Maharashtra Politics: अजित पवार को लेकर भाजपा से नाराज सीएम शिंदे? जानें वे 5 पॉइंट्स जिनसे उठा है ये सवाल

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jul 05, 2023, 02:12 PM IST

Maharashtra Drama: अजित पवार का एकनाथ शिंदे ने स्वागत तो किया है, लेकिन अंदरखाने सब ठीक नहीं है.

Maharashtra NCP Crisis: महाराष्ट्र में NCP का राजनीतिक घटनाक्रम अब सत्ताधारी गठबंधन का भी संकट बनता दिख रहा है. शिवसेना (शिंदे) के कई नेता साफतौर पर NCP विधायकों के आगमन पर नाखुश दिखे हैं.

डीएनए हिंदी: Maharashtra News- महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस (NCP) में दो फाड़ के बाद शुरू हुई राजनीतिक सरगर्मी सत्ताधारी भाजपा-शिवसेना (शिंदे) गठबंधन के लिए भी संकट बनती दिख रही है. अजित पवार (Ajit Pawar) को डिप्टी सीएम बनाए जाने और उनके 8 विधायकों को मंत्री बनाने से शिवसेना (शिंदे) में नाराजगी की खबरों के बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) भाजपा के कार्यक्रमों से दूरी बनाते दिख रहे हैं. शिंदे ने महाराष्ट्र दौरे पर पहुंची राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के कार्यक्रमों से भी दूरी बना ली है और वे महज राष्ट्रपति को रिसीव करने तक ही सीमित रहे हैं. यह भी दावा किया जा रहा है कि NCP विधायकों के आने के बाद शिंदे गुट के कई विधायक दोबारा उद्धव ठाकरे के संपर्क में आए हैं. इससे मुख्यमंत्री को अपनी पार्टी में ही टूटफूट का खतरा पैदा हो गया है.

आइए 5 पॉइंट्स में जानते हैं शिंदे गुट की नाराजगी का कारण क्या है.

1. अजित पवार गुट को मंत्रिमंडल में मिले पोर्टफोलियो पर नाराजगी

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने एनसीपी को तोड़कर सरकार के साथ आए अजित पवार और उनके 8 विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल किया है. अजित पवार को डिप्टी सीएम बनाया गया है, जबकि सरकार में पहले से ही भाजपा से डिप्टी सीएम के तौर पर देंवेंद्र फडणवीस मौजूद हैं. माना जा रहा है कि अजित पवार गुट को ये 9 मंत्री पद देने का फैसला शिंदे ने भाजपा के दबाव में लिया है, लेकिन अजित पवार गुट को दिए जा रहे पोर्टफोलियो से शिंदे गुट खुश नहीं है. अजित पवार गुट ने अपने विधायकों के लिए वित्त मंत्रालय, योजना, पॉवर, सिंचाई, कोऑपरेशन और मार्केटिंग पोर्टफोलियो शिंदे कैबिनेट में मांगे हैं. शिंदे गुट के कई मंत्रियों ने इन पोर्टफोलियो पर ऐतराज जताया है और इससे सरकार में अपनी हनक कम होने का मुद्दा उठाया है. शिंदे गुट के नेता संजय श्रीसत ने साफतौर पर ANI से कहा भी है कि पार्टी के सभी नेता अजित पवार गुट के साथ काम करने को लेकर खुश नहीं हैं. ये नेता मुख्यमंत्री शिंदे के सामने अपनी बात रख चुके हैं और अब शिंदे आगे की कार्रवाई का फैसला करेंगे.

2. सरकार में कद घटने का सता रहा है डर

सूत्रों के मुताबिक, अजित पवार अपने साथ एनसीपी के 53 विधायक होने का दावा कर रहे हैं. बुधवार को उनकी बुलाई मीटिंग में 30 से ज्यादा विधायक शामिल हुए हैं. हालांकि छगन भुजबल ने मीटिंग में 40 से ज्यादा विधायकों के पहुंचने का दावा किया है. इससे शिवसेना (शिंदे) के नेताओं में यह डर पैदा हो गया है कि अजित पवार यदि 40+ विधायक लेकर सरकार में रहेंगे तो इसका सीधा असर उनकी हैसियत पर पड़ेगा. भाजपा शिवसेना (शिंदे) की अनदेखी भी कर सकती है, क्योंकि तब सरकार के पास बहुमत से बहुत ज्यादा विधायक रहेंगे. इसके अलावा अजित पवार के साथ आए ज्यादातर एनसीपी नेता महाराष्ट्र की राजनीति के दिग्गज हैं, जिनकी जनता के बीच बेहद पकड़ मानी जाती है. ऐसे में भी भाजपा की तरफ से उन्हें ज्यादा तवज्जो मिल सकती है और इसका सीधा असर शिवसेना (शिंदे) के विधायकों की हैसियत पर होगा.

3. एनसीपी नेताओं के कामकाज में दखल देने का डर

शिंदे गुट के विधायकों को यह भी डर सता रहा है कि अजित पवार के साथ आए नेता उनके कामकाज में भी दखल देंगे. सूत्रों के मुताबिक, ज्यादातर नेता एनसीपी नेताओं के हस्तक्षेप को उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास आघाड़ी सरकार के दौरान देख चुके हैं. इससे उन्हें लग रहा है कि मंत्रालय चलाने में आगे परेशानी हो सकती है.

4. विधानसभा क्षेत्रों में कई हैं घोर प्रतिद्वंद्वी

शिंदे के विधायकों को यह भी चिंता सता रही है कि एनसीपी के नेता अब तक उनके प्रतिद्वंद्वी रहे हैं. कई नेता तो सीधे तौर पर चुनावी मैदान में भाजपा और शिवसेना (शिंदे) की राह कट्टर तरीके से डटे रहे हैं. कम से कम ऐसे 12 विधायक चिह्नित किए गए हैं. शिवसेना (शिंदे) के विधायकों को यह डर सता रहा है कि यदि आगे चुनाव इस गठबंधन में लड़ा गया तो कहीं उनका टिकट न काट दिया जाए.

5. शिंदे ने राष्ट्रपति के कार्यक्रम से दूर रहकर दिखा दी है नाराजगी

एकनाथ शिंदे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नागपुर पहुंचने पर मंगलवार शाम को उन्हें रिसीव करने एयरपोर्ट पहुंचे थे, लेकिन वह राष्ट्रपति के कार्यक्रम में नहीं गए. राष्ट्रपति बुधवार को मुंबई पहुंच रही हैं, जहां वे सिद्धिविनायक मंदिर जाएंगी. अभी तक यह तय नहीं है कि शिंदे उनके साथ मंदिर जाएंगे या नहीं. शिंदे ने बुधवार को ही अपनी पार्टी के उन नेताओं को भी मिलने बुलाया है, जो अजित पवार गुट के आने से नाराज हैं. 

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