ICC World Cup 2023: क्या ऑस्ट्रेलिया से 36 साल पुराना बदला लेगा भारत, पढ़िए 12 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया के ओपनिंग मैच की दास्तां

Written By कुलदीप पंवार | Updated: Jun 28, 2023, 11:10 AM IST

Team India in Cricket World Cup

ICC World Cup 2023 का शेड्यूल जारी हो गया है. भारतीय क्रिकेट टीम को अपना ओपनिंग मैच 8 अक्टूबर को चेन्नई में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलना है, जो एक खास संयोग बना रहा है.

डीएनए हिंदी: ICC Cricket World Cup- क्रिकेट के सबसे बड़े महाकुंभ यानी आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप (icc cricket world cup 2023) का शेड्यूल जारी हो गया है. भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) अपनी धरती पर तीसरी बार वनडे वर्ल्ड कप में हाथ आजमाने उतरेगी. पिछली बार अपनी धरती पर साल 2011 में वर्ल्ड कप खेलने वाली टीम इंडिया (Team India) महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में चैंपियन बनी थी. इस बार भी क्रिकेट फैंस को यही उम्मीद रहेगी. इस बार भारतीय टीम अपने अभियान की शुरुआत ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 8 अक्टूबर को चेन्नई में डे-नाइट मुकाबले से करेगी. यह वर्ल्ड कप इतिहास में महज दूसरा मौका होगा, जब टीम इंडिया अपना अभियान ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरू करेगी. इससे पहले भारत ने रिलायंस वर्ल्डकप 1987 (Reliance World Cup 1987) में अपना ओपनिंग मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चेन्नई में ही खेला था. 

9 अक्टूबर, 1987 को खेले गए उस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को भाग्य की बदौलत आखिरी गेंद पर 1 रन से हराया था. क्या इस बार टीम इंडिया अपना बदला लेने में सफल रहेगी? इस सवाल का जवाब तो 8 अक्टूबर को मिलेगा, लेकिन तब तक हम जान लेते हैं कि पिछले सभी वर्ल्ड कप में (ICC World Cup 1975 to 2019 Brief History) भारत ने ओपनिंग मैच किस टीम से खेला है और उसका क्या रिजल्ट रहा है? साथ ही उस वर्ल्ड कप में भारत का सफर (Team India World Cup History)  कहां तक चला था?

प्रूडेंशियल वर्ल्ड कप-1975 में इंग्लैंड से हुआ पहला मुकाबला

साल 1975 में पहला वनडे विश्व कप खेला गया, जिसका नाम प्रूडेंशियल वर्ल्ड कप (prudential world cup 1975) था. इस वर्ल्ड कप में टीम इंडिया का पहला मैच इंग्लैंड के खिलाफ था, जिसमें भारतीय टीम को 202 रन की शर्मनाक हार मिली थी. डेनिस एमिस (Dennis Ammis) के 137 रन की मदद से इंग्लैंड ने 60 ओवर में 4 विकेट पर 334 रन बनाए. जवाब में भारत 60 ओवर में 3 विकेट पर 132 रन ही बना सका, जिसमें सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने टेस्ट क्रिकेट के अंदाज में 174 गेंद पर नॉट आउट 36 रन बनाए. इसे वनडे क्रिकेट की आज तक की सबसे धीमी पारी माना जाता है. इस वर्ल्ड कप में भारतीय टीम ने 2 मैच और खेले, जिनमें ईस्ट अफ्रीका (Kenya) को 10 विकेट से हराया, जबकि न्यूजीलैंड से 4 विकेट से हार गया. यह वर्ल्ड कप वेस्टइंडीज ने ऑस्ट्रेलिया को फाइनल में 17 रन से हराकर अपने नाम किया था.

प्रूडेंशियल वर्ल्ड कप-1979 में चैंपियन वेस्टइंडीज के सामने आगाज

टीम इंडिया के लिए किस्मत प्रूडेंशियल वर्ल्ड कप-1979 (prudential world cup 1979) में भी खराब रही, जब उनका पहला ही मैच चैंपियन वेस्टइंडीज से हो गया. वेस्टइंडीज उस समय अपने पीक दौर में थी, जिसकी पेस बैटरी के सामने अच्छे-अच्छे बल्लेबाज कांपते थे. टीम इंडिया महज 190 रन बनाकर लुढ़क गई. वेस्टइंडीज ने 9 विकेट से मैच जीत लिया. इस वर्ल्ड कप में भारत की दुर्गति और ज्यादा हुई. उसे एसोसिएट मेंबर कंट्री श्रीलंका (उस समय फुल टाइम मान्यता प्राप्त टीम नहीं) ने भी 47 रन से हरा दिया, जबकि न्यूजीलैंड ने 8 विकेट से पीट दिया. भारतीय टीम बिना किसी जीत के घर लौटी थी. इस वर्ल्ड कप में भी वेस्टइंडीज ही चैंपियन बना, जिसने इंग्लैंड को फाइनल में 92 रन से पीट दिया.

प्रूडेंशियल वर्ल्ड कप-1983 में चैंपियन को पीटकर दिखाए टीम इंडिया ने तेवर

मुकाबला प्रूडेंशियल वर्ल्ड कप-1983 में भी वेस्टइंडीज से ही था, लेकिन टीम इंडिया ने इस बार चैंपियन टीम को 34 रन से हराकर अपने तेवर दिखा दिए. यह वर्ल्ड कप टीम इंडिया ने वेस्टइंडीज को ही फाइनल में 43 रन से हराकर जीता और इतिहास रच दिया. इसके बाद भारतीय क्रिकेट का नजारा ही बदल गया. इसके बाद हुए रिलायंस वर्ल्ड कप-1987 का जिक्र हम ऊपर कर ही चुके हैं.

1992 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड ने खराब कराई शुरुआत

ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड में खेले गए बेंसन एंड हेजेज वर्ल्ड कप-1992 में भारतीय टीम को पहले मैच में इंग्लैंड से 9 रन की करीबी हार मिली. इस वर्ल्ड कप में टीम इंडिया का सफर लीग दौर में ही खत्म हो गया था. फाइनल में भाग्य के सहारे पहुंचे पाकिस्तान ने इंग्लैंड को 22 रन से हराकर ट्रॉफी अपने नाम की थी.

1996 वर्ल्ड कप में केन्या को धोया पर फीकी रही टीम इंडिया

1996 में वर्ल्ड कप एक बार फिर भारतीय धरती पर था. टीम इंडिया ने पहले मैच में केन्या को 7 विकेट से रौंदकर बेहतरीन शुरुआत भी की, लेकिन सेमीफाइनल में श्रीलंका के सामने बेहद शर्मनाक तरीके से भारतीय टीम का सफर समाप्त हुआ. फाइनल में श्रीलंका ने ऑस्ट्रेलिया को 7 विकेट से पीटकर अपनी बादशाहत का ऐलान कर दिया.

1999 में टीम इंडिया का फीका रहा रंग

1999 में इंग्लैंड लौटे वर्ल्ड कप में टीम इंडिया से कपिल देव की कप्तानी वाला 1983 का पल दोहराने की उम्मीद लगाई गई, लेकिन भारतीय टीम नाकाम साबित हुई. पहले मैच में ही दक्षिण अफ्रीका ने भारत को 4 विकेट से हरा दिया. इसके बाद टीम इंडिया फीकी ही दिखाई दी. इस वर्ल्ड कप को ऑस्ट्रेलिया ने फाइनल में पाकिस्तान को महज 132 रन पर आउट कर 8 विकेट से रौंद दिया और बादशाहत वापस ले ली.

2003 में भारत का सुर लौटा पर फाइनल फिर बेसुरा

2003 में दक्षिण अफ्रीका की धरती पर खेले गए वर्ल्ड कप में भारतीय टीम ने ओपनिंग मैच मे नीदरलैंड्स को 68 रन से रौंद दिया. इस वर्ल्ड कप में सचिन तेंदुलकर की जबरदस्त धमक से भारतीय टीम सुर में दिखाई दी. फाइनल तक आसानी से पहुंची टीम इंडिया की ताल वहां जाते ही बिगड़ गई. रिकी पोंटिंग (नॉटआउट 140 रन) की धमाकेदार बल्लेबाजी के बाद ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की तीखी धार ने भारतीय टीम को बेसुरा कर दिया. ऑस्ट्रेलिया ने 2 विकेट पर 359 रन बनाए. जवाब में टीम इंडिया 40वें ओवर में ही 234 रन पर ऑलआउट हो गई और 125 रन से वर्ल्ड कप उसके हाथ से फिसल गया.

2007 को तो याद भी नहीं करेगी टीम इंडिया

इस सदी में भारतीय टीम यदि किसी एक चीज को भूलना चाहेगी तो वो 2007 का आईसीसी वर्ल्ड कप (icc cricket world cup 2007) है, जिसमें भारतीय टीम को ओपनिंग मैच में ही तत्कालीन क्रिकेट की 'बच्चा' टीम बांग्लादेश ने 5 विकेट से पीट दिया. टीम इंडिया सुपर लीग में भी नहीं पहुंच सकी. फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने श्रीलंका को 53 रन से हराकर खिताब अपने नाम किया.

2011 में 38 साल बाद भारत फिर चैंपियन

साल 2011 में वर्ल्ड कप का आयोजन 15 साल बाद भारतीय धरती पर लौटा. महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में अनुभव और युवा खून के बैलेंस्ड मिक्सचर ने कमाल कर दिया. भारतीय टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ ओपनिंग मैच में वर्ल्ड कप इतिहास का पहला टाई मैच खेला. इससे लगा कि टीम इंडिया तैयार नहीं है, लेकिन फिर एक के बाद एक मैच जीतते हुए टीम इंडिया फाइनल में पहुंची. फाइनल में धोनी ने आखिर में हेलीकॉप्टर शॉट से छक्का लगाया और ईडन गार्डंस स्टेडियम में मौजूद 1 लाख दर्शकों के साथ पूरा देश जश्न में डूब गया. भारत 38 साल बाद फिर चैंपियन बन गया था. श्रीलंका ने 6 विकेट पर 274 रन बनाए थे, लेकिन टीम इंडिया ने गौतम गंभीर के 97 रन और धोनी के नॉटआउट 91 रन की बदौलत 10 गेंद पहले ही 4 विकेट पर 277 रन बनाकर खिताब जीत लिया.

2015 में पाकिस्तान को पीटकर शुभारंभ किया, पर सेमीफाइनल में चूके

ऑस्ट्रेलिया की धरती पर 2015-16 में खेले गए वर्ल्ड कप में भारत का पहला मैच चिरप्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से था. भारतीय टीम ने यह मैच 76 रन से जीता. इससे बड़ा टॉनिक टीम इंडिया को नहीं मिल सकता था, फिर भी भारतीय टीम सेमीफाइनल में चूक गई. ऑस्ट्रेलिया ने टीम इंडिया को 95 रन से रौंद दिया और खिताबी राह रोक दी. फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने न्यूजीलैंड को 7 विकेट से पीटकर रिकॉर्ड 5वीं बार वर्ल्ड कप ट्रॉफी पर अपना नाम लिखवा लिया.

2019 में भी अच्छा आगाज, सेमीफाइनल में खेल खत्म
भारतीय टीम ने इंग्लैंड में खेले गए वर्ल्ड कप-2019 में भी साउथ अफ्रीका को 6 विकेट से पीटकर बढ़िया शुरुआत की, लेकिन एक बार फिर उनका सफर सेमीफाइनल में थम गया. न्यूजीलैंड ने बारिश के बाद रिजर्व-डे में खेले गए मैच में भारत को महज 18 रन से हरा दिया. फाइनल में इंग्लैंड ने विवादित निर्णयों के बीच न्यूजीलैंड के बीच टाई मैच खेला गया. इसके बाद सुपर ओवर भी टाई रहा. इंग्लैंड ने विवादित तरीके से ज्यादा चौके-छक्के लगाने के आधार पर मुकाबला और खिताब जीत लिया.

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