डीएनए हिंदी: Pawar vs Pawar- महाराष्ट्र ही नहीं पूरे देश की राजनीति में भूचाल लाने वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के पारिवारिक विवाद अब निर्णायक मोड़ की तरफ आ गया है. बातों से इस संकट को सुलझाने की कोशिश कर रहे शरद पवार ने आखिरकार एक्शन मोड में आते हुए प्रफुल्ल पटेल समेत 5 बड़े नेताओं को पार्टी से निस्काषित कर दिया है. पवार ने पार्टी की एक अहम बैठक भी बुलाई है ताकि यह तय हो सके कि कौन उनके साथ खड़ा है और कौन विपक्षी खेमे में है. उधर, पटेल ने पार्टी से निकाले जाने के बाद शरद पवार पर जुबानी हमला बोला है. उन्होंने सवाल किया है कि यदि पार्टी का शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के साथ गठबंधन करना सही था तो अब भाजपा के साथ जाना भी पूरी तरह उचित है. हर किसी की नजर इस बात पर लगी है कि क्या शरद पवार अपनी पार्टी को बचा पाने में सफल हो पाएंगे?
आइए 5 पॉइंट्स में जानते हैं इस विवाद में ताजा घटनाक्रम क्या चल रहा है और किन बातों पर आज यानी मंगलवार (4 जुलाई) को नजर रहेगी.
1. पवार लौटे मुंबई, तेज हो गई है राजनीतिक हलचल
शरद पवार गुरु पूर्णिमा पर कराड़ जाने के बाद सोमवार देर रात मुंबई में अपने आवास सिल्वर ओक पहुंच गए हैं. कराड़ में पवार ने यशवंत राव चौहान के पैतृक गांव में उन्हें श्रद्धांजलि दी. माना जा रहा है कि पवार मंगलवार को अपने समर्थकों के साथ मुलाकात करेंगे. मुलाकातों का यह दौर सोमवार रात से ही शुरू हो गया है. इन मुलाकातों से पवार इस बात का आकलन लगाना चाहते हैं कि उनके साथ कौन खड़ा है और उनके भतीजे अजित पवार (Ajit Pawar) गुट के साथ कौन-कौन चला गया है.
2. पांच जुलाई को अहम बैठक से पहले पवार का 'जुबानी प्रेशर'
शरद पवार ने 5 जुलाई को मुंबई के वाईबी चौहान सेंटर में अपने समर्थकों की अहम बैठक बुलाई है. इस बैठक के जरिये पवार पार्टी पर अपनी पकड़ दिखाना चाहते हैं. साथ ही वे अपने उस दावे को भी पुख्ता करना चाहते हैं, जिसमें कहा जा रहा है कि अजित पवार के पास पार्टी तोड़ने लायक 36 विधायकों को साथ नहीं है. इस बैठक से पहले पवार ने विरोधी खेमे के साथ गए विधायकों व अन्य नेताओं पर दबाव बनाने के लिए उन्हें अल्टीमेटम दिया है. पवार ने सोमवार को कहा कि जनता मेरे साथ है. मेरे खिलाफ बागी हुए नेता पहले भी चुनाव हार चुके हैं. बागी विधायकों के पास अभी वक्त है. पार्टी में लौट आएं, वरना 3 महीने में सारा खेल बदल दूंगा.
3. शरद पवार ने पार्टी से निकाले पटेल-तटकरे समेत 5 नेता
शरद पवार ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की हैसियत से अजित पवार का साथ दे रहे पांच नेताओं को पार्टी से बाहर निकाल दिया है. इनमें पार्टी नेता व राज्य सभा सांसद प्रफुल्ल पटेल और सांसद सुनील तटकरे भी शामिल हैं. इसके अलावा अजित पवार और उनका साथ दे रहे 8 अन्य विधायकों की विधानसभा सदस्यता रद्द कराने के लिए भी कार्रवाई शुरू कर दी गई है.
4. क्या अजित पवार चाह रहे हैं सुलह, क्यों दिया ऐसा बयान?
अजित पवार भी शरद पवार की मराठा राजनीति में हैसियत को जानते हैं. संभवत: उन्होंने पार्टी तोड़ने का कदम महज पार्टी के अंदर अपना रुतबा बरकरार रखने के लिए उठाया है. वे शरद पवार से सुलह की राह बंद नहीं करना चाहते हैं. इस बात का अंदाजा पॉलीटिक्ल एक्सपर्ट्स ने अजित पवार के उस बयान से लगाया है, जिसमें अजित पवार के अपने गुट वाली NCP के पदाधिकारी घोषित करते समय राष्ट्रीय अध्यक्ष का नाम घोषित नहीं किया गया. मीडिया के पूछने पर अजित पवार ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष तो शरद पवार ही हैं. फिलहाल सुनील तटकरे को अजित पवार गुट की महाराष्ट्र यूनिट का चीफ बनाया गया है, जबकि प्रफुल्ल पटेल को ग्रुप लीडर बनाया गया है.
5. प्रफुल्ल पटेल बोले, 'हमने पहले ही सरकार के साथ जाने के लिए कहा था'
प्रफुल्ल पटेल ने पार्टी से निष्कासन के बाद शरद पवार पर जुबानी हमला बोला है. उन्होंने एक टीवी इंटरव्यू में सवाल उठाया कि यदि NCP का गठबंधन शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के साथ 'ओके' था तो भाजपा के साथ भी है. पहले भी कई उदाहरण हैं, जब पार्टी ने लोगों को भलाई के लिए गठबंधन किया है. उन्होंने कहा, हमारी पार्टी में काफी समय से कुछ चल रहा था. हमने पहले ही कहा था कि हमे सरकार के साथ जाना चाहिए, लेकिन उस समय बात बनी नहीं. उसके बाद बात आगे नहीं बढ़ी. हमारे महारष्ट्र के अच्छे के लिए अगर हमे उनसे (भाजपा और एकनाथ शिंदे) जुड़ना चाहिए तो क्यों न हो ऐसा?
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