Russia Ukraine War: क्या यूक्रेन से जंग में रूस दोहरा रहा है अपनी पुरानी गलती?

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Mar 06, 2022, 07:59 AM IST

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रूस और यूक्रेन के बीच जंग का आज 11वां दिन है. किसी भी तरह की मध्यस्थता के जरिए भी फिलहाल युद्ध रोकने का कोई हल नहीं निकाला जा सका है.

डीएनए हिंदी:  रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के बीच भीषण जंग चल रही है. दुनिया की महाशक्तियों में शुमार रूस ने कभी यह सोचा नहीं था कि युद्ध 11वें दिन भी खत्म नहीं होगा. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने यह सोचा था कि हमले के अगले दिन यूक्रेन की सेना हार मान लेगी. यूक्रेन के कई शहर तबाह हो गए हैं लेकिन यूक्रेनी सैनिक, रूसी सैनिकों को कड़ी टक्कर दे रहे हैं.

यूक्रेनी सैनिक रूसी टैंकों और सैनिकों को पकड़ने के बाद उनके वीडियो शेयर कर रहे हैं. तस्वीरों को देखकर इस बात के साफ संकेत मिल रहे हैं कि यूक्रेनी सेना भी ठान लिया है कि मर जाएंगे लेकिन झुकेंगे. यह रणनीति रूस को बहुत भारी पड़ी है.

व्लादिमीर पुतिन ने साल 2014 में क्रीमिया (Crimea) पर कब्जा जमा लिया था. साल 2008 में जॉर्जिया (Georgia) में रूस ने घुसपैठ कर दी थी. पुतिन को गुमान था कि लगातार 2 बार मिली कामयाबी को वह आगे भी जारी रख ले जाएंगे. यूक्रेन से मिली कड़ी टक्कर ने यह साबित कर दिया है कि रूस ने अपनी गलती दोहरा दी है.

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चेचन्या में टूट गया था रूस का मनोबल

रूस की यह लड़ाई चेचन्या (Chechnya) युद्ध की याद दिला रहा है. रूस की सेना दुनिया की सबसे शक्तिशाली सेनाओं में से एक है. रूस से सीधी टक्कर लेने में कोई भी देश हार जाएगा. यह सोच रूस पर भारी पड़ी थी. साल 1994 में जब रूसी सेनाओं ने चेचन्या में दाखिल होने की कोशिश की और सोचा कि उन्हें जंग में जीत मिलेगी लेकिन सपना टूट गया. उत्तरी कोकेशियान (Caucasian) गणराज्य पर विजय हासिल करने में रूसी सैनिक फेल हो गए थे.

यूक्रेन की लड़ाई ने बदल दिया पुतिन का नजरिया!

यूक्रेन से ठनी लड़ाई में व्लादिमीर पुतिन हैरान हो गए हैं. रूसी का यूक्रेन पर नजरिया बदल गया है. खेरसॉन, खार्कीव और मारियुपोल जैसे प्रमुख शहरों में रूसी सेनाएं भीषण बमबारी कर रही हैं. मिसाइल अटैक से लेकर तोपों तक से हमला किया जा रहा है लेकिन जंग मुश्किल होती जा रही है. 

चेचन्या ने नहीं मानी थी हार!

दिसंबर 1994 के अंत में चेचन्या में रूस ने घुसपैठ की कोशिश की थी. रूसी सेनाओं ने चेचन्या की राजधानी ग्रोज़्नी ( Grozny) पर बमबारी की थी. चेचन्या के नेतृत्व ने रूसी सैनिकों को मुहंतोड़ जवाब दिया था. रूस ने एयर स्ट्राइक किया था लेकिन उन्हें भीषण प्रतिरोध का सामना करना पड़ा था.

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रूस ने चेचन्या के साथ हुई लड़ाई में यह सोचा था कि आसानी से लोग सरेंडर कर देंगे. रूस से यह समझने में भारी भूल हुई कि एक युद्ध मनोबल का भी होता है. कोई हार मानने को तैयार न हो उसे हराया नहीं जा सकता. चेचन्या हारा नहीं. ठीक उसी तरह यूक्रेन ने ठान लिया है कि दुनिया भले ही अकेला छोड़ दे लेकिन हार नहीं माननी है. 

झुकेगा नहीं यूक्रेन!

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की युद्ध में अपने नागरिकों के साथ रूस के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं. रूस 11वें दिन भी यूक्रेन को हरा नहीं पाया है. अब तक की लड़ाई ने यह साबित कर दिया है कि जितनी आसान जंग व्लादिमीर पुतिन समझ रहे थे, वैसी है नहीं. कहीं चेचन्या की तरह रूसी सैनिकों को यूक्रेन से वापस न जाना पड़ जाए.

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