US Presidential Election 2024 : डोनाल्ड ट्रंप पर सिर्फ अमेरिका ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया की नजर थी. अब जबकि ट्रंप व्हाइट हाउस का किला फतेह करने में कामयाब हो गए हैं, ब्रिटेन और यूरोपीय नेता सामूहिक रूप से डोनाल्ड ट्रंप की जीत पर प्रतिक्रिया व्यक्त करेंगे, क्योंकि वे सुरक्षा पर चर्चा करने के लिए एक दूसरे से भेंट करेंगे. ध्यान रहे अमेरिकन राष्ट्रपति के लिए ब्रिटेन और यूरोपीय नेताओं की प्रतिक्रिया इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि ये जीत अमेरिका - यूरोप के रिश्तों पर अपना सीधा असर डालेगी.
जैसे-जैसे अमेरिका के परिणाम की गंभीरता लोगों के सामने आ रही है, ब्रिटिश प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर बुडापेस्ट में एक शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे, जिसकी मेजबानी राष्ट्रपति-चुनाव के महाद्वीप पर सबसे बड़े चीयरलीडर, हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बन करेंगे.
व्लादिमीर पुतिन के साथ अपने संबंधों के कारण यूरोपीय संघ के बाकी देशों द्वारा संदेह की दृष्टि से देखे जाने वाले ओर्बन, ट्रंप की जीत से काफी खुश और खासे उत्साहित नजर आ रहे हैं.
एक ऐसे समय में जहां हंगरी खुद रोटेटिंग प्रेसीडेंसी पर है, ओर्बन ने पिछले महीने यूरोपीय संसद में पत्रकारों से कहा था कि अगर ट्रंप वापस आते हैं तो वे 'शैम्पेन की कई बोतलें' खोलेंगे.
बताते चलें कि यूरोपीय राजनीतिक समुदाय, जो हर छह महीने में ये शिखर सम्मेलन आयोजित करता है, रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण के मद्देनजर स्थापित किया गया था, ताकि EU27 के लिए संघर्ष और अनियमित प्रवास सहित प्रमुख सुरक्षा चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए यूके, तुर्की और काकेशस देशों जैसे व्यापक भागीदारों से मिलने का अवसर मिले.
लेकिन अमेरिका के परिणाम चर्चाओं को पूरी तरह से प्रभावित कर सकते हैं, क्योंकि यूक्रेन के प्रति ट्रंप का दृष्टिकोण (क्या वह एक ऐसी शांति योजना को लागू करने का प्रयास करेंगे जिसमें यूक्रेनियों को क्षेत्र छोड़ना होगा) उनके एजेंडे पर हावी रहेगा. ध्यान रहे इस बैठक में यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की भी भाग ले रहे हैं.
ओर्बन रूस-यूक्रेन संघर्ष के लिए बातचीत के माध्यम से समाधान के भी समर्थक हैं, जबकि यूरोपीय संघ के बाकी अधिकांश लोग यूक्रेन की अखंडता का समर्थन करते हैं - जो संभावित तनावों का मार्ग प्रशस्त करता है.
बैठक के मद्देनजर जो रिपोर्ट्स आई हैं यदि उनपर यकीन करें तो मिलता है कि किएर प्रवास सत्र की अध्यक्षता करेंगे और मानव तस्करी पर लगाम लगाने के लिए बाल्कन देशों के साथ तीन नए खुफिया-साझाकरण समझौतों की घोषणा करेंगे. लेकिन रक्षा संबंधी विचार सबसे आगे और केंद्र में रहने की संभावना है.
ऐसा इसलिए भी क्योंकि अमेरिका के यूरोप से अलग होने की संभावना है, और नाटो सदस्यों पर दबाव है जो अभी तक अपने 2% के रक्षा खर्च लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाए हैं. किएर को पहले ही घर में सवालों का सामना करना पड़ रहा है कि वह 2.5% खर्च करने के अपने चुनावी वादे को कब पूरा करेंगे.
पहले से ही बदले हुए माहौल का संकेत देते हुए, जर्मन रक्षा मंत्री, जिन्होंने कल अपने फ्रांसीसी समकक्ष से मुलाकात की, ने ट्रंप की जीत के बाद तमाम ऐसी बातें कहीं हैं जो कहीं न कहीं इस बात को दर्शाती हैं ट्रंप के दूसरे कार्यकाल को लेकर यूरोप और ब्रिटेन पशोपेश में हैं.
कुल मिलाकर कहा यही जाएगा कि तमाम नेता ये जानने के आतुर हैं कि आने वाले वक़्त में ट्रंप ऐसे कौन से फैसले लेंगे जो यूके-यूरोप के अलावा पूरे विश्व पर अपना प्रभाव डालेंगे.
ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगल, फेसबुक, x, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.