डीएनए हिंदी: Madhya Pradesh News- मध्य प्रदेश में इसी साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव (MP Assembly Election 2023) के लिए अब सभी राजनीतिक दल इलेक्शन मोड में आ चुके हैं. कांग्रेस ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जीत के तत्काल बाद ही मध्य प्रदेश में भी लुभावने वादों (Freebies) की घोषणा कर अपनी रणनीति की झलक दिखा दी थी. अब कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने राज्य में अपनी पहली चुनावी रैली के दौरान इस रणनीति पर पुख्ता मुहर लगा दी है. जबलपुर में सोमवार को हुई रैली में प्रियंका ने 6 ऐसे वादे किए हैं, जो कर्नाटक की तर्ज पर जनता को छूने की कोशिश माने जा रहे हैं.
कर्नाटक की तर्ज पर मुफ्त बिजली का सहारा
प्रियंका गांधी ने कर्नाटक की तर्ज पर मध्य प्रदेश में भी अपनी सरकार बनने पर 100 यूनिट मुफ्त बिजली और 200 यूनिट के बिजली खर्च पर आधे बिल की सब्सिडी देने की घोषणा की है. हालांकि यह घोषणा कर्नाटक में जीत के तत्काल बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी की थी, लेकिन अब प्रियंका ने भी उस पर मुहर लगा दी है. मध्य प्रदेश से सटे राजस्थान में हाल ही में कांग्रेस की राज्य सरकार ने 100 यूनिट मुफ्त बिजली का तोहफा आम जनता को दिया है. इससे कांग्रेस का यह वादा 'विनिंग फार्मूला' बनता दिख रहा है.
महिलाओं को पेंशन देने की घोषणा
मध्य प्रदेश में महिला पेंशन को लेकर कमलनाथ और भाजपा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बीच पिछले कुछ समय से बहस चल रही है. अब प्रियंका गांधी ने भी कांग्रेस की सरकार बनने पर महिलाओं को 1,500 रुपये महीना पेंशन देने की घोषणा करते हुए इस बहस को चुनावी तकरार में बदलने की तैयारी कर दी है.
महंगा गैस सिलेंडर भी चुनावी मुद्दा बनाएगी कांग्रेस
प्रियंका गांधी ने घरेलू गैस के भाजपा राज में लगातार महंगा होने से मध्य और निम्न वर्ग पर पड़े आर्थिक बोझ का मुद्दा उठाया है. कांग्रेस महासचिव ने अपनी पार्टी की सरकार बनने पर रसोई गैस की कीमत 500 रुपये तय करने की घोषणा की है. इसे कांग्रेस का पेंशन के अलावा महिला वोटर्स को लुभाने वाला दूसरा हथियार माना जा रहा है.
पुरानी पेंशन व्यवस्था वापस लाएगी कांग्रेस
कांग्रेस ने पिछले साल हिमाचल प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन व्यवस्था को दोबारा लागू करने का वादा किया था. इसे हिमाचल में कांग्रेस की जीत का बड़ा आधार माना गया था. इसके बाद कांग्रेस नेतृत्व वाले छत्तीसगढ़ राज्य में भी पुरानी पेंशन बहाली की कवायद शुरू की गई थी. अब मध्य प्रदेश में भी प्रियंका ने पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने की घोषणा करते हुए इसे चुनावी मुद्दा बनाने की कोशिश की है.
किसानों की कर्जमाफी बन सकती है हथियार
पिछले विधानसभा चुनाव में किसानों की कर्जमाफी का वादा कांग्रेस को बढ़त मिलने का बड़ा कारण माना गया था. हालिया संपन्न हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस की जीत का आधार किसानों से किए गए वादों को माना गया है. दिल्ली में हुए आंदोलन के वादे पूरे नहीं होने से किसानों में भाजपा को लेकर नाराजगी भी मानी जा रही है. इन सब फैक्टर को ध्यान में रखते हुए प्रियंका ने एक बार फिर किसानों की कर्जमाफी की घोषणा का दांव खेला है.
भ्रष्टाचार और बेरोजगारी से पकड़ी जनता की नब्ज
प्रियंका गांधी ने जबलपुर में अपने 40 मिनट के भाषण में सबसे ज्यादा समय भ्रष्टाचार के मुद्दे पर दिया. उन्होंने शिवराज चौहान की सरकार को हर महीने एक घोटाला करने वाली सरकार बताया और उनके 220 महीने के शासन में 232 घोटाले होने की बात कही. उन्होंने हाल ही में उज्जैन महाकाल लोक में सप्तऋषियों की मूर्तियों के हवा में गिर जाने के घोटाले का जिक्र किया. साथ ही राशन घोटाला, व्यापमं घोटाला, स्कॉलरशिप घोटाला, शिक्षक पात्रता भर्ती घोटाला आदि का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश में रिश्वतराज चल रहा है. उन्होंने कहा कि इस सरकार के घोटालों की लिस्ट तो मोदी जी की तरफ से गिनाई गई गालियों वाली लिस्ट से भी लंबी है.
साथ ही प्रियंका ने बेरोजगारी के मुद्दे पर भी जनता की नब्ज छूने की कोशिश की. उन्होंने कहा, इस सरकार ने तीन साल में महज 21 लोगों को सरकारी नौकरी दी है. प्रदेश के मुख्यमंत्री घोषणावीर हैं. 18 साल सरकार चलाकर घोषणाएं तो 22,000 से ज्यादा कर दीं, लेकिन पूरी कुछ ही कर पाए.
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