लालू यादव की तरह पत्नी को बैठाकर सत्ता संभालेंगे हेमंत सोरेन? जानिए क्या कहता है इस बारे में कानून

Written By कुलदीप पंवार | Updated: Jan 02, 2024, 06:25 PM IST

Jharkhand के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को नया सीएम बनाने की अफवाह है.

Who is Kalpana Soren: भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने दावा किया है कि सोरेन परिवार में चल रहे विवाद और ED जांच के कारण हेमंत सोरेने अपनी पत्नी कल्पना को सत्ता सौंपने जा रहे हैं. इसके लिए 3 जनवरी को बैठक भी बुलाई गई है.

डीएनए हिंदी: Jharkhand News- झारखंड में राजनीतिक सरगर्मी अचानक भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के ट्वीट के बाद बढ़ गई है, जिसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा पद से इस्तीफा देकर अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बनाने का दावा किया गया है. कहा जा रहा है कि सोरेन परिवार में चल रहे अंदरूनी विवाद और अपने खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच के चलते हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं. इसके बाद वे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की तर्ज पर अपनी जगह अपनी पत्नी को मुख्यमंत्री बनाकर पर्दे के पीछे से सरकार चला सकते हैं. लालू ने भी चारा घोटाले में जेल जाने पर अपनी जगह पत्नी राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बना दिया था. हेमंत सोरेन के इस्तीफे की चर्चा उस समय तेज हुई है, जब उनके बेहद खास विधायक सरफराज अहमद ने गांडे सीट से इस्तीफा दे दिया है. साथ ही हेमंत सोरेन ने अचानक 3 जनवरी को विधायक दल की बैठक बुलाई है, जिसमें हर विधायक की मौजूदगी अनिवार्य कर दी गई है.

सोरेन परिवार में कई लोग हैं विधायक, फिर भी पत्नी को चुन रहे हेमंत

झारखंड में विधानसभा चुनाव होने में अभी काफी वक्त बाकी है. सोरेन परिवार में पहले से ही कई लोग विधायक हैं. हेमंत के भाई बसंत सोरेन दुमका सीट से तो भाभी सीता मुर्मू उर्फ सीता सोरेन जामा सीट से विधानसभा में मौजूद हैं. लेकिन इन लोगों के बजाय हेमंत यदि अपनी पत्नी कल्पना को मुख्यमंत्री बनाते हैं तो इसके दो कारण माने जा रहे हैं. पहला कारण है हेमंत का सत्ता को अपने कब्जे में बनाए रखना और दूसरा अपने परिवार में से किसी अन्य व्यक्ति पर हेमंत का भरोसा नहीं होना.

क्या कल्पना के लिए खाली की है सरफराज ने सीट?

गांडे विधानसभा सीट से इस्तीफा देने वाले सरफराज अहमद तीन बार यहां से विधायक बन चुके हैं. उन्होंने दो बार कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल की थी, जबकि साल 2019 के विधानसभा चुनावों से पहले वे पाला बदलकर झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) में आ गए थे. उन्हें हेमंत सोरेन के करीबियों में गिना जाता है. उनके यूं अचानक इस्तीफा देने को हेमंत की पत्नी कल्पना सोरेन के मुख्यमंत्री बनने की चर्चा से ही जोड़कर देखा जा रहा है, जो फिलहाल विधानसभा की सदस्य नहीं हैं. 

कल्पना मुख्यमंत्री बन सकती हैं या नहीं, जानिए क्या कहता है कानून

कल्पना सोरेन के झारखंड विधानसभा का सदस्य नहीं होने पर क्या उनका मुख्यमंत्री बनना संभव है? कानून के मुताबिक, किसी सदन के लिए निर्वाचित नहीं होने वाला व्यक्ति भी छह महीने के लिए मंत्री पद या मुख्यमंत्री पद संभाल सकता है. यदि निशिकांत दुबे के दावे पर भरोसा किया जाए तो कल्पना सोरेन के पास मुख्यमंत्री बनने पर झारखंड विधानसभा के लिए निर्वाचित होने के लिए छह महीने का समय रहेगा. हालांकि अब JMM के पास गांडे विधानसभा सीट खाली है तो कल्पना सोरेन को इस सीट से उपचुनाव में उतारकर निर्वाचित सदस्य बनाया जा सकता है. इसके लिए चुनाव आयोग को छह महीने के अंदर उपचुनाव आयोजित करना होगा. झारखंड विधानसभा चुनाव इस साल नवंबर-दिसंबर में आयोजित होने हैं, जिसमें अभी 11 महीने बाकी हैं. नियमों के हिसाब से उपचुनाव आयोजित करने के लिए आयोग के पास पर्याप्त समय है.

झारखंड में नहीं हैं विधान परिषद

झारखंड में विधानसभा और विधान परिषद वाली दोहरी सदन की विधायी व्यवस्था नहीं है. ऐसी व्यवस्था में कोई भी व्यक्ति सदन में विधानपरिषद के जरिये निर्वाचित होकर शामिल हो सकता है. इसी व्यवस्था की बदौलत सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और अपने पिछले कार्यकाल में योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे.

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