Lok Sabha Election Result 2024: मतगणना में कैसे खुलती है EVM, क्या है VVPAT पर्ची की अहमियत, जानें Counting की A to Z

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Lok Sabha Election Result 2024: लोकसभा चुनावों का मतदान खत्म हो चुका है. सात चरण में 19 अप्रैल से 1 जून तक चले मतदान के बाद अब जनता के निर्णय का इंतजार सभी को है. यह निर्णय कुछ घंटे बाद 4 जून (मंगलवार) की सुबह मतगणना के साथ सामने आना शुरू हो जाएगा. लोकसभा चुनाव एग्जिट पोल (Lok Sabha Election Exit Poll Result 2024) में लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Pm Modi) की सरकार बनने की संभावना जताई गई है. इसके बाद लोगों की दिलचस्पी मतगणना में और ज्यादा बढ़ गई है. यदि आपके दिमाग में सवाल है कि मतगणना केंद्र पर राउंड दर राउंड मतगणना के दौरान कैसे EVM खोली जाती है? इसके बाद प्रक्रिया कैसे आगे बढ़ती है? फिर रिजल्ट कैसे घोषित किया जाता है?, तो चलिए आपके इन सवालों का जवाब हम देने जा रहे हैं.


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पहले जान लीजिए मतगणना केंद्र पर किसका हुक्म चलता है?

लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा चुनाव, मतगणना केंद्र पर केंद्र हो या राज्य सरकार का हुक्म नहीं चलता है. मतगणना केंद्र का सर्वोच्च अधिकारी रिटर्निंग ऑफिसर (निर्वाचन अधिकारी) यानी RO होता है, जो केंद्रीय चुनाव आयोग का प्रतिनिधि होता है. परंपरा के मुताबिक, हर जिले के जिलाधिकारी को ही वहां की प्रमुख लोकसभा सीट का RO नियुक्त किया जाता है. उन्हीं की देखरेख में मतगणना की पूरी प्रक्रिया होती है और रिजल्ट तय होने के बाद वही विजेता उम्मीदवार को जीत का सर्टिफिकेट देते हैं. 


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मतगणना शुरू होने और खत्म होने का समय क्या है?

चुनाव आयोग ने तय किया है कि सुबह 8 बजे वोट गिनने शुरू किए जाएंगे. हर राउंड की गिनती के बाद उस समय तक का रिजल्ट जारी किया जाता है. मतगणना खत्म होने का समय फिक्स नहीं होता है. जैसे ही सभी EVM के वोट गिन लिए जाएंगे, उसके बाद ही मतगणना पूरी होती है. हालांकि नियम के मुताबिक, EVM के आखिरी 2 राउंड की गिनती तभी शुरू की जा सकती है, जब पोस्टल बैलेट यानी सरकारी कर्मचारियों व सैन्य कर्मियों के डाक से मिलने वाले वोट की गिनती पूरी हो जाए. पोस्टल बैलेट की गिनती पुराने तरीके से मैनुअली ही होती है.


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कौन करता है मतगणना केंद्र पर वोट की गिनती?

मतगणना केंद्र पर वोट की गिनती के लिए सरकारी विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाती है. इन सभी को सुबह 5 से 6 बजे के बीच मतगणना केंद्र पहुंचना होता है. हालांकि ड्यूटी लगने वाले अधिकारी या कर्मचारी को मतगणना शुरू होने से पहले उसकी भूमिका नहीं बताई जाती है. ऐसा करना जनप्रतिनिधित्व कानून-1951 की धारा 128 व 129 के तहत गोपनीय रखा जाता है. कौन सा अधिकारी-कर्मचारी किस निर्वाचन क्षेत्र से जुड़ी कितने नंबर की टेबल पर ड्यूटी देगा, यह अलॉटमेंट मतगणना से ठीक पहले किया जाता है.


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कैसे लगती है मतगणना केंद्र के हर हॉल में टेबल

  • हर लोकसभा सीट पर एक ही मतगणना केंद्र होता है. मतगणना केंद्र पर हॉल के अंदर अधिकतम 15 टेबल लगाई जाती हैं.
  • 14 मतगणना टेबल में से हर एक पर वोट गिनने के लिए एक काउंटिंग सुपरवाइजर और एक काउंटिंग असिस्टेंट होता है.
  • 15वीं टेबल रिटर्निंग ऑफिसर व असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर के लिए लगाई जाती है, जो निगरानी करता है. उसके साथ एक क्लर्क होता है.
  • हर टेबल पर हर उम्मीदवार का 1-1 मतगणना एजेंट खड़ा होता है, जो पूरी मतगणना प्रक्रिया की निगरानी करता है.
  • हर उम्मीदवार अपना एक मतगणना एजेंट रिटर्निंग ऑफिसर और असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर (ARO) के पास बैठा सकता है.

ऐसे होती है वोटिंग की पूरी प्रक्रिया

  • निर्वाचन संचालन नियम 1961 के नियम 54 ए के तहत मतगणना केंद्र पर सुबह 8 बजे सबसे पहले पोस्टल बैलेट की गिनती रिटर्निंग ऑफिसर की टेबल पर शुरू होती है.
  • पोस्टल बैलेट में सिर्फ वे वोट ही गिने जाते हैं, जो रिटर्निंग ऑफिसर के पास मतगणना शुरू होने से पहले तय समय तक डाक द्वारा रिसीव हो चुके हैं.
  • पोस्टल बैलेट में पहले सुरक्षा बलों के कर्मचारियों व जवानों-अफसरों के वोट गिने जाते हैं, इसके बाद चुनाव ड्यूटी में लगे लोगों के वोटों की गिनती होती है.
  • पोस्टल बैलेट की गिनती शुरू होने के करीब 30 मिनट बाद यानी 8,30 पर EVM के जरिये डाले गए वोटों की गिनती हर टेबल पर शुरू की जाती है.
  • यदि उस लोकसभा क्षेत्र में रिटर्निंग ऑफिसर के पास तय समय तक एक भी पोस्टल बैलेट नहीं आया हो तो EVM की गिनती सुबह 8 बजे ही शुरू हो जाती है.
  • पोलिंग सेंटर पर यूज की गई पूरी EVM मतगणना केंद्र में नहीं लाई जाती है, बल्कि केवल उसकी कंट्रोल यूनिट (CU) ही Form 17C के साथ मतगणना में यूज होती है.
  • सबसे पहले काउंटिंग ऑफिसर EVM की CU की सील चेक करते हैं और उस पर दर्ज वोट की संख्या का Form 17C में दी गई वोटों की संख्या से मिलान करते हैं.
  • हर EVM की CU की वोट की गिनती पूरी होने पर काउंटिंग सुपरवाइजर, माइक्रो ऑब्जर्वर और उम्मीदवार के मतगणना एजेंट को दिखाकर Form 17C के Part-2 में दर्ज की जाती है.
  • हर CU में हर उम्मीदवार को मिली वोट की गिनती Form 17C के Part-2 में दर्ज की जाती है और उस पर काउंटिंग सुपरवाइज के साथ ही उस टेबल पर मौजूद सभी मतगणना एजेंट साइन करते हैं.
  • यदि किसी तकनीकी कारण से CU के डिस्प्ले पैनल में रिजल्ट नहीं दिखता है, तो सभी CU के वोट गिने जाने के बाद VVPAT से निकली पर्चियों की गिनती की जाती है.
  • हर पोलिंग बूथ का Form 17C उस ऑफिसर को भेजा जाता है, जो उन्हें कंपायल कर Form-20 में फाइनल रिजल्ट शीट तैयार करता है.
  • सभी EVM की CU और पोस्टल बैलेट के वोट की गिनती के बाद 5 पोलिंग बूथ रैंडम तरीके से चुनकर उनकी VVPAT पर्चियों का अनिवार्य सत्यापन किया जाता है.
  • यदि लोकसभा का चुनाव है तो उसके दायरे में आने वाली हर विधानसभा के 5-5 पोलिंग बूथ रैंडम तरीके से चुनकर VVPAT पर्चियों का सत्यापन किया जाता है.
  • यदि मतगणना केंद्र पर जीत में वोटों का अंतर खारिज किए गए पोस्टल बैलेट की संख्या से कम है तो सभी खारिज किए गए पोस्टल बैलेट पेपर की गिनती दोबारा की जाएगी.
  • यदि पहले नंबर पर दो उम्मीदवार बराबर वोट लेकर आते हैं, तो इसके बाद रिजल्ट की घोषणा दोनों के बीच लाटरी के जरिये की जाएगी. 

ये लोग नहीं आ सकते हैं मतगणना केंद्र के अंदर

  • रिटर्निंग ऑफिसर की अनुमति से पहले पुलिस मतगणना केंद्र के अंदर कदम नहीं रख सकती है.
  • केंद्र और राज्य सरकार के मंत्री यदि उस सीट पर उम्मीदवार नहीं हैं तो अंदर नहीं आ सकते हैं.
  • निर्वाचन संचालन नियम 1961 के प्रारूप-18 पर कानूनी इजाजत लिए बिना उम्मीदवार का मतगणना एजेंट भी अंदर नहीं जा सकता.

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