंपनी की कॉपी नहीं रखोगे ना तब तक पैसा उतना नहीं कमाया जा सकता है. मैं ये भी बता दूं.

रिपोर्टर : क्या बड़ी कंपनी का?

बलराम सिंह चौहान, नकली दावा माफिया : जैसे Dolo है जब तक कॉपी नहीं बेचोगे नहीं कमा पाओगे. किसी डीलर से सीधा लो तो margin नहीं है.

बलराम सिंह चौहान, नकली दावा माफिया : देखो जो कॉपी वाला माल है, अगर आप Long Run के लिए काम करना चाहते हो, ठीक है उसमें एक ही दो चलाओ उसमें खर्चा लंबा आता है छोटा-मोटा खर्चा नहीं है जैसे कोई आइटम ये.

नकली दवा की PACKAGING का पूरा रोल हमारे सामने था.. बनी हुई नकली दवाएं हमारे सामने रखी हुई थी.. और ये सब कुछ खुले आसमान के नीचे हो रहा था...

अभी तक आपने हमारे Exclusive खुलासे Operation D के तीन Part पढ़ लिए हैं
Part One में हमने आपको नकली दवाओं के सौदागर बलराम सिंह की जुबानी..नकली दवाओं के कारोबार की पूरी Modus Operandi बताई.

Part Two में हमने आपको नकली दवाओं की फैक्ट्री में बड़ी बड़ी नामी कंपनियों की नकली दवाओं को बनने के बारे में बताया.

और Part Three में हमने आपको नकली दवाओं के उत्पादन से लेकर उसकी Packaging तक के पूरे Financial Model का खुलासा बताया.

लेकिन अभी हमारे इस एक्सक्लूसिव खुलासे का Part Four बाकी है, जिसमें हम नकली दवाओं की ऑल इंडिया डिलिवरी वाले नेक्सस का खुलासा करेंगे. Zee News के खुफिया कैमरे पर नकली दवा कारोबारी बलराम सिंह ने हमें नकली दवा बाजार की 70-30 रेश्यो वाली मोडस ऑपरेंडी से लेकर नकली दवाओं की Courier Service तक..सबकुछ बताया है.

हमारे लिए हैरानी की बात थी कि हिमाचल प्रदेश के एक छोटे से शहर ऊना में नकली दवाओं का इतना बड़ा काला कारोबार चल रहा है. लेकिन हमारे दिमाग में एक सवाल था कि यहां से पूरे भारत में नकली दवाइयां सप्लाई कैसे की जाती हैं.

बलराम सिंह चौहान, नकली दावा माफिया : वो क्या होता है देखो, किसी फर्म के साथ कॉन्ट्रैक्ट जैसे करवाया देखो, ठीक है वो माल खाली आपके लिए ही उतना बनाएंगे.

रिपोर्टर : अच्छा

बलराम सिंह चौहान, नकली दावा माफिया : ठीक है और रिजल्ट 100%, देखो डॉक्टर दोनो चीज़ें चाहते हैं, मैं बता दूं प्रैक्टिस मैं भी करता हूं, मैं पहले बाराबंकी देखो सीतापुर काम चलाता था मेरा. मैंने भी तीन चार लड़के रखे थे वहां पर एक डॉक्टर साहब थे , फिर मैने काम बंद कर दिया किसी कारणवश क्योंकि आना जाना होना नहीं होता था.

तो इस लिए जैसे 2 आइटम हमने आपका करवा दिया, इससे क्या ये एक आपकी अपनी आइटम हो जायेगी. मार्जिन वैसी कहीं नहीं मिलेगी और आप जितना प्रिंट चाहोगे (MRP) उतना प्रिंट भी हो जायेगा ये भी बता दूं मैं.

रिपोर्टर : किस कंपनी का होगा पहले आप ये बता दो, क्योंकि किसी भी बड़ी कंपनी का अगर होगा तो सारा काम आसानी से होगा

बलराम सिंह चौहान, नकली दावा माफिया : हो जायेगा..

नकली दवा माफिया बलराम की इस Modus Operandi को समझने के लिए बलराम ने हमारी मुलाकात करवाने अपने कथित मित्र और आयुर्वेद दवा निर्माता BS CHANDEL के पास लेकर चलता है...

बलराम के वादे के मुताबिक BS CHANDEL ना सिर्फ मन माफिक MRP के लिए तैयार हो गया बल्कि Expired दवा बाजार में बेचने के लिए हमें नया लेबल देने की पेशकश करने लगा... 

अब समझिए  कैसे नकली दवा माफिया बलराम सिंह और उसके कथित मित्र चंद पैसों के लिए इंसानों की सेहत के साथ खेलने से भी नहीं चूकते हैं...एक नकली दवा का निर्माण करके और दूसरा Expired दवा का लेबल बदलवा कर.

रिपोर्टर : क्या ये हो पाएगा..जैसे गिलोय तत्व है.. ये गिलोय तत्व.. MRP 60 है, Wholesale 45 तो MRP आगे पीछे हो जायेगी??

बी एस चंदेल : हां कर देंगे..

रिपोर्टर : ठीक है MRP कर देंगे..

रिपोर्टर : Expiry सबकी 3 साल है?

बी एस चंदेल : सबकी अलग अलग है liquid 3 साल है, कैप्सूल 3 साल है, जड़ी बूटी चूरन की 2 साल है, Eye Drop की 1 साल होती है.

रिपोर्टर : अच्छा सबसे कम किसकी रहती है Expiry

बी एस चंदेल : Eye Drops की,

रिपोर्टर : Eye Drop की कितनी ?

बी एस चंदेल : 1 साल ..

रिपोर्टर : अच्छा जैसे हमने Eye का सैंपल ले लिया.. सैंपल मतलब Eye Drop ले लिया और By Chance Expiry के 3 ही चार महीने हैं तो क्या होगा Return हो जायेगी..

बी एस चंदेल : हो जायेगी.. लगा देंगे दूसरा Label , खराब थोड़े ना होगी..

रिपोर्टर : यानी आप कहना चाह रहे हैं की एक्सपायरी नजदीक होगी तो लेबल चेंज करके देंगे

बी एस चंदेल : हां लेबल चेंज करके दे सकते हैं..

रिपोर्टर : ये बहुत अच्छा सवाल है.. जितनी सैंपल दिखाई है आपने अगर Expire होने लगती है तो क्या Option है वापस लेंगे वो दवा

बी एस चंदेल : ((हंसते हुए))झंझट तो पड़ता है.. दवा आप भेजेंगे वहां से उससे अच्छा हम लेबल भेज देंगे, थोड़ा बहुत बचती है.. लेबल चेंज कर लीजिएगा.. भेज देंगे लेबल

रिपोर्टर : Eye Drop खराब तो नहीं होगी.

बी एस चंदेल : नहीं नहीं... इसके तो 2 साल....

रिपोर्टर : तो फिर लिखते क्यों हैं Expiry??

बी एस चंदेल : वो तो government की गाइडलाइन है..आयुष डिपार्टमेंट का सिस्टम है इसलिए

यहां से निकलने के बाद बलराम ने हमे फिर समझाया की नकली दवा का खेल बिना असली दवा के मुखौटे के नहीं हो सकता है.. और क्योंकि नकली दवा हिमाचल से दूसरे राज्य जानी है तो असली दवा का मुखौटा जरूरी है.

रिपोर्टर: उसका आप बताओ आयुर्वेद वाले का क्या, करना है

बलराम सिंह चौहान,नकली दवा माफिया :आयुर्वेद वाले के पास फिर चलेंगे, सैंपल दिलवा देंगे

रिपोर्टर : हम सोच रहे हैं उसे छोड़ दें..

बलराम सिंह चौहान,नकली दवा माफिया : समझे नहीं यहां कुछ करोगे, बगैर 1 नंबर के बिलिंग के माल आगे नहीं जाने देंगे, इसका (नकली दवा) का बिल थोड़े ना कटेगा... कुछ तो आपको सहारा चाहिए, बिलिंग तो कहीं ना कहीं चाहिए तभी तो माल मंगाओगे ना आप

रिपोर्टर : कितना सहारा लें, जैसे मानो 2 मंगाए D का, तो एक नंबर का कितना मंगाएं

बलराम सिंह चौहान,नकली दवा माफिया : बिल होना चाहिए आप समझते नहीं हो..

रिपोर्टर : अच्छा समझ गए

बलराम सिंह चौहान,नकली दवा माफिया : बिल होना चाहिए

रिपोर्टर : समझ गए

बलराम सिंह चौहान,नकली दवा माफिया : बगैर बिल माल नहीं जा सकता

रिपोर्टर : ले दे के 4 आइटम नकली, 2 आइटम असली

बलराम सिंह चौहान,नकली दवा माफिया : बस बस समझ जाओ...

आपने देखा कि कैसे नकली दवा निर्माता हो या असली दवा निर्माता.. हर कोई सिर्फ पैसे की आड़ में कुछ भी करने को तैयार है.. चिंता सिर्फ है तो अपनी जेब की..और एक जगह से दूसरी जगह नकली दवा पहुंचाने में नकली दवा माफिया कुरियर का इस्तेमाल करता है...और कुरियर वाले गठजोड़ की जिम्मेदारी ही होती है की वो सही जगह पर सुरक्षित माल पहुंचाए.

बलराम :  देखो जैसे आप कौन सा आइटम बता रहे थे डोलो..

रिपोर्टर :  हां

बलराम : बलराम डोलो आप अपनी बनवाओ तो तुम बहुत फायदा . देखो मार्केट से हम भी कहीं से उठा कर देंगे कुछ कर कर कर देंगे तो उसको प्रॉफिट आपको नहीं मिलेगा एक आइटम जिसे आप जानते हो कि आप धुआंधार बेच सकते हो मतलब कि उसी से सारे खर्चे हमारे चल जाएंगे बाकी जो हम भेजो हमारा प्रॉफिट है जैसे कंपनी यह माल स्पेशल बनवाती है कम से कम साल में 50 लाख की सेल है इसकी.

रिपोर्टर  : 50 लाख का

बलराम : हां 50 लाख का

रिपोर्टर : किस कंपनी का है सर यह

बलराम : Sun Pharma का नारकोटिक है यह...

रिपोर्टर :  नारकोटिक्स

बलराम : हां...

रिपोर्टर : तो सर इसको भिजवाते कैसे हैं

बलराम : सब चला जाता है

रिपोर्टर :  फिर भी क्या किस तरीके से

बलराम :  कुरियर से

रिपोर्टर : अच्छा प्राइवेट कंपनी अगर मलिक पकड़ा जाता है तो

बलराम : नहीं पकड़ा जाएगा पैसे किस चीज की लेती है वह जो कंपनी माल ले जाती है कुरियर उनको सब पता होता है कि बिना बिल का माल है वह अपने हिसाब से निकाल कर ले जाती है.

नकली दवाओं के गठजोड़ में इस नकली दवा माफिया ने हमारे सामने यह भी कबूल किया कि नकली माल एक जगह से दूसरी जगह आराम से जा पाए और कोई दिक्कत ना हो इसके लिए सरकारी अधिकारियों की पूजा होली की मिठाई और दीवाली के पटाखों से होती है.

बलराम सिंह चौहान , नकली दवा माफिया: देखो थोड़ा बहुत तो हर जगह करना होता है.. वो minor है.

रिपोर्टर : वो कहते हैं ना हर जगह पूजना पड़ता है..

बलराम सिंह चौहान , नकली दवा माफिया:होली हो गई दिवाली हो गई तगड़ा गिफ्ट दे दिया.. इसको रिश्वत भी नहीं कह सकते.. ये तो गिफ्ट हो गया.. इसका मतलब वो भी समझते हैं हम भी समझते हैं.. कोई हमारे मामा थोड़े ना लगते हैं जो गिफ्ट दे रहे.. काम कर रहे हैं तभी तो गिफ्ट दे रहा हूं.. ये सब चीजें नॉर्मल होती हैं...

नकली दवाओं की Supply में रुकावट ना हो.. इसके लिए हाई टेक मशीनें, अधिकारियों की गिफ्ट वाली पूजा और कोरियर कंपनी को पैसों से लबालब भरने के बावजूद.. नकली दवा माफियाओं ने अपने नकली दवाओं के अड्डों पर Scientists की भी भर्ती कर रखी है... जिससे दवा की जांच हो तो पकड़ में ना आए की दवा असली है या नकली..

रिपोर्टर : सर एक बात बताइए यह जो डुप्लीकेट बना हुआ है इसमें क्वालिटी में कोई फर्क पड़ता है क्या

बलराम : नो...क्वालिटी में कोई फर्क नहीं होता

रिपोर्टर :  फिर तो आप लोग साइंटिस्ट रखते होंगे बनाने के लिए

बलराम : और क्या सब कुछ ऐसे ही थोड़ी हो जाता है और क्या ऐसे थोड़ी होता है सब कुछ

रिपोर्टर : तो बाहर से मंगवा कर बनाते हैं आप लोग या फिर यही हो जाता है

बलराम :  नही यही बना जाता है..आदमी हायर किए जाते हैं

रिपोर्ट : एरिया कैसे आदमी होते हैं जो हायर किए जाते हैं

बलराम :  जो मतलब जीने सबका फार्मूला पता है क्या कहना है कैसे करना है कितना करना है तभी टैबलेट बनेगी

रिपोर्टर : कोई सरकारी आदमी होता होगा
बलराम : प्राइवेट होते हैं.

रिपोर्टर : मतलब कि किसी कंपनी के साइंटिस्ट होंगे वह जाकर बनता होगा और पैसा लेता होगा

बलराम :  बस बस और क्या

Supply की पूरी Modus Operandi समझने के बाद हम जानना चाहते थे की आखिर पैसों का लेनदेन ये नकली दवाओं का माफिया कैसे करता है.. ऐसे में हमने इससे पूछा की नकली दवाएं जो यह बनाएगा उसका पैसा किस खाते में लेगा... तो जवाब आया की उसके नकली दवाओं के धंधे में पैसों का लेन देन सारा स्कूल के NGO द्वारा होता है... जिसकी पूरी जानकारी नकली दवाओं के सरगना बलराम ने हमारी खुफिया कैमरे के सामने तोते की तरह बताई.

बलराम सिंह चौहान, नकली दवा माफिया: मैं एक अकाउंट दूंगा स्कूल का , NGO का पैसा उसमे डालना..

रिपोर्टर : NGO का

बलराम सिंह चौहान, नकली दवा माफिया: हां उसमे बात की थी, उसमे डालना

रिपोर्टर : ठीक है

बलराम सिंह चौहान, नकली दवा माफिया: बाकी ये वाले तो हमको दे ही दो

रिपोर्टर : ठीक है...

बलराम सिंह चौहान, नकली दवा माफिया: ठीक

रिपोर्टर : NGO किस नाम से आयेगा??

बलराम सिंह चौहान, नकली दवा माफिया: आनंद भवन जन कल्याण शिक्षा समिति

रिपोर्टर : आनंद भवन जन कल्याण

दवाओं के बनने से लेकर पैकेजिंग, और वितरण की MODUS OPERANDI और नकली दवा माफियाओं के हाई टेक तरीकों से एक बात तो साफ है.. कि देश में ड्रग कंट्रोलर और नकली दवा माफिया एक दूसरे के साथ "तू डाल डाल मैं पात पात" वाला खेल रहे हैं... और प्लानिंग इतनी फूलप्रूफ कर रहे हैं कि उन्हें और उनकी नकली दवा की खेप को पकड़ना नामुमकिन हो जाए...हालांकि ज़ी न्यूज़ के कैमरे से नकली दवाओं के सरगना बच नहीं पाए...

खुफिया कैमरे पर हमारी नकली दवाओं की यह Investigation रिपोर्ट आपने देखी.. और हो सकता है आप में से कई लोगों को अब यह चिंता सताने लगी होगी की आपके पास जो दवाइयां है, जिनका आप सेवन करते हैं कहीं वो तो नकली नहीं है.

आपकी सेहत की चिंता हमे भी है. इसीलिए हमारी इस Investigation रिपोर्ट को आपको दिखाने से पहले हमने Sun Pharma जिसकी नकली दवाइयां हमारे खुफिया कैमरे पर बनाई जा रही थी, भारत सरकार के Drug CONTROLLER General of India (DGCI) और हिमाचल प्रदेश के DRUG CONTROLLER से उनका नकली दवाओं पर जवाब मांगा था.

जिस पर भारत की MULTINATIONAL दवा निर्माता कंपनी SUN PHARMA ने हमें ईमेल के जरिए जवाब दिया कि भारत में नकली दवाएं मरीजों की सेहत और सुरक्षा के लिए एक बड़ी चुनौती है और Sun Pharma के पास खुद की एक Enforecement Team है जो स्थानीय FDA और पुलिस के साथ काम करके उसकी नकली दवाओं को बाजार में प्रवेश करने से रोकती है.

हालांकि Sun Pharma ने इस सवाल का जवाब नहीं दिया कि क्या कंपनी को हिमाचल प्रदश के छोटे से शहर ऊना में बन रही नकली दवाओं के बारे में पता है या नहीं.

इसी तरह Drug CONTROLLER General of India ने Phone Call पर बातचीत के दौरान किसी भी तरह का जवाब देने से मना कर दिया.

हमने हिमाचल प्रदेश में नकली दवाओं की फैक्ट्री के खुलासे पर वहां के State Drug Controller...नवनीत मारवाह का Reaction मांगा तो उन्होंने भी कैमरे पर कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया . लेकिन बयान दिया कि हिमाचल प्रदेश में नकली दवाओं के व्यापार के खिलाफ सरकार की Zero Tolerance Policy है . अगर कोई मामला सामने आएगा तो सख्त से सख्त एक्शन लिया जाएगा .

एक बात तो एकदम साफ है कि Zee News ने हिमाचल प्रदेश में चल रहे नकली दवाओं के कारोबार का जो खुलासा किया है. वो ना सरकार की नजरों से छिपा है और ना दवा कंपनियां इससे अंजान हैं. हालांकि एक बात हम फिर से साफ कर देना चाहते हैं कि इस OperationD में हमारा मकसद किसी दवा निर्माता कंपनी की छवि को नुकसान पहुंचाना नहीं था. बल्कि हमारा मकसद लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने वाले मौत के सौदागरों का चेहरा पूरे भारत के सामने लाना था. ऐसे में अब हम उम्मीद करते हैं कि हमारे OperationD को देखने के बाद भारत सरकार नकली दवाओं को पकड़ने के अपने अभियान को और तेज करेगी.

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