Lok Sabha Elections 2024: साल 2019 के मुकाबले पिछड़ा मतदान का पहला चरण, छोटे राज्य बड़ों पर भारी, पढ़ें खास रिपोर्ट
Lok Sabha Elections 2024 Polling: लोकसभा चुनावों के पहले चरण के मतदान में शुक्रवार (19 अप्रैल) को 102 सीटों के लिए मतदान हुआ है. शाम 7 बजे तक आए आंकड़ों में करीब 60% मतदान हुआ है.
Lok Sabha Elections 2024 Polling: लोकसभा चुनावों के पहले चरण का मतदान खत्म हो गया है. देश के 21 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों की 102 सीट पर इस चरण में मतदान हुआ है, जिसमें साल 2019 में भाजपा ने 40 और कांग्रेस ने 15 सीट जीती थी. भारतीय निर्वाचन आयोग (Election Commission Of India) की तरफ से शाम 7 बजे तक जारी किए आंकड़ों के लिहाज से पहले चरण में महज 60.03 फीसदी वोट डाले गए हैं, जिसे 7 चरणों में आयोजित हो रहे लोकसभा चुनावों (Lok Sabha Elections 2024) के लिहाज से बढ़िया शुरुआत नहीं मानी जा सकती है. सबसे ज्यादा 80.17% वोट त्रिपुरा में एक सीट पर डाले गए हैं, जबकि हिंसक घटनाओं के बावजूद पश्चिमी बंगाल की 3 सीटों पर भी 77.57% मतदान हुआ है. उत्तर से लेकर दक्षिण तक छोटे राज्यों के मतदाता बड़े राज्यों पर भारी दिखे हैं. बिहार जैसे राज्य में 4 सीटों पर हुए चुनाव में महज 48.50% वोट ही दर्ज किया गया है. इसे लोकसभा चुनावों की बढ़िया ओपनिंग नहीं माना जा रहा है. एक दुखद घटना भी तब दर्ज हुई, जब छत्तीसगढ़ में एक ग्रेनेड लांचर के गोले में दुर्घटनावश विस्फोट होने से सीआरपीएफ के एक जवान की मौत हो गई. लोकसभा चुनाव के साथ शुक्रवार को अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में विधानसभा चुनाव के लिए भी मतदान हुआ है.
2019 में पहले चरण में डाले गए थे 69 फीसदी वोट
खास बात ये है कि पहले चरण का मतदान साल 2019 के पहले चरण के मुकाबले कम रहा है. इस बार जहां 60% का आंकड़ा बामुश्किल छुआ गया है, वहीं साल 2019 में 69.43% वोटिंग पहले चरण में दर्ज की गई थी. इसे सत्ताधारी भाजपा के लिए अच्छा संकेत नहीं माना जा रहा है. हालांकि अभी 6 चरण का चुनाव बाकी है, लेकिन कुछ राज्यों में कम मतदान को लेकर भाजपा निश्चित ही खुद भी निराश रही होगी.
'आधी संसद' वाले राज्यों में घर से नहीं निकले वोटर
सबसे ज्यादा निराशा उत्तर, मध्य और पश्चिम भारत के राज्यों के मतदान के आंकड़ों में दिखी है. पहले चरण के 21 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में इन इलाकों से 8 राज्य-केंद्रशासित प्रदेश शामिल थे. इनमें उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और छत्तीसगढ़ शामिल हैं. इन 8 राज्यों में लोकसभा की कुल 243 सीट आती हैं. शुक्रवार को पहले चरण के मतदान में भी इन राज्यों की 243 में से मतदान तो महज 47 सीट पर ही हुआ है, लेकिन इन राज्यों में से किसी में मतदान प्रतिशत 70 फीसदी का आंकड़ा नहीं छू सका है. अधिकतर राज्यों में 60% से भी कम वोट डाले गए हैं. खास बात ये है कि इन 8 राज्यों में से 7 में भाजपा की सरकार है, जबकि एक केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में भी सीधेतौर पर केंद्र की भाजपा सरकार का ही प्रशासन है.
बिहार में 50 फीसदी से भी कम मतदान
इन 8 राज्यों में पहले चरण की सीटों पर मतदान प्रतिशत कम ही रहा है. उत्तर प्रदेश में 58.26%, उत्तराखंड में 54.08%, राजस्थान में 56.58%, मध्य प्रदेश में 64.77%, छत्तीसगढ़ में 63.41%, बिहार में 48.50% और महाराष्ट्र में 55.84% वोट डाले गए हैं. इनमें सबसे ज्यादा निराशा बिहार के मतदान को देखकर ही हुई है, जहां वोटर वोट डालने के लिए बिल्कुल उत्साहित नहीं दिखे हैं. महाराष्ट्र मेंनागपुर सीट पर महज 49% मतदान हुआ है, जहां से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी चुनाव लड़ रहे हैं. जम्मू-कश्मीर में वोट डालने का उत्साह दिखाई दिया था. यहां उधमपुर इलाके में मूसलाधार बारिश के बावजूद 65.08% वोट डाले गए हैं.
हिंसाग्रस्त मणिपुर समेत सभी उत्तर पूर्वी राज्यों में जमकर हुआ मतदान
उत्तरपूर्वी राज्यों में मतदान को लेकर इस बार कई तरह की चिंता जताई जा रही थी, लेकिन इन छोटे राज्यों में नगालैंड और मिजोरम को छोड़कर बाकी 5 राज्यों में जमकर वोट पड़े हैं. इनमें मणिपुर भी शामिल है, जहां 69.13% मतदान हुआ है, जबकि असम में 72.10%, अरुणाचल प्रदेश में 67.15%, त्रिपुरा में 80.17%, सिक्किम में 69.47%, मेघालय में 74.22%, मिजोरम में 54.23% और नगालैंड में 56.91% वोट पड़े हैं. अन्य राज्यों में तमिलनाडु की सभी 39 सीटों पर इसी चरण में मतदान हुआ है. वहां 65.23% वोट डाले गए हैं. अंडमान व निकोबार में 56.87%, लक्षद्वीप में 59.02%, पुड्डुचेरी 73.76% वोट दर्ज हुए हैं. पश्चिम बंगाल में 77.57% मतदान हुआ है.
पश्चिम बंगाल-मणिपुर समेत कई जगह छिटपुट हिंसा
चुनाव को दौरान पश्चिम बंगाल, मणिपुर, छत्तीसगढ़ समेत कई जगह छिटपुट हिंसा दर्ज हुई है. पूर्वी नगालैंड के छह जिलों में अलग राज्य की मांग को लेकर आदिवासी संगठनों के एक संघ ने अनिश्चितकालीन बंद घोषित किया था, जिसके चलते लोग वोट डालने के लिए भी नहीं निकले. इसका असर नगालैंड में कम मतदान प्रतिशत पर दिखा है. पश्चिम बंगाल में कूचबिहार सीट पर मतदान के दौरान हिंसा हुई है. यहां वोटर्स को धमकाने, चुनाव एजेंटों पर हमला करने की TMC ने 80 और भाजपा ने 39 शिकायत दर्ज कराई हैं. इनर मणिपुर लोकसभा सीट के तहत आने वाले थोंगजु विधानसभा क्षेत्र में स्थानीयों और अज्ञात व्यक्तियों के बीच झगड़ा हुआ है तो मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में भाजपा और कांग्रेस समर्थकों में आपस में कुर्सियों से लड़ाई हुई है. छत्तीसगढ़ में ग्रेनेड में एक्सीडेंटल ब्लास्ट से CRPF जवान की मौत के अलावा बीजापुर जिले में एक नक्सल घटना हुई है. यहां नक्सलियों की लगाई आईईडी में विस्फोट होने से CRPF जवान घायल हुआ है.
कई जगह मिली ईवीएम में शिकायत
मतदान के दौरान कई जगह इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) में मामूली खराबियों की शिकायत मिली है. तमिलनाडु की श्रीपेरुम्बुदूर लोकसभा सीट के तम्बाराम इलाके में कुछ जगह EVM मशीन नहीं चलने से सुबह एक घंटा देरी से मतदान शुरू हुआ. अरुणाचल प्रदेश में भी मुख्य निर्वाचन अधिकारी पवन कुमार साईं ने बताया कि कुछ जगह EVM में तकनीकी खराबी आने के कारण उन्हें बदलना पड़ा, जिससे मतदान में देरी हुई है. मणिपुर में कुछ जगह EVM को नुकसान पहुंचाने की खबर मिली है. अंडमान-निकोबार द्वीप समूह की इकलौती सीट पर भी कुछ जगह EVM में खराबी आने की शिकायत की गई है. असम में भी लखीमपुर के बिहूपुरिया में तीन मतदान केंद्रों, होजेई, कालियाबोर और बोकाखाट में एक-एक और डिब्रूगढ़ के नहारकटिया में एक पोलिंग बूथ पर ईवीएम में गड़बड़ी दर्ज हुई है. हालांकि यहां बाद में खामी दूर कर ली गई. लखीमपुर इलाके में EVM वाले वाहन को ले जा रही नाव अचानक नदी में पानी बढ़ने से आंशिक रूप से डूब गई, जिससे EVM मशीनें भी भीग गईं.
इन हस्तियों के भाग्य ईवीएम में बंद
पहले चरण के चुनाव के दौरान 8 केंद्रीय मंत्रियों, एक पूर्व राज्यपाल और एक पूर्व मुख्यमंत्री व एक पूर्व सीएम के बेटे का भाग्य ईवीएम में बंद हो गया है. केंद्रीय मंत्रियों में नितिन गडकरी, जितेंद्र सिंह, संजीव बालियान, एल. मुरुगन, किरण रिजिजू, सर्वानंद सोनोवाल, भूपेंद्र यादव और अर्जुन राम मेघवाल शामिल हैं. पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लव कुमार देब और पूर्व राज्यपाल तमिलसाईं सौंदर्याराजन भी इस चरण में चुनाव में किस्मत आजमा रही हैं. 2जी घोटाले में चर्चित हुईं द्रमुक नेता कनिमोई और ए. राजा भी इस चरण में चुनाव लड़ रहे थे. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ का भाग्य भी इसी चरण में EVM में बंद हो गया है.
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