Lok Sabha Elections 2024: क्या है ENPO, जिसकी 'वोट हड़ताल' के कारण Nagaland के 6 जिलों में हुई 0% वोटिंग, जानें पूरी बात

कुलदीप पंवार | Updated:Apr 19, 2024, 11:12 PM IST

Nagaland में ENPO के बंद के कारण खाली पड़ा Lok Sabha Elections 2024 का पोलिंग बूथ. (फोटो- PTI)

Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनावों के पहले चरण में Nagaland की भी इकलौती सीट पर 56.77% मतदान दर्ज हुआ है. इसके बावजूद राज्य के 16 में से 6 जिलों में मतदान का 100% बहिष्कार हुआ है. 

Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनावों के पहले चरण का मतदान शुक्रवार (19 अप्रैल) को पूरा हो गया है. देश के 21 राज्यों-केंद्रशासित प्रदेशों की 102 सीट पर करीब 60 फीसदी मतदान हुआ है. इनमें उत्तर पूर्वी राज्य नगालैंड भी शामिल है, जहां इकलौती लोकसभा सीट पर करीब 57.77% मतदान रिकॉर्ड किया गया है. हालांकि आप ये जानकर हैरान रह जाएंगे कि नगालैंड के 16 में से 6 जिलों की जनता ने इस चुनाव का 100% बहिष्कार कर दिया है. दरअसल नगालैंड के आदिवासी संगठनों के संघ ENPO ने अलग राज्य बनाए जाने की मांग को लेकर शुक्रवार को इन 6 जिलों में पूरी तरह बंद की घोषणा कर रखी थी. इसके चलते पूर्वी नगालैंड के इन 6 जिलों में 0% मतदान दर्ज किया गया है यानी एक भी व्यक्ति इन जिलों में बनाए गए 738 पोलिंग बूथ पर वोट डालने नहीं पहुंचा है.

क्या है ENPO, क्यों मांग रहा अलग राज्य

ENPO पूर्वी नगालैंड का अहम संगठन है, जिसमें 7 क्षेत्रीय आदिवासी समूह शामिल हैं. इस संगठन का पूरा नाम ईस्टर्न नगालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन (Eastern Nagaland People's Organization) है. यह संगठन साल 2010 से लगातार अपने से जुड़ी आदिवासी जातियों के लिए अलग Frontier Nagaland राज्य बनाए जाने की मांग कर रहा है. उसका कहना है कि इस इलाके के विकास और आदिवासी जातियों के हकों की अनदेखी की जा रही है. इस संगठन का प्रभाव पूर्वी नगालैंड के 6 जिलों Mon, Tuensang, Longleng, Kiphire, Shamatore और Noklak में है, जिनमें नगालैंड की 60 सदस्यीय विधानसभा में से 20 सीटें आती हैं. साथ ही नगालैंड के 13.25 लाख वोटर्स में से करीब 4 लाख वोटर इन जिलों में ही रहते हैं. 

नगालैंड के अंदर स्वायत्तशासी इलाका देने को तैयार राज्य सरकार

नगालैंड की राज्य सरकार ENPO की अलग राज्य की मांग पर सहमत नहीं है, लेकिन राज्य के अंदर ही ENPO की मांग वाले इलाके को स्वायत्तशासी क्षेत्र (Autonomous Region) घोषित करने पर सहमति जता चुकी है. ऐसा होने पर इस इलाके की विकास योजनाएं बनाने का हक स्वायत्तशासी परिषद को मिल जाता है, जो राज्य सरकार के तहत काम करती है. मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने शुक्रवार को एक बार फिर यह बात कही है. हालांकि ENPO इस पर सहमत नहीं है.

नगालैंड के निर्वाचन अधिकारी ने भेजा था नोटिस

ENPO की तरफ से 1 अप्रैल को चुनाव आयोग को पत्र लिखकर 19 अप्रैल को मतदान का बहिष्कार करने की जानकारी दी गई थी. इसके बावजूद नगालैंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) व्यासन आर. ने ENPO द्वारा मतदान के दिन बंद घोषित करने पर नाराजगी जताई थी. CEO ने ENPO को गुरवार रात को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था. उन्होंने IPC की धारा 171सी की उपधारा (1) का हवाला दिया था, जिसके मुताबिक, चुनाव के दौरान मताधिकार के प्रयोग में जानबूझकर बाधा डालना संज्ञेय अपराध है. 

विधायकों ने की थी लोगों से वोट डालने की अपील

ENPO की तरफ से 6 जिलों के लोगों को अपना विरोध जताने के लिए चुनावों में भाग नहीं लेने के लिए कहा था. हालांकि इन 6 जिलों में आने वाली 20 विधानसभा सीटों के विधायकों ने लोगों से मतदान के लिए पहुंचने की अपील की थी. उन्होंने लोगों से कहा था कि वे फ्रंटियर नगालैंड राज्य की मांग पूरा नहीं होने की भावना को समझते हैं, लेकिन मतदान में भाग नहीं लेने से इसके लिए चल रही वार्ता प्रभावित होगी. उन्होंने लोगों से ज्यादा से ज्यादा मतदान करके अपनी बात रखने की अपील की थी. हालांकि इस अपील का कोई असर नहीं हुआ है.

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