'चार जून 400 पार' से शुरू हुआ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चुनावी नारा पिछले दो महीने में मतदान के हर चरण के साथ तीखा होता गया. वहीं विपक्षी पार्टियां भी कहां पीछे रहीं उन्होंने भी खूब तगड़े, करारे जवाब दिए.
19 अप्रैल से शुरू हुआ चुनावी सफर 1 जून को शांतिपूर्ण तरीके से समाप्त हुआ तो नहीं कहेंगे लेकिन मजेदार रहा कहा जा सकता है. बस अब से कुछ देर में EVM का पिटारा खुलेगा और एक्जिट पोल सच होता है और पीएम मोदी 3.O के साथ आगे बढ़ते हैं या फिर ये आंधी यहीं थम जानी है पता चल जाएगा.
लेकिन जब हम आगे की तरफ बढ़ रहे हों तो जरूरी हो जाता है कि पीछे की चंद वो झलकियां भी देखें जो देश की जनता को याद दिलाती रहें कि सनद रहें..
करीब डेढ़ महीने तक चले इस चुनावी जंग में पीएम मोदी का 'एम' फैक्टर हो या फिर विपक्ष का संविधान, लोकतंत्र से लेकर खटाखट और ठकाठक मीडिया का ही नहीं आम जनता का भी खूब मनोरंजन हुआ. बेरोजगारी, महंगाई, सड़क, ग्लोबल वार्मिंग, साइक्लोन, बाढ़ जैसे अहम मुद्दे कहीं गौन ही रहे..चला क्या मुजरा, मुसलमान, मंगलसूत्र और मोदी.
पीएम मोदी के छह 'M' ने 18 वें लोकसभा चुनाव को यादगार ही नहीं बनाया रिकॉर्ड रैलियों वाला भी बना दिया.
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पीएम मोदी के M
वैसे तो पीएम मोदी ने विपक्षी पार्टियों के खान पान में मटन- मछली से लेकर मुगलिया सोच, मुस्लिम लीग, मंगलसूत्र, मुजरा तक को खूब जम कर भुनाया और कुछ न कुछ ऐसा पंच मारा की विपक्षी पार्टियां तिलमिला कर ऐसे बयान दे गईं कि उसके बाद उन्हें सफाई देने तक की नौबत आ गई.
पहले बात करते हैं 'मुजरे' की. बिहार में 25 मई को एक जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा,' इंडी गठबंधन को वोट बैंक की गुलामी करनी है तो शौक से करे. वहां जाकर उन्हें 'मुजरा' करना है तो वो भी करें लेकिन मैं हमेशा SC/ST-OBC आरक्षण के साथ खड़ा हूं और रहूंगा.
इस चुनाव में पीएम मोदी ने राहुल गांधी को पप्पू वाले टैग से हटाकर शहजादे कर दिया है. उधमपुर में इंडिया गठबंधन में लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव जो बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री रहे हैं उन्हें भी खूब आड़े हाथों लिया और कहा, "नवरात्रि के दिनों में नॉनवेज खाने का वीडियो दिखाकर, लोगों की भावनाओं को चोट पहुंचाकर ये किसको खुश करने का खेल कर रहे हैं.'- इनकी मंशा कुछ और है. ये ऐसा इसलिए करते हैं कि देश की मान्यताओं पर हमला हो. बड़ा वर्ग ऐसे वीडियो देख असहज होता रहे. जो भी जिसे खाना है खाए लेकिन समस्या खाने में नहीं अंदाज में है. तुष्टिकरण से आगे बढ़कर ये इनकी मुगलिया सोच है, लेकिन ये लोग नहीं जानते हैं कि जनता जब जवाब देती है तो शाही परिवार के युवराजों को बेदखल होना पड़ जाता है.'
ये लोग ऐसा जानबूझकर इसलिए करते हैं, ताकि इस देश की मान्यताओं पर हमला हो।
ये इसलिए होता है, ताकि एक बड़ा वर्ग इनके वीडियो देखकर असहज होता रहे।
समस्या इस अंदाज से है कि तुष्टिकरण से आगे बढ़कर ये इनकी मुगलिया सोच है।
- पीएम @narendramodi
सहारनपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा था, ''जिस कांग्रेस ने आजादी की लड़ाई लड़ी थी, वह दशकों पहले ही समाप्त हो गई है. आज जो कांग्रेस है, उसके पास न राष्ट्र हित की नीतियां हैं और न राष्ट्र निर्माण का विजन. कांग्रेस के घोषणा-पत्र में वहीं सोच झलकती है, जो आजादी से पहले मुस्लिम लीग में थी.''
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वहीं पीएम ने सुहाग की निशानी मंगलसूत्र को लेकर भी विपक्ष पर हमला बोला था. राजस्थान में उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस की सरकार बनेगी तो हर एक की प्रॉपर्टी का सर्वे किया जाएगा. हमारी बहनों के पास कितना सोना है इसकी भी जांच की जाएगी और उनकी नजर उनकी चांदी पर भी होगी. उन्होंने कहा," बहनों के गले से मंगलसूत्र छीनकर किसी और को दे दिया जाएगा. क्या आपकी प्रॉपर्टी किसी को ऐसे ऐंठने का अधिकार है?
वहीं राहुल सावन के महीने में बिहार गए और चंपारण मटन की रेसिपी लालू यादव से सीखी..वीडियो खूब वायरल हुआ. इसपर भी पीएम ने राहुल गांधी को घेरते हुए कहा, 'अदालत ने जिसे सजा सुनाई. जो जमानत पर है और ऐसे मुजरिम के घर जाकर सावन के महीने में मटन बनाने की मौज ले रहे हैं और वीडियो बनाकर देश के लोगों को चिढ़ाने का काम करते हैं.'
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