डीएनए हिंदी: World News in Hindi- पाकिस्तान में आम चुनावों से ठीक पहले एक बड़ा उलटफेर हुआ है. घोटालों के आरोप में सजायाफ्ता होने के बाद इलाज के नाम पर विदेश भाग गए पूर्व पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ शनिवार को दोबारा अपने देश लौट आए. तीन बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रह चुके नवाज शरीफ पिछले कई दिन से दुबई में मौजूद थे. शनिवार दोपहर को वह एक विमान से पहले पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद पहुंचे. इसके बाद वे इस्लामाबाद से लाहौर रवाना हो गए, जहां उनके समर्थकों ने उनका स्वागत करने के लिए एक रैली का आयोजन कर रखा है. शरीफ की पार्टी पीएमएल (एन) ने कहा कि पूर्व पीएम का वापसी पर जोरदार स्वागत करने की पूरी तैयारी कर ली गई है. चुनाव से ऐन पहले नवाज शरीफ की पाकिस्तान वापसी के बाद उनके पॉलीटिक्ल कमबैक की चर्चाएं शुरू हो गई हैं. माना जा रहा है कि चार साल से खुद ही देश निर्वासन का सामना कर रहे शरीफ की निगाहें चौथी बार प्रधानमंत्री बनने पर टिकी हैं.
जनवरी में होंगे पाकिस्तान में आम चुनाव
पाकिस्तान में जनवरी, 2024 में आम चुनाव होने वाले हैं. पाकिस्तान इस समय भयानक संकट के दौर से गुजर रहा है. एकतरफ देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह ठप हो चुकी है, जिससे महंगाई सातवें आसमान पर है और आम जनता के भूखे मरने की नौबत बनी हुई है. दूसरी तरफ, देश की सुरक्षा व्यवस्था भी चौपट हो चुकी है. पाकिस्तान के अंदर तहरीक-ए-तालिबान लगातार आतंकी हमले कर रहा है, तो अफगान सीमा पर कल तक पाकिस्तानी पिट्ठू रहा तालिबान भी उसे आंखे दिखा रहा है. पाकिस्तान कर्ज में इस कदर फंस चुका है कि उसके पास किश्तें चुकाने के लिए भी डॉलर नहीं हैं. ऐसे में देश में राजनीतिक संकट भी बना हुआ है. यह संकट नवाज शरीफ के भाई शाहबाज शरीफ के कुछ महीने पहले अचानक प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के कारण शुरू हुआ है, जो देश के प्रमुख विपक्षी दल पीटीआई के मुखिया व पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को जेल में बंद किए जाने के कारण और ज्यादा बढ़ गया है. ऐसे दौर में नवाज शरीफ की वापसी को बेहद अहम माना जा रहा है.
'उम्मीद-ए-पाकिस्तान' से उड़कर पहुंचे शरीफ क्या पूरी कर पाएंगे अवाम की उम्मीद?
नवाज शरीफ 'उम्मीद-ए-पाकिस्तान' नाम के चार्टर्ड प्लेन से उड़ान भरकर दुबई से इस्लामाबाद पहुंचे हैं. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या वे पाकिस्तानी अवाम की उम्मीदों को भी पूरा कर पाएंगे. नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के सीनियर लीडर ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने कहा, यह उम्मीद और जश्न का समय है. उनका (नवाज का) वापस लौटना पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और लोगों के लिए अच्छे संकेत हैं.
नवाज शरीफ अब क्या करेंगे
नवाज शरीफ की पाकिस्तान वापसी के बाद पहली कोशिश अपनी जमानत प्रक्रिया को पूरा करने की है. 19 अक्टूबर को इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने उनकी जमानत मंजूर की थी, लेकिन इसकी पूरी लीगल प्रोसेसिंग अभी बाकी है. नवाज शरीफ की लीगल टीम ने इस्लामाबाद पहुंचने पर उनके बायोमेट्रिक्स लिए हैं ताकि उसे हाई कोर्ट में जमा कराकर उनकी जमानत प्रक्रिया पूरी कर सके. करीब एक घंटे तक इस्लामाबाद में ठहरने के बाद नवाज शरीफ लाहौर के लिए रवाना हो चुके हैं, जहां वे मीनार-ए-पाकिस्तान पर जमा हो चुके अपने समर्थकों को संबोधित करेंगे.
नवाज की राजनीतिक वापसी की राह तैयार कर चुकी है पार्टी
नवाज शरीफ को साल 2017 में घोटाले के आरोप में 7 साल की सजा सुनाए जाने पर प्रधानमंत्री पद छोड़ना पड़ा था. वे एक साल से कुछ कम समय तक जेल में रहे थे, लेकिन फिर इलाज के बहाने ब्रिटेन जाने के बाद वे वापस नहीं लौटे थे. तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार ने उन्हें वापस लाने की भरपूर कोशिश की थी, लेकिन सारे प्रयास विफल रहे थे. पिछले साल इमरान खान को पाकिस्तानी सेना के साथ रिश्ते बिगड़ने के बाद इस्तीफा देना पड़ा था. इसके बाद बनी जोड़-तोड़ की सरकार में नवाज शरीफ के भाई शाहबाज शरीफ प्रधानमंत्री बने थे. यहीं से नवाज के दिन बदलने की सुगबुगाहट शुरू हो गई थी. शाहबाज की सरकार ने सजा सुनाए जाने पर चुनाव लड़ने पर लगे प्रतिबंध का समय घटाकर 5 साल कर दिया था, जो नवाज शरीफ के मामले में पूरा होने जा रहा है.
पाकिस्तानी सेना से भी समझौता होने की हैं अटकलें
नवाज शरीफ की वापसी को लेकर यह भी अटकलें लग रही हैं कि उनका पाकिस्तानी सेना के साथ किसी तरह का समझौता हो गया है. पाकिस्तानी राजनीतिक विश्लेषक जाहिद हुसैन ने AFP से कहा कि सेना के साथ समझौते के बिना नवाज की वापसी संभव ही नहीं थी. इसके चलते भी नवाज शरीफ का चौथी बार प्रधानमंत्री बनना आसान माना जा रहा है.
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