लेबनान की राजधानी बेरूत के कुछ हिस्सों में जश्न के तौर पर आतिशबाजी की गई. वजह था वो मिसाइल हमला जो ईरान ने इजरायल पर किया. बताया जा रहा है कि यह ईरान का इजरायल के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा हमला था जिसमें ईरान की तरफ से इजरायल पर मिसाइलों की बौछार की गई. हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह की मौत से इतना तो साफ़ है कि इजरायल ने न केवल लेबनान में बल्कि पूरे मध्य पूर्व में अपने तमाम दुश्मन बना लिए हैं.
ध्यान रहे यह कोई संयोग नहीं है कि यह हमला ठीक उसी दिन हुआ, जिस दिन इजरायली सैनिकों ने लेबनान पर हमला किया था, ताकि वे हिजबुल्लाह (ईरान के साथ घनिष्ठ रूप से संबद्ध आतंकवादी समूह) के खिलाफ 'सीमित अभियान' चला सकें.
हिजबुल्लाह को ब्रिटेन, अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों द्वारा एक आतंकवादी समूह घोषित किया गया है, ने लंबे वक़्त से इजरायल के सामने चुनौतियां खड़ी की हैं.
जिक्र हमले का हुआ है तो ये बता देना भी बहुत जरूरी हो जाता है कि इस हमले की एक बड़ी वजह वो बमबारी भी है जो इजरायल ने ईरान से जुड़े कई समूहों पर की थी.
ज्ञात हो कि गुजरे 48 घंटों में जहां एक तरफ यमन में इजरायल द्वारा ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर हमला किया गया. तो वहीं इजरायल की तरफ से सीरिया और गाजा में हमास पर भी बमबारी जारी है. ध्यान रहे ये वो तमाम हमले हैं जो बीते कुछ घंटों में इजरायल ने सिर्फ इस उद्देश्य से किये ताकि वो मध्य पूर्व में ईरान और ईरान समर्थित समूहों को बड़ा संदेश दे सके.
ईरान को लगा कि उसे अपनी ताकत दिखाने की जरूरत है
ऐसा लगता है कि ईरान को लगा कि उसे अपनी ताकत दिखाने की जरूरत है ताकि वह इजरायल की बढ़ती गतिविधियों को रोक सके और अपने सबसे शक्तिशाली सहयोगी हिजबुल्लाह पर इजरायल का दबाव कम कर सके. बता दें कि बीते बीस दिन एक संगठन के रूप में हिजबुल्लाह पर खूब भारी पड़े हैं. इस दौरान चाहे वो पेजर अटैक हों या फिर हसन नसरल्लाह की मौत ऐसी तमाम घटनाएं घटी हैं जिन्होंने हिजबुल्लाह की कमर तोड़ दी है.
माना जाता है कि हिजबुल्लाह ने गुजरे साल अक्टूबर में गाजा में हमास के साथ एकजुटता दिखाते हुए इजरायल पर हमले करके लेबनान को इस युद्ध में एकतरफा रूप से उलझा दिया था.
लेबनान के अंदर इजरायल से पांच गुना ज्यादा हमले
ACLEDके आंकड़ों के अनुसार, इजरायल ने लेबनान के अंदर लगभग पांच गुना ज्यादा हमले करके जवाबी कार्रवाई की है.
इजरायल पर हुए हमलों के बाद, संयुक्त राष्ट्र में तेहरान के प्रतिनिधि ने एक्स पर अपनी सफाई देते हुए लिखा है कि इजरायल पर हमला 'ईरान की ज़ायोनी शासन के आतंकवादी कृत्यों के लिए कानूनी, तर्कसंगत और वैध प्रतिक्रिया' थी. साथ हीये भी चेतावनी दी गई है कि अगर इजरायल जवाबी कार्रवाई करता है तो उसे 'कुचलने वाली प्रतिक्रिया' मिलेगी.
'लेकिन क्या ऐसा होगा? इजरायल के संयुक्त राष्ट्र दूत ने तुरंत ईरानी मिसाइल हमले पर 'कड़ी प्रतिक्रिया' देने का वादा किया. दोनों देशों के बीच जैसी दुश्मनी है कह सकते हैं कि आने वाले वक़्त के लिहाज से संकेत अच्छे नहीं हैं.
गौरतलब है कि चाहे वो लेबनान की राजधानी बेरूत हो या फिर दक्षिणी शहर टायर हर जगह लगातार इजरायल द्वारा हवाई हमले किये जा रहे हैं. जैसे हाल लेबनान के अलग अलग प्रमुख शहरों के हैं, माना यही जा रहा है कि लेबनान के लिए आने वाला वक़्त खासा भयावह है.
इजरायली हमलों ने लेबनान की सियासत को तो प्रभावित किया ही है बात यदि आम लोगों की हो तो हमलों को लेकर उनका भी मानना यही हैं कि मुल्क को बेवजह ही युद्ध की भाड़ में झोंका जा रहा है. लेबनान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री नजीब मिकाती लगातार यही कहते हुए नजर आ रहे हैं कि नागरिकों की सुरक्षा के हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं.
उधर वो खेमा जो युद्ध और मिकाती के विरोध में है उसका यही कहना है कि प्रधानमंत्री की बातों में कितना सच है? उसे दुनिया बखूबी जानती है.
बताते चलें कि हर बीतते घंटे जो एक्शन लेबनान में इजरायल की तरफ से लिया जा रहा है उसके बाद लोग बहुत ज्यादा डरे हुए हैं. उनका यही मानना है कि मुल्क में जो हो रहा है वो जल्द से जल्द ख़त्म हो और लोग अमन और सुकून से रह सकें.
बहरहाल जिक्र इजरायल पर ईरान के हमलों का हुआ है. तो हमें रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के उस बयान को भी नहीं भूलना चाहिए, जिसमें उनकी तरफ से यही कहा गया है कि, ईरानी बैलिस्टिक मिसाइल हमला इजरायल के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर किया गया था.
हमलों के बाद ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने चेतावनी देते हुए कहा था कि, 'यह हमारी शक्ति का सिर्फ़ एक पक्ष है. इजरायल, ईरान के साथ संघर्ष में न पड़ें. खैर अब जबकि ईरान ने इजरायल पर हमला कर ही दिया है तो इस बात में भी कोई शक नहीं है कि पहले से ही स्थिति बहुत भयावह थी जिसे इन हमलों ने आने वाले वक़्त के लिहाज से और ज्यादा खतरनाक कर दिया है.
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