डीएनए हिंदी: Lok Sabha Elections 2024 in Uttar Pradesh- लोकसभा चुनाव में अब महज ढाई-तीन महीने का ही समय बाकी रह गया है. ऐसे में हर कोई अपनी तैयारियों को फाइनल फेज में पहुंचाने में जुट गया है. भाजपा के खिलाफ कांग्रेस के नेतृत्व में बने विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A में अब तक सीट शेयरिंग पर ही बात अटकी हुई है. ऐसे में इस गठबंधन के दलों ने अपने-अपने स्तर पर चुनावी लड़ाई लड़ने की तैयारी शुरू कर दी है. इसका एक नजारा शुक्रवार को दिख गया है, जब उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल ने बिना कांग्रेस के ही अपने गठबंधन का ऐलान करते हुए सीटों का गणित भी तय कर लिया है. इससे फिर एक बार यह चर्चा शुरू हो गई है कि इंडी गठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. हालांकि अभी तक सपा और रालोद ने यह खुलासा नहीं किया है कि वे किस-किस सीट पर दावा ठोक रहे हैं. दोनों दलों के सूत्रों का कहना है कि आपस में सबकुछ तय हो गया है, लेकिन कांग्रेस को एक मौका देने के लिए फिलहाल सीटों के नाम सार्वजनिक नहीं किए जा रहे हैं.
रालोद को 7 और सपा को 73 सीट
सपा और रालोद के बीच हुए गठबंधन की घोषणा अखिलेश यादव और जयंत चौधरी ने अपने-अपने सोशल मीडिया पर की. समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में फिलहाल 73 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी और रालोद को 7 लोकसभा सीट Mission 2024 में दी गई हैं. हालांकि इस मुकाबले में तीसरी पार्टी के लिए भी गुंजाइश छोड़ी गई है यानी यदि कांग्रेस के साथ सीट बांटने का मौका आता है तो सपा के खाते में से ही उसे सीटें दी जाएंगी.
2019 में भी गठबंधन करके उतरी थीं सपा-रालोद
सपा और रालोद का गठबंधन नया नहीं है. दोनों दल साल 2019 के लोकसभा चुनावों में भी आपस में गठबंधन करके उतरे थे. तब इस गठबंधन में मायावती की बसपा भी हिस्सेदार थीं. उन चुनावों में रालोद अपने कोटे की तीनों सीट बागपत, मुजफ्फरनगर और मथुरा हार गई थीं. हालांकि यह हार बेहद करीबी रही थीं. सपा ने 5 लोकसभा सीट और बसपा ने 10 लोकसभा सीट जीती थीं.
विधानसभा चुनाव में कामयाब रहा था गठबंधन
सपा और रालोद के बीच यह गठबंधन विधानसभा चुनाव-2022 में भी जारी रहा था. तब 403 विधानसभा सीटों में से सपा ने रालोद को 33 सीट दी थीं, जिनमें 8 पर उसे जीत मिली थी और करीब एक दर्जन सीटों पर उसने तगड़ी चुनौती दी थी. सपा को 111 सीट पर जीत मिली थी, जिनमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी उसके खाते में कई सीट आई थीं. इसके लिए सपा को रालोद का साथ मिलना ही जिम्मेदार माना गया था, क्योंकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जाटलैंड में सपा का कभी मजबूत आधार नहीं रहा है.
किसानों की नाराजगी को मुद्दा बनाएगा रालोद
रालोद प्रमुख जयंत चौधरी के एक बेहद करीबी नेता ने DNA से नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि कौन सी सीटों पर पार्टी लड़ेगी, ये तय हो चुका है. कांग्रेस के गठबंधन में चल रही कवायद अभी रूप ले रही है. इसमें थोड़ा समय लगता है, इसलिए हम इंतजार कर रहे हैं. जल्द ही सबकुछ स्पष्ट हो जाएगा. उन्होंने कहा कि रालोद किसानों के हक के लिए हमेशा खड़ी रही है. किसान मौजूदा सरकार से नाराज है और हम उसके हक को मुद्दा बनाकर ही मैदान में उतरेंगे.
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