डीएनए हिंदी: Alphabet Layoffs- दुनिया भर में आर्थिक मंदी के चलते लगातार हो रही छंटनी थमने का नाम नहीं ले रही है. खासतौर पर टेक और ई-कॉमर्स कंपनियों पर इसका सबसे ज्यादा असर हुआ है. अमेजन, माइक्रोसॉफ्ट, फेसबुक और ट्विटर के बाद सर्च इंजन गूगल में भी छंटनी शुरू हो गई है. गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट इंक (Alphabet Inc) ने 12,000 कर्मचारियों को हटाने की घोषणा की है. इसके लिए गूगल के भारतीय मूल के सीईओ सुंदर पिचाई (Sundar Pichai) ने एक स्टाफ मेमो के जरिये कर्मचारियों को इसकी जानकारी दी है और इसे बेहद जरूरी बताते हुए कर्मचारियों से माफी भी मांगी है.
आइए 6 पॉइंट्स में जानते हैं कि गूगल जैसी दिग्गज कंपनी को क्यों छंटनी करनी पड़ रही है.
1. क्या कहा है स्टाफ मेमो में पिचाई ने
Reuters की रिपोर्ट के मुताबिक, कर्मचारियों को भेजे स्टाफ मेमो में अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई ने 12,000 नौकरियां खत्म करने की घोषणा की है. इसमें पिचाई ने छंटनी के फैसले की पूरी जिम्मेदारी लेते हुए माफी मांगी है. पिचाई ने कहा है कि कड़ी मेहनत से काम करने वाले कुछ टेलेंटेड लोगों को अलविदा कहना होगा.
2. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर बढ़ता जोर हो सकता है कारण
गूगल इस समय अपने सभी प्लेटफार्म्स पर ज्यादा से ज्यादा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस () यानी मशीनी दिमाग के इस्तेमाल पर जोर दे रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गूगल ने जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़े कई सॉफ्टवेयर में बड़ा निवेश किया है. इसके चलते मैनपॉवर पर उसकी निर्भरता घट रही है. इसी कारण एक्स्ट्रा मैनपॉवर को बाहर किया जा रहा है. पिचाई ने स्टाफ मेमो में भी AI में शुरुआती निवेश के अलावा गूगल प्रोडक्ट्स और सर्विस के मूल्य की बदौलत कंपनी के सामने मौजूद बड़े अवसर के लिए आश्वस्त होने की बात कही है.
3. क्या कंपनी आर्थिक बोझ घटाना चाहती है
पिचाई ने मेमो में स्पष्ट लिखा है कि गूगल ने पिछले दो साल में बड़े पैमाने पर ग्रोथ हासिल की है. इस ग्रोथ से समानता करने के लिए हम जिस वास्तविकता का आज सामना कर रहे हैं, उससे बिल्कुल उलट इकोनॉमिक रियल्टी के लिए लोगों को हायर किया गया था. पिचाई ने लिखा है कि कंपनी के सामने खड़े बड़े अवसरों को पूरी तरह कैप्चर करने के लिए कठिन निर्णय लेने पड़े हैं. इसी कारण कंपनी में सभी रीजन और सभी प्रोडक्ट्स का बेहद कड़ा रिव्यू किया गया है. पिचाई ने इसे कॉस्ट बेस को दोबारा तय करने और पूंजी से जुड़ी सर्वोच्च प्राथमिकताओं पर केंद्रित करने का महत्वपूर्ण पल बताया है.
4. अमेरिका में निकाले जा रहे कंपनियों को यह सुविधा देगी कंपनी
- पिचाई ने मेमो में माना की ट्रांजिशन आसान नहीं होगा, इसलिए कंपनी अगली जॉब हासिल करने की तरफ जाने वाले कर्मचारियों को सपोर्ट करेगी. अमेरिका में कर्मचारियों को कंपनी की तरफ से निम्न सुविधाएं मिलेंगी-
- कर्मचारियों को नोटिस पीरियड (कम से कम 60 दिन) का पूरा पैसा देगा.
- Google में एक सेवरेंस पैकेज देंगे, जिसमें 16 सप्ताह के वेतन से शुरू होकर गूगल में बिताए हर अतिरिक्त वर्ष के लिए दो सप्ताह का वेतन प्लस होगा. साथ ही कम से कम 16 सप्ताह का GSU भी निहित होगा.
- साल 2022 के सभी तरह के बोनस दिए जाएंगे और बची हुई छुट्टियां भी दी जाएंगी.
- 6 महीने तक हेल्थ केयर, जॉब प्लेसमेंट सर्विसेज और इमिग्रेशन सपोर्ट भी दी जाएगी.
- अमेरिका से बाहर के कर्मचारियों को स्थानीय नियमों के हिसाब से सपोर्ट दिया जाएगा.
5. वर्क फ्रॉम होम लीजिए, कठिन खबर के लिए खुद को तैयार कीजिए
पिचाई ने कहा है कि कर्मचारियों के पास बहुत सारे सवाल होंगे कि अब हम कैसे आगे बढ़ेंगे. इनका जवाब देने के लिए हम सोमवार को कंपनी मुख्यालय में टाउन हॉल (पब्लिक फोरम) का आयोजन करेंगे. तब तक आप इस कठिन खबर को पचाने के लिए खुद को अच्छी तरह तैयार कीजिए. इसके लिए यदि आपने अपना कामकाज आज शुरू किया है तो आज आराम से वर्क फ्रॉम होम कीजिए.
6. गूगल के कामकाज पर होगा कितना प्रभाव
एकसाथ 12,000 लोगों को हटाए जाने से गूगल का कामकाज कितना प्रभावित होगा, ये भी सवाल उठ रहे हैं. पिचाई ने अपने मेमो में इस तरफ भी संकेत कर दिया है. उन्होंने साफ संकेत दिए हैं कि गूगल आने वाले दिनों में ज्यादा से ज्यादा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर भरोसा करेगा यानी एक गूगल यूजर के तौर पर आपको क्या देखना चाहिए और क्या नहीं देखना चाहिए, इसका फैसला मशीनी दिमाग करेगा. मैनपॉवर के लिहाज से देखा जाए तो पिचाई ने इसका प्रभाव 'अक्रॉस द गूगल' पड़ने की बात कही है यानी कंपनी की भर्तियों से लेकर कॉरपोरेट वर्किंग तक और इंजीनियरिंग से लेकर प्रोडक्ट्स की टीम तक हर जगह असर पड़ेगा.
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