डीएनए हिंदी: Rahul Gandhi Controversial Remarks- पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता शुक्रवार को खत्म कर दी गई. गुजरात की सूरत सेशन कोर्ट से 2 साल की सजा मिलने के आधार पर लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी को संसद सदस्यता के लिए अयोग्य (Rahul Gandhi disqualified as lok sabha MP) करार दिया है. राहुल गांधी को कोर्ट ने उनके साल 2019 के उस विवादित बयान के लिए मानहानि केस में सजा सुनाई थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि सभी चोरों के मोदी सरनेम ही क्यों होते हैं.
हालांकि राहुल गांधी को पहली बार किसी विवादित बयान के लिए कानूनी सजा का सामना करना पड़ा है, लेकिन उनके विवादित बयानों की फेहरिश्त बहुत लंबी है. आइए जानते हैं सांसद के तौर पर उनके 5 ऐसे बयान कौन से हैं, जिनसे पूरे देश में विवाद की लहर खड़ी हो गई और राहुल को मुकदमेबाजी का सामना करना पड़ा है.
1. 'चौकीदार चोर है'
राहुल गांधी ने राफेल फाइटर जेट डील को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा था. उन्होंने आरोप लगाया था कि सु्प्रीम कोर्ट ने माना है कि 'चौकीदार चोर है'. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जनसभाओं में खुद को 'चौकीदार' कहे जाने के कारण सीधेतौर पर माना गया था कि राहुल गांधी ने उन पर ही निशाना साधा है. इससे बेहद विवाद हुआ था. भाजपा सांसद व मौजूदा केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी (BJP MP Meenakshi Lekhi) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर अदालती अवमानना का मुकदमा चलाने की अपील की थी. बाद में राहुल गांधी ने इस मामले में कोर्ट से माफी मांगी थी. साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ अवमानना का मुकदमा बंद कर दिया था, लेकिन शीर्ष अदालत ने उन्हें एक अहम राजनीतिक व्यक्ति होने के चलते भविष्य में अपने भाषण के प्रति सावधान रहने की हिदायत दी थी.
2. 'महात्मा गांधी को RSS ने मारा'
राहुल गांधी ने साल 2014 में महाराष्ट्र के ठाणे की भिवंडी टाउनशिप में महात्मा गांधी की हत्या का लिंक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) से जोड़ा था. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की हत्या में आरएसएस का हाथ था. इस मामले में एक स्थानीय आरएसएस कार्यकर्ता राजेश कुंते ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. साल 2018 में कोर्ट ने उनके खिलाफ आरोप भी तय किए, लेकिन राहुल ने खुद को निर्दोष बताया. महाराष्ट्र में चल रहे मानहानि के इस मुकदमे के खिलाफ राहुल गांधी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे, जहां उन्होंने कहा था कि उन्होंने कभी भी महात्मा गांधी की हत्या के लिए संघ को जिम्मेदार नहीं बताया है. इस मामले में उनके खिलाफ गुवाहाटी कोर्ट ने भी एक स्थानीय आरएसएस वॉलंटियर अंजन बोरा की तरफ से दाखिल क्रिमिनल केस के आधार पर समन जारी किए थे.
3. 'मेक इन इंडिया नहीं रेप इन इंडिया'
राहुल गांधी ने झारखंड में चुनावी रैली में तब विवाद पैदा कर दिया था, जब उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते थे 'मेक इन इंडिया', लेकिन आज हम देख रहे हैं 'रेप इन इंडिया'. उन्होंने मोदी सरकार और भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा था कि झारखंड में महिलाओं का रेप हो रहा है. उत्तर प्रदेश में भाजपा विधायक (कुलदीप सेंगर) ने महिला का रेप किया है. हर राज्य में रोजाना रेप हो रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा था 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ', लेकिन मोदी ने यह नहीं कहा कि बेटियों को किनसे बचाना चाहिए. क्या उन्हें भाजपा विधायकों से बचाना चाहिए? इस मामले में एक सामाजिक कार्यकर्ता ने राहुल गांधी के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कराया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि राहुल गांधी के बयान से लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है.
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4. 'पीएम मोदी कर रहे खून की दलाली'
राहुल गांधी ने साल 2016 में पीएम मोदी पर सेना के आतंक विरोधी अभियानों को राजनीतिक लाभ लेकर 'खून की दलाली' करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, हमारे जवान है जिन्होंने खून दिया है, जिन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक किया, उनके खून के पीछे आप (पीएम) छिपे हुए हो. हालांकि बाद में उन्होंने ट्विटर पर इसे लेकर स्पष्टीकरण जारी किया. उन्होंने कहा कि वह आतंकवादियों के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक का समर्थन करते हैं, लेकिन कभी भी राजनीतिक पोस्टरों और प्रचार में भारतीय सेना के इस्तेमाल का समर्थन नहीं करेंगे.
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5. 'अमित शाह हैं हत्या के आरोपी'
मई, 2019 में राहुल गांधी के खिलाफ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को 'हत्या का आरोपी' बताने के लिए मुकदमा दर्ज हुआ. आरोप है कि कांग्रेस नेता ने मध्य प्रदेश के जबलपुर में लोकसभा चुनाव की रैली के दौरान यह कमेंट किया. हालांकि बाद में राहुल को गुजरात की एक अदालत ने इस मामले में दर्ज मानहानि केस में जमानत दे दी थी.
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