क्या है नेशनल शूटर तारा शाहदेव लव जिहाद केस, जिसमें 9 साल बाद मिला इंसाफ, CBI कोर्ट ने आरोपी को सुनाई उम्रकैद की सजा

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Oct 05, 2023, 09:40 PM IST

Tara Shahdeo ने अपने केस में अदालत के फैसले को लव जिहाद की शिकार सभी बेटियों की जीत बताया है.

National Shooter Tara Shahdeo forced conversion case: तारा शाहदेव का जबरन धर्मांतरण करने के आरोपी रकीबुल की मां को भी CBI कोर्ट ने दोषी माना है. उसे भी 10 साल कैद की सजा सुनाई गई है.

डीएनए हिंदी: Jharkhand News- झारखंड के चर्चित तारा शाहदेव लव जिहाद केस (Tara Shahdeo  Love Jihad Case) में विशेष सीबीआई कोर्ट ने 9 साल बाद फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने आरोपी रकीबुल उर्फ रंजीत कोहली को राष्ट्रीय शूटर तारा शाहदेव को धोखा देने और जबरन धर्मांतरण कराने के आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई है, जबकि रकीबुल की मां कौसर रानी को भी दोषी मानते हुए 10 साल कैद की सजा सुनाई गई है. कोर्ट ने हाई कोर्ट के पूर्व रजिस्ट्रार मुश्ताक अहमद को भी इस साजिश में शामिल रहने के लिए 15 साल की सजा सुनाई है. तीनों दोषियों पर कोर्ट ने 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना नहीं चुकाने पर भी आरोपियों को 6-6 महीने और जेल में रहना होगा. तारा शाहदेव ने कोर्ट के न्याय पर संतोष जाहिर किया है. उन्होंने कहा कि यह न्याय केवल उन्हें नहीं मिला है बल्कि यह ऐसी हरकत करने वालों को सजा पाए बिना नहीं छूटने देने की दिशा में एक कदम है. शाहदेव ने कहा कि कोर्ट के इस फैसले से पूरे देश की बेटियों को ऐसे अपराधियों के खिलाफ आवाज उठाने का आत्मविश्वास मिलेगा. 

पहले जान लीजिए कौन हैं तारा शाहदेव

तारा शाहदेव (Tara Shahdeo) झारखंड की राष्ट्रीय स्तर की निशानेबाज थी. नेशनल लेवल पर खेलने के दौरान ही तारा की मुलाकात होटवार में रकीबुल हसन से हुई थी. यह मुलाकात तत्कालीन विजिलेंस रजिस्ट्रार (रांची हाई कोर्ट) मुश्ताक अहमद ने कराई थी, जिनकी पीली बत्ती की गाड़ी में बैठकर रकीबुल हसन आता था. उनके साथ धनबाद डीएसपी और गढ़वा एसपी भी होते थे. इससे तारा रकीबुल से प्रभावित हो गई. दोनों की मुलाकातें बाद में प्यार में बदल गई. रकीबुल ने अपने मुस्लिम होने की बात तारा और उसके परिवार से छिपाकर उससे शादी कर ली. इसके बाद दोनों रांची में एक फ्लैट लेकर साथ रह रहे थे.

मुस्लिम होने की बात खुली तो कुत्ते से कटवाया, भूखा रखा

तारा ने पुलिस को बताया था कि उनके फ्लैट पर रकीबुल हसन खान के नाम का इफ्तार पार्टी का कार्ड मंत्री हाजी हुसैन अंसारी के यहां से आया तो उसे शक हुआ. इस पर उसका रकीबुल से झगड़ा हुआ. इसके बाद रकीबुल उस पर धर्म परिवर्तन करने का दबाव बनाने लगा. उससे जबरन इस्लामी किताब पढ़वाई जाती और मारपीट की जाती. उसे कई बार कुत्ते से कटवाया गया और कई दिन तक भूखा भी रखा गया ताकि वह धर्म परिवर्तन कर ले.

2014 में पुलिस के पास शिकायत लेकर पहुंची थी तारा

तारा शाहदेव ने साल 2014 में रांची पुलिस के हिंदपीढ़ी थाना में रकीबुल के खिलाफ शिकायत सौंपी. शुरुआत में उसके केस को महज घरेलू हिंसा के तौर पर ट्रीट किया गया, लेकिन जब मीडिया में खबरें उछली तो यह केस चर्चा में आ गया. इसके बाद तारा की फैमिली ने रांची हाई कोर्ट से सीबीआई जांच की गुहार लगाई. हाई कोर्ट ने सीबीआई को जांच करने का आदेश दिया.

सीबीआई ने 2015 में टेकओवर किया केस

सीबीआई ने 2015 में इस केस को रांची पुलिस से टेकओवर किया. करीब दो साल जांच के बाद 12 मई, 2017 को सीबीआई ने तीनों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी, जिस पर अब तक सुनवाई चल रही थी. गुरुवार को स्पेशल सीबीआई कोर्ट के जज पीके शर्मा ने तारा शाहदेव के 'लव जिहाद' का शिकार होने का मुद्दा उठाने के करीब 9 साल बाद आरोपियों को सजा सुनाई है. कोर्ट ने तीनों आरोपियों को 30 सितंबर को ही दोषी घोषित कर दिया था, लेकिन उन्हें सजा गुरुवार को सुनाई गई है.

दोषी घोषित किए जाने के बाद ही तीनों को न्यायिक हिरासत में होटवार स्थित बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल भेज दिया गया था. रकीबुल को जबरन धर्म परिवर्तन, घरेलू हिंसा, धोखाधड़ी के अलावा महिला से लगातार रेप समेत कई अन्य आरोपों में दोषी ठहाराया गया है. सीबीआई के वरिष्ठ अभियोजक प्रियांशु शिंह ने दोषियों को कठोर से कठोर दंड देने की अपील कोर्ट से की, जबकि डिफेंस ने नरमी बरतने की गुहार लगाई थी.
 
इंटरनेशनल शूटर से दूसरी शादी कर चुकी हैं तारा

रकीबुल हसन के चंगुल से निकलने के बाद तारा शाहदेव अब दूसरी शादी कर चुकी हैं. उनके पति संजीव राजपूत नामी इंटरनेशनल शूटर हैं. अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित संजीव ने साल 2010 के दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स में 3 गोल्ड और एक रजत पदक जीता था. वे ओलंपिक में भी देश का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. 

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