Major league Cricket: US में हो रहे क्रिकेट से भारत में दौड़ रही खुशी की लहर, जानें क्या है अंदर की बात

कुलदीप पंवार | Updated:Aug 04, 2023, 09:00 AM IST

Major League Cricket 2023 का पहला एडिशन MI New York ने जीत लिया है.

Major League Cricket 2023 से अमेरिका में क्रिकेट को नया बूस्ट मिलने की उम्मीद है. इससे भारतीय स्पोर्ट्स इंडस्ट्री को भी बूम मिलने की संभावना है.

डीएनए हिंदी: Indian Cricket News- क्या आपको 1980 का दशक याद है? खाड़ी देशों यानी यूएई, कतर, सऊदी अरब आदि में क्रिकेट महज टीवी पर दूसरे देशों में खेले जा रहे मैचों को देखने तक सीमित था. साल 1984 में शारजाह में पहले एशिया कप का आयोजन हुआ और नजारा बदल गया. आज की तारीख में खाड़ी देश दुनिया में जाने-माने क्रिकेट डेस्टिनेशन के तौर पर पहचान रखते हैं. अब अमेरिका के नया 'शारजाह' बनने की उम्मीद की जा रही है, जिसने चार दिन पहले यानी रविवार (30 जुलाई) की रात एक नया पायदान छू लिया. वेस्टइंडीज के जोरदार बल्लेबाज निकोलस पूरन की 55 गेंद पर 137 रन की धुआंधार पारी ने मुंबई इंडियंस न्यूयॉर्क (Mumbai Indians New York) को मेजर लीग क्रिकेट (Major League Cricket 2023) का पहला चैंपियन बना दिया. अमेरिका में IPL जैसी इस लीग क्रिकेट के पहले सीजन ने भारत में भी उम्मीदों के नए पंख लगा दिए हैं. प्लेयर्स से लेकर ब्रॉडकास्टर और स्पोर्ट्स गुड्स इंडस्ट्री तक, हर किसी के चेहरे खिले हुए हैं. 

आखिर अमेरिका की क्रिकेट लीग पर भारत में इतनी खुशी क्यों हो रही है? आइए एक्सपर्ट्स के नजरिए से इस गणित को समझते हैं. साथ ही आपको बताते हैं अमेरिका का करीब 175 साल पुराना क्रिकेट इतिहास, जिसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे. सबकुछ जानिए इन 8 पॉइंट्स में.

1. पहले एक नजर मेजर लीग क्रिकेट पर

2. निवेशकों से समझ लीजिए कैसा है अमेरिकी क्रिकेट का फ्यूचर

MLC के निवेशकों में माइक्रोसॉफ्ट सीईओ सत्या नडेला, पेटीएम संस्थापक विजयशेखर शर्मा, एडोबी के चेयरमैन शांतनु नारायण, वॉटसएप के पूर्व एक्जीक्यूटिव नीरज अरोरा, फेसबुक और ड्रॉप बॉक्स के पूर्व सीटीओ आदित्य अग्रवाल और सिएटल के मैड्रोना वेंचर ग्रुप एमडी सोमा सेगर जैसे बड़े नाम शामिल हैं. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अमेरिका में क्रिकेट के बढ़ने की कितनी ज्यादा उम्मीद है.

3. अमेरिका में पहले से ही है क्रिकेट का बड़ा मार्केट

अमेरिका में पहले से ही क्रिकेट का एक बड़ा मार्केट है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका में करीब 4 करोड़ क्रिकेट फैंस हैं, जिनमें से 90 फीसदी दक्षिण एशियाई मूल के हैं. इनमें भी भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश से अमेरिका गए लोग शामिल हैं, जिनके लिए अपने देशों में क्रिकेट महज एक खेल नहीं इबादत जैसा रहा है. अमेरिका की मूल आबादी में गुजराती मूल के भारतीयों की संख्या ज्यादा है. यह बात क्रिकेट में भी दिखती है. ये दक्षिण एशियाई फैंस ही अमेरिका में क्रिकेट के असली बुखार का कारण हैं. मशहूर BDM क्रिकेट बैट बनाने वाली कंपनी बीडी महाजन एंड संस के मैनेजिंग डायरेक्टर राकेश महाजन के मुताबिक, अमेरिका में क्रिकेट असल में पाकिस्तानी और गुजराती भारतीयों के बीच टक्कर के कारण बढ़ी है. इनके अपने क्लब हैं, जो रेगुलर क्रिकेट आयोजन कराते हैं. इनकी टूर्नामेंट्स में 50 हजार से 1 लाख डॉलर (करीब 80 लाख रुपये) तक की भारी-भरकम इनामी राशि रहती है. 

4. भारतीय स्पोर्ट्स इंडस्ट्री के लिए खुलेंगे नए दरवाजे

भारत की बल्ला-गेंद आदि बनाने वाली कंपनियां MLC जैसे आयोजन को अपने लिए शुभ संकेत मान रही हैं. राकेश महाजन के मुताबिक, हम लोग 1980 से अमेरिका में क्रिकेट का सामान सप्लाई कर रहे हैं. पहले अमेरिका में एक-दो ही क्रिकेट का सामान बेचने वाले दिखते थे. अब हर तरफ नए स्टोर खुल रहे हैं. इसका सीधा सा मतलब है कि क्रिकेट के सामान की मांग बढ़ रही है. MLC जैसे आयोजन क्रिकेट के बाजार को बढ़ाएंगे, जिसका लाभ इंडियन स्पोर्ट्स मेन्यूफेक्चर्स को भी होगा. राकेश महाजन BDM के मैनेजिंग डायरेक्टर होने के अलावा ऑल इंडिया स्पोर्ट्स गुड्स मेन्युफेक्चर्स फेडरेशन के GST सेल के अध्यक्ष भी हैं. 

एक अन्य नामी बैट SS Ton की निर्माता कंपनी सरीन स्पोर्ट्स (Sareen Sports) के मैनेजिंग डायरेक्टर जतिन सरीन भी MLC के आयोजन को अच्छे संकेत बताते हैं. हालांकि उनका मानना है कि अभी भारत को इसका इतना लाभ नहीं मिलेगा. उनके मुताबिक, अमेरिका की क्रिकेट में पाकिस्तानी मूल के लोगों का ज्यादा दबदबा है, जिससे सामान की सप्लाई पाकिस्तान से ज्यादा होती है.

छोटे निर्माताओं को भी अमेरिका में क्रिकेट के बढ़ने से बहुत उम्मीद है. राष्ट्रीय स्तर के पूर्व क्रिकेटर व बैट निर्माता कंपनी स्पोर्ट्स पैंथर (Sports Panther) के मैनेजिंग डायरेक्टर मोहम्मद साबिर कहते हैं कि अमेरिका जाने वाले क्रिकेट के सामान में एक बड़ा हिस्सा बैट की ग्रिप, क्रिकेट बैग, जैसे उपकरणों का है, जो भारत से जाते हैं. क्रिकेट का खेल बढ़ेगा तो इसकी भी डिमांड बढ़ेगी, जिससे बड़ी कंपनियों के साथ छोटे मेन्यूफेक्चर्स को भी लाभ होगा.

ट्रॉफी, मेडल आदि का निर्माण करने वाली कंपनी GT स्पोर्ट्स एंड अवॉर्ड्स के डायरेक्टर अनिरुद्ध मित्तल भी अमेरिका में क्रिकेट को लेकर बड़ी संभावनाएं देखते हैं. हालांकि वे अपने फील्ड में ज्यादा लाभ की संभावना नहीं देख रहे हैं. अनिरुद्ध के मुताबिक, भारत में पारदर्शी सिस्टम के कारण सबकुछ कानूनी तौर पर ऑनपेपर होता है, जबकि ट्रॉफी-मेडल्स के निर्माण में सबसे आगे चल रहे चीन में ज्यादातर काम में नॉन-बिलिंग के जरिये किया जाता है. इससे चीनी मेन्यूफेक्चर्स छोटे मुनाफे पर भी काम कर लेते हैं और भारतीय निर्माता पिछड़ जाते हैं.

5. ब्रॉडकास्टिंग और ब्रांडिंग के बाजार की भी है नजर

अमेरिका में एक बड़ी लीग के आयोजन ने ब्रॉडकास्टिंग और ब्रांडिंग सेक्टर के प्लेयर्स को भी एक्टिव कर दिया है. इन लोगों को भी इस फील्ड में बड़ी संभावनाएं दिख रही हैं. हालांकि उनका मानना है कि भारत के लिहाज से ये सेक्टर तभी फायदेमंद दिखाई देंगे, जब अमेरिकी लीग में ज्यादा नामी भारतीय खिलाड़ी खेलने जाएंगे. एक नामी स्पोर्ट्स ब्रॉडकास्टिंग चैनल की मीडिया कम्यनिकेशन हेड ने कहा कि नामी भारतीय क्रिकेट खेलेंगे तो मेजर लीग क्रिकेट में भारतीय क्रिकेट फैंस की दिलचस्पी बढ़ेगी. यही दिलचस्पी ब्रॉडकास्टर्स को वहां के मैच भारत में दिखाने को प्रेरित करेगी. भारत में मैच दिखाए जाएंगे,तभी यहां की कंपनियां उनमें विज्ञापन पर खर्च करने में दिलचस्पी लेंगी. फिलहाल की स्थिति में केवल वही भारतीय कंपनियां जाएंगी, जो अमेरिका में अपना प्रॉडक्ट एक्सपोर्ट करती हैं.

6. अभी MLC में नहीं दिखे नामी भारतीय क्रिकेटर

MLC के पहले संस्करण में कोई नामी भारतीय क्रिकेटर नहीं दिखा है. इस बार लीग में उन्मुक्त चंद, हरमीत सिंह, चैतन्य बिश्नोई, तजिंदर सिंह, शुभम रंजने और स्मित पटेल दिखाई दिए, लेकिन इनमें उन्मुक्त चंद के अलावा शायद ही किसी का नाम भारतीय फैंस को याद होगा. चेन्नई सुपर किंग्स के दिग्गज क्रिकेटर अंबाती रायुडू को भी लीग में खेलना था, लेकिन BCCI के रिटायरमेंट के बाद एक साल के कूलिंग ऑफ पीरियड नियम के कारण उन्हें पीछे हटना पड़ा. हालांकि IPL में खेलने वाले निकोलस पूरन, किरोन पोलार्ड, ट्रेंट बोल्ट, राशिद खान, एरोन फिंच, फाफ डू प्लेसिस, वेन पर्नेल, आंद्रे रसैल, मार्कस स्टोइनिस, कोरे एंडरसन, डेविड मिलर, शिमरॉन हेटमायर, जैसन रे, क्विंटन डि कॉक और सुनील नरैन जैसे चेहरे MLC में खेलते दिखे, लेकिन भारतीय क्रिकेटरों की MLC के पहले सीजन में गैरमौजूदगी में इनके नाम भी भारतीय फैंस को आकर्षित नहीं कर सके हैं.

7. अमेरिका है भारत का सबसे बड़ा खेल आयातक देश

भारत से दुनिया के 200 से अधिक देशों में खेल के सामान एक्सपोर्ट किए जाते हैं. इनमें अमेरिका भारतीय खेल उत्पादों का सबसे बड़ा आयातक देश है. वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 2021-22 के दौरान भारत ने 546 मिलियन डॉलर के खेल उत्पाद विदेश भेजे, जिनमें अमेरिका की हिस्सेदारी करीब 36% थी. साल 2020-21 के 134.7 मिलियन डॉलर के खेल सामान के मुकाबले 2021-22 में 198.8 मिलियन डॉलर यानी करीब 48% ज्यादा खेल उत्पाद भारत से अमेरिका भेजे गए. हालांकि रोचक बात ये है कि इतने बड़े खेल उत्पाद एक्सपोर्ट में क्रिकेट के सामान की हिस्सेदारी बहुत कम है, लेकिन राकेश महाजन को उम्मीद है कि MLC सफल रही तो यह हिस्सेदारी बढ़ती हुई दिख सकती है.

8. क्या आप जानते हैं अमेरिका में 300 साल से खेली जा रही क्रिकेट?

अमेरिका में क्रिकेट की बात चल रही है तो आपको यह भी बता दें कि वहां यह खेल 2-4 दशक से नहीं बल्कि करीब 300 साल से खेला जा रहा है. साल 1709 में अमेरिका के ब्रिटिश उपनिवेश रहने के दौरान वहां क्रिकेट का खेल शुरू हुआ. साल 1744 में अमेरिकी क्रिकेट के नियमों को लिखा गया. अमेरिका ने पहला इंटरनेशनल क्रिकेट मैच 1844 में खेल लिया था, जब ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला क्रिकेट टेस्ट मैच भी नहीं खेला गया था. अमेरिका का यह पहला मैच कनाडा के खिलाफ था. दस्तावेजों के मुताबिक, 18वीं शताब्दी के मध्य में अमेरिका में 1,000 से ज्यादा क्रिकेट क्लब थे.

हालांकि अमेरिका गृह युद्ध के बाद वहां क्रिकेट की जगह बेसबॉल ने ले ली और 'जेंटलमैन गेम' धीरे-धीरे लोकप्रियता खोता चला गया. फिर भी पहले विश्व युद्ध तक वहां फिलाडेल्फिया स्टेट में लगातार क्रिकेट खेली जाती थी. 1913 में ऑस्ट्रेलिया की टेस्ट टीम ने वहां दो अनॉफिशियल टेस्ट मैच भी खेले थे. फिलाडेल्फियन क्रिकेट टीम के ऑलराउंडर जॉन बार्टन किंग की तारीफ महान ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज सर डॉन ब्रैडमैन ने भी की थी. हालिया सालों में अमेरिका के नाम सबसे बड़ी सफलता 22 दिसंबर, 2021 को आयरलैंड की टीम को ऑफिशियल टी20 इंटरनेशनल मैच में 16 रन से हराना रही है. यह अमेरिका की टेस्ट मैच खेलने वाले किसी देश के खिलाफ पहली जीत है, जिसके हीरो भारतीय मूल के दो बल्लेबाज गजानंद सिंह और सुशांत मोदानी रहे थे.

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