Lok Sabha Elections 2024: जगन मोहन करते रहे हैं BJP का समर्थन, फिर भी भाजपा ने क्यों मिलाया TDP और जनसेना से हाथ

Written By कुलदीप पंवार | Updated: Mar 08, 2024, 06:57 PM IST

Lok Sabha Elections 2024: भाजपा ने आंध्र प्रदेश में अपने पुराने साथी चंद्रबाबू नायडू और एक्टर पवन कल्याण को साथ जोड़ लिया है. तीनों अब Lok Sabha Chunav 2024 के साथ ही Andhra Pradesh Assembly Elections 2024 भी मिलकर लड़ेंगे. 

Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले अपनी ताकत बढ़ाने की कवायद में भाजपा ने आंध्र प्रदेश में अपने पुराने साथी चंद्रबाबू नायडू से हाथ मिला लिया है. चंद्रबाबू नायडू की पार्टी TDP के साथ ही भाजपा ने साउथ इंडियन सिनेमा स्टार पवन कल्याण की पार्टी जनसेना से भी नाता जोड़ा है. आंध्र प्रदेश में तीनों दल लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Chunav 2024) के साथ ही होने वाले आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव (Andhra Pradesh Assembly Elections 2024) में भी साझा उम्मीदवार खड़ा करेंगे. यह गठबंधन आंध्र प्रदेश में मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी (Jagan Mohan Reddy) की वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (YSRP) को सत्ता से हटाने के लिए किया गया है. जगन मोहन की पार्टी लोकसभा और राज्यसभा, दोनों जगह पीएम नरेंद्र मोदी (Pm Narendra Modi) की सरकार के लिए संकटमोचक बनती रही है. ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि इसके बावजूद भगवा दल ने उसके विपक्षी दलों के साथ साझेदारी क्यों की है? चलिए हम आपको आंध्र प्रदेश का गणित समझाते हैं.

जगन मोहन के साथ गठबंधन नहीं करने के 5 कारण

  • आंध्र प्रदेश में जगनमोहन रेड्डी ने कांग्रेस से अलग होकर नई पार्टी बनाने के बाद अकेले ही चुनाव लड़ा है. वे अब भी गठबंधन में जाने के लिए तैयार नहीं थे.
  • जगनमोहन रेड्डी की पार्टी इस समय आंध्र की सत्ता में है. भाजपा का मानना है कि उनके खिलाफ सत्ता विरोधी लहर बन सकती है. इससे भगवा दल को भी नुकसान होगा.
  • जगनमोहन रेड्डी की बहन YS Sharmila ने कुछ महीने पहले उनका साथ छोड़कर दोबारा Congress का दामन थाम लिया है. इससे YSRP के वोट कटना तय है.
  • लोकसभा चुनाव 2019 में चंद्रबाबू नायडू की TDP को भले ही महज 3 सीट मिली थीं, लेकिन आंध्र प्रदेश में उसे YSRP के 49.89% के मुकाबले 40.19% वोट मिले थे यानी उसका अपना कोर वोट बैंक है. भाजपा को इसका लाभ मिलेगा.
  • पवन कल्याण की जनसेना पार्टी को 5.87% वोट लोकसभा चुनाव 2019 में मिले थे. ऐसे में भाजपा को उसके भी साथ जुड़ने से लाभ होना तय है.

किस तरह होगी BJP, TDP और जनसेना में सीट शेयरिंग

TDP लीडर चंद्रबाबू नायडू ने गुरुवार रात को दिल्ली पहुंचकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मुलाकात की थी. इसके बाद ही सीट शेयरिंग पर फैसला हुआ है. सीट शेयरिंग के लिहाज से लोकसभा में चंद्रबाबू नायडू की पार्टी को 25 में से 14 सीट मिलेंगी, जबकि भाजपा 8 और जनसेना 3 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी. विधानसभा में 175 सीटों में से TDP को 139 से 140 सीट, भाजपा को 11-12 सीट और जनसेना पार्टी को 24 सीट पर उम्मीदवार खड़ा करना है. 

लोकसभा 2019 में रहा था ये रिजल्ट

2019 में आंध्र प्रदेश का पूरा परिणाम लोकसभा और विधानसभा, दोनों में पूरी तरह से YSRP के पक्ष में रहा था. लोकसभा में 25 में से 22 सीट जगनमोहन रेड्डी की YSRP ने जीती थी, जबकि 3 सीट TDP को मिली थी. इस चुनाव में भाजपा और कांग्रेस, दोनों को कोई सीट नहीं मिली थी. इसके साथ ही विधानसभा चुनाव में भी जगनमोहन एकतरफा हावी रहे थे. तत्कालीन सत्ताधारी TDP के खिलाफ बने माहौल का लाभ जगनमोहन की पार्टी को मिला था. YSRP ने 175 में से 151 सीट जीती थी, जबकि तेलुगू देशम पार्टी (TDP) महज 23 सीट ही जीत पाई थी. जनसेना पार्टी भी 1 सीट जीतने में सफल रही थी. भाजपा और कांग्रेस के हाथ इन चुनावों में भी खाली रहे थे.

5 साल में भाजपा ने बढ़ाया है आंध्र में रुतबा

भाजपा ने पिछले 5 साल के दौरान आंध्र प्रदेश और उससे सटे तेलंगाना में अपना रुतबा बढ़ाया है. तेलंगाना में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 8 सीट जीती थीं, जो उन्हें पिछले विधानसभा चुनाव में मिलीं 1 सीट के मुकाबले बेहद बढ़िया माना जा सकता है. भाजपा ने इन 5 साल में आंध्र और तेलंगाना में अपना पूरा फोकस रखा है. खासतौर पर हैदराबाद में भाजपा बेहद एक्टिव रही है. ऐसे में शहरी इलाकों में उसे इस बार ज्यादा सफलता मिलने की उम्मीद की जा रही है.

भाजपा दे सकती है आंध्र में इन्हें टिकट

  • विशाखापट्टनम या राजमुंदरी से प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डी. पुरंदेश्वरी लड़ सकती हैं चुनाव.
  • अराकू (सुरक्षित ) सीट पर भगवा दल दे सकता है गीता अलेरू को टिकट
  • अराकू (सुरक्षित) सीट पर सीआर रमेश और तपन चौधरी का नाम भी चर्चा में है.
  • नरसापुरम सीट से रघु रामा कृष्णा राजू पर पार्टी दांव खेल सकती है.
  • विजयवाड़ा सीट से टिकट की होड़ में पूर्व केंद्रीय मंत्री वाईएस चौधरी और पीपी वेरप्रसाद का नाम है.
  • राजमपेट सीट से पूर्व सीएम किरण कुमार रेड्डी और हिंदुपुर से परिपूर्णानंद स्वामी का नाम चर्चा में है.

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