डीएनए हिंदी: Nobel Award for Chemistry- रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने बुधवार को स्टॉकहोम में रसायन के नोबेल पुरस्कार (Nobel Award 2023) की घोषणा कर दी. यह सम्मान इस साल संयुक्त रूप से तीन वैज्ञानिकों को दिया गया है. मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से मौंगी जी. बावेंडी, कोलंबिया विश्वविद्यालय से लुईस ई. ब्रूस और नैनोक्रिस्टल टेक्नोलॉजी में काम करने वाले एलेक्सी आई. एकिमोव को यह सम्मान 'क्वांटम डॉट्स की खोज और संश्लेषण' के लिए दिया गया है. क्वांटम डॉट्स को दुनिया की सबसे अहम और आशावादी खोज माना जा रहा है, जिसकी अहमियत रसायन ही नहीं भौतिकी के क्षेत्र में भी साबित हुई है. नैनोमीटर आकार के इन छोटे नैनो पार्टिकल्स ने दुनिया भर के रिसर्चर्स को अपनी खूबियों और बहुआयामी अनुप्रयोगों के कारण मंत्रमुग्ध कर रखा है.
क्या होता है क्वांटम डॉट्स
क्वांटम डॉट्स (Quantum dots) को 'आर्टिफिशियल एटम' भी कहा जाता है. ये सेमीकंडक्टर नैनक्रिस्टल्स होते हैं, जिनकी मैकेनिकल प्रॉपर्टीज बेहद अनूठी होती है. पारंपरिक मटीरियल्स के मुकाबले क्वांटम डॉट्स का उनकी इलेक्ट्रॉनिक और ऑप्टिकल विशेषताओं को तय करने में अहम भूमिका निभाता है. यह आकार पर निर्भर व्यवहार क्वांटम प्रतिरोध का सीधा परिणाम होता है, यह घटना नैनोस्केल पर घटित होती है.
पीरियॉडिक टेबल के इन तत्वों से बनते हैं क्वांटम डॉट्स
क्वांटम डॉट्स सामान्य तौर पर आवर्त सारणी (periodic table) के ग्रुप II-VI या III-V के तत्वों से बने होते हैं. इसका उदाहरण कैडमियम सेलेनाइड (CdSe) या इंडियम आर्सेनाइड (InAs) आदि हैं. संश्लेषण के दौरान क्वांटम डॉट्स के आकार पर सटीक कंट्रोल हासिल किया जा सकता है. इससे वैज्ञानिकों को अलग-अलग तरह की एप्लिकेशंस के हिसाब से क्वांटम डॉट्स के गुणों को ढालने की अनुमति मिलती है.
रसायन विज्ञान में ऐसे अहम साबित होंगे क्वांटम डॉट्स
रसायन विज्ञान के क्षेत्र में क्वांटम डॉट्स की खोज को बेहद अहम माना जा रहा है. अपनी ट्यून करने लायक फ्लोरोसेंस जैसी यूनिक ऑप्टिक्ल प्रॉपर्टीज ने इन्हें बॉयोलॉजिक्ल सिस्टम्स में मॉलीक्यूल्स की लेबलिंग और ट्रैकिंग के लिए बेहद कीमती टूल साबित कर दिया है. रिसर्चर्स सेलुलर प्रोसेसेज के अभूतपूर्व स्तर की कल्पना के लिए फ्लोरोसेंट जांच के रूप में क्वांटम डॉट्स का उपयोग करते हैं.
नोबेल पुरस्कार में क्या मिलता है
नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किए जाने वाले वैज्ञानिकों को एक मेडल के साथ ही दस लाख डॉलर का नकद पुरस्कार मिलता है. पुरस्कार की राशि मशहूर स्वीडिश वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल की संपत्ति से मिलती है, जिसकी वसीयत उन्होंने नोबेल अवॉर्ड की स्थापना करते समय इसके लिए की थी. अल्फ्रेड नोबेल का 1896 में निधन हुआ था. इसके बाद से ही यह सम्मान वैज्ञानिकों को दिया जा रहा है, जिसे दुनिया का सबसे सम्मानजनक पुरस्कार माना जाता है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर