Marital Rape: 18 से कम उम्र की पत्नी से सेक्स माना जाए रेप, जानिए LG की इस सिफारिश के मायने

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Nov 10, 2022, 11:19 PM IST

यदि दिल्ली के उप राज्यपाल की यह सिफारिश केंद्रीय गृह मंत्रालय मानता है तो मेरिटल रेप को अपराध घोषित करने की राह खुल जाएगी.

डीएनए हिंदी: पत्नी के साथ उसकी मर्जी के बिना सेक्स करना अपराध है या नहीं? भारत में इसे लेकर लंबे समय से बहस चलती रही है. अब दिल्ली के उप राज्यपाल (Lieutenant Governor of Delhi) ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से ऐसी सिफारिश की है, जिससे 'मैरिटल रेप (Marital Rape)' को अपराध घोषित कराने की राह खुल सकती है. LG विनय कुमार सक्सेना (Vinai Kumar Saxena) ने 18 साल से कम उम्र की पत्नी के साथ उसकी मर्जी के बिना सेक्स करने पर इसे दुष्कर्म (Rape) घोषित करने की सिफारिश गृह मंत्रालय को भेजी है. साथ ही इसे अपराध मानकर मुकदमा चलाए जाने की सिफारिश भी LG वीके सक्सेना ने की है.

बता दें कि भारत में मैरिटल रेप को अब तक अपराध घोषित नहीं किया गया है. इसी कारण कोई भी विवाहित महिला IPC की किसी भी धारा के दायरे में अपने साथ पति की जबरदस्ती के लिए कानूनी गुहार नहीं लगा सकती है.

पढ़ें- Kerala में विवादों के बीच राज्य सरकार का बड़ा कदम, राज्यपाल को यूनिवर्सिटी चांसलर पद से हटाया

किस धारा को हटाने की है मांग

BBC की रिपोर्ट के मुताबिक, LG ने अपनी सिफारिश में गृह मंत्रालय को भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) की धारा 375 में संशोधन करने का आग्रह किया है. IPC की धारा 375 में वह परिभाषा तय की गई है, जिसके अनुसार यह तय किया जाता है कि शारीरिक संबंध का कौन सा मामला रेप के दायरे में आता है और उसके लिए सजा दी जा सकती है. LG ने मंत्रालय से इस धारा के अपवाद-2 को हटाने के लिए कहा है. 

पढ़ें- सीमापार से रची जा रही बंगाल विभाजन की साजिश, जानिए CM ममता बनर्जी ने दी है क्या चेतावनी

क्या है धारा 375 का अपवाद-2, जिस पर है विवाद

धारा 375 के अपवाद-2 के तहत प्रावधान है कि यदि 15 से 18 साल की विवाहित लड़की के साथ उसका पति बिना उसकी सहमति के शारीरिक संबंध बनाता है तो उसे सजा नहीं दी जा सकती. सामाजिक संगठन इस अपवाद को बाल विवाह निषेध कानून- 2021 (child marriage act- 2021) का विरोधी बताते हैं, जिसमें 18 साल से कम उम्र में शादी गैरकानूनी है. साथ ही सामाजिक संगठन इसे संविधान के आर्टिकल 14 और आर्टिकल 21 का भी उल्लंघन मानते हैं.

पढ़ें- MCD Election: जगदीश टाइटलर कांग्रेस के चुनावी पैनल में शामिल, भड़के सिख वोटर!

हालांकि अपवाद-2 के खिलाफ दायर एक मुकदमे में दिल्ली हाई कोर्ट की दो सदस्यीय बेंच ने इस साल मई में फैसला दिया था. एक जज ने इसे आर्टिकल 14 के खिलाफ माना था, लेकिन दूसरे जज का फैसला विपरीत था. सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने इसे हटाने के लिए संशोधन की प्रक्रिया जारी होने की जानकारी दी थी, जबकि दिल्ली पुलिस ने भी इसे असंवैधानिक माना था.

पढ़ें- Mumbai Terror Attack: मुंबई में 1 माह तक ड्रोन से लेकर हेलिकॉप्टर उड़ाने पर रोक, अलर्ट जारी

पॉक्सो एक्ट के भी खिलाफ है अपवाद-2

धारा 375 का अपवाद-2 बच्चों को यौन उत्पीड़न से बचाने के लिए बने पॉक्सो एक्ट (POCSO ACT) के भी खिलाफ है. पॉक्सो एक्ट में जहां 18 साल से कम उम्र के बच्चों पर यौन हमले को अपराध माना गया है, वहीं अपवाद-2 के तहत 18 साल से कम उम्र की विवाहित लड़की के साथ पति को शारीरिक संबंध बनाने की छूट दी गई है.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Marital Rape marital rape in india Delhi LG V K saxena delhi news