Trump 2.0 : सत्ता के शिखर पर आने के बाद क्या आम अमेरिकी आवाम से किये वादे पूरे करेंगे ट्रंप? 

Written By बिलाल एम जाफ़री | Updated: Nov 06, 2024, 05:30 PM IST

US Presidential Elections 2024 : अमेरिका में तमाम पोलस्टर्स ने कांटे की टक्कर की भविष्यवाणी की थी. ट्रंप भारी मतों से जीते. नौबत कुछ ऐसी आई कि रिपब्लिकन ने सीनेट को भी अपने पक्ष में कर लिया.सवाल ये है कि क्या अपने इस कार्यकाल में ट्रंप उन वादों को पूरा करेंगे जो उन्होंने अमेरिकी जनता से किया.

US Presidential Elections 2024 : शानदार, जबरदस्त जिंदाबाद ... शायद अमेरिका में रिपब्लिकन खेमे में समर्थकों के बीच कुछ ऐसे ही नारे लग रहे हों. US Presidential Elections 2024 के मद्देनजर वो हुआ, जिसका अनुमान अमेरिका की राजनीति को समझने वाले तमाम राजनीतिक पंडितों ने बहुत पहले ही लगा लिया था.  पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप व्हाइट हाउस की रेस जीतने में कामयाब हुए हैं. रिपब्लिकन को समर्पित लोग इसे एक नई सुबह का आगाज कह रहे हैं.  वे इसे 'एजेंडा 47' कहते हैं यानी ये एक ऐसा चौंका देने वाला खाका है जिसपर काम करते हुए अमेरिका ने अपना 47वां राष्ट्रपति चुना.

तमाम समर्थक ऐसे भी हैं, जो डोनाल्ड ट्रंप की इस ऐतिहासिक जीत को 'बैक टू द फ्यूचर' का टाइटल दे रहे हैं. साथ ही उनके द्वारा ये भी कहा जा रहा है कि अब अमेरिका में वापस 'स्वर्ण युग' का शुभारंभ होगा. कुल मिलाकर ट्रंप की जीत से उत्साहित समर्थक एक ऐसे अमेरिका की कामना कर रहे हैं, जिसे लेकर उनका मानना यही था कि वो कहीं खो गया है.

वो तमाम लोग जिन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में डोनाल्ड ट्रंप को वोट किया. मुखर होकर इस बात को दोहरा रहे हैं कि अब वो ट्रंप के साथ उस अमेरिका को खोजने के मिशन पर हैं जो कहीं गुम हो चुका है.  ऐसे लोग ये भी दोहरा रहे हैं कि युवा पुरुष, अश्वेत पुरुष, लैटिनो पुरुष ट्रंप 2.0 में शामिल हो गए हैं और अब अमेरिका उस मुकाम पर पहुंच जाएगा जहां सिर्फ और सिर्फ खुशहाली होगी.

ध्यान रहे अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के मद्देनजर तमाम पोलस्टर्स ने कांटे की टक्कर की भविष्यवाणी की थी. अंत में, ट्रंप भारी मतों से जीते और नौबत कुछ ऐसी आई कि रिपब्लिकन ने सीनेट को भी अपने पक्ष में कर लिया. माना जा रहा है कि अमेरिका में ट्रंप यदि प्रतिनिधि सभा को भी अपने पास रखते हैं, तो यह एक अनियंत्रित शक्ति होगी. यानी ट्रंप के पास व्हाइट हाउस और कांग्रेस की चाबियां होंगी.

ट्रंप के प्रोजेक्ट 2025 के बारे में हजारों शब्द लिखे जा सकते हैं लेकिन हमें इस बात को समझना होगा कि अब ट्रंप की 'अमेरिका को फिर से महान बनाने' की प्रतिज्ञा और अधिक गहरी हो जाएगी.  ज्ञात हो कि ट्रंप का ये अभियान ऐसा है जिसने उन लोगों को भी ट्रंप के पक्ष में किया जिनके विषय में माना यही जा रहा था अगर इन्होंने ट्रंप का साथ दिया तो उनकी जीत कोई नहीं रोक सकता.

जिक्र ऐसे लोगों का हुआ है तो हमारे लिए मस्क और रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर का जिक्र करना बहुत जरूरी हो जाता है. अरबपति टेक दिग्गज और दुनिया के सबसे अमीर आदमी एलन मस्क जल्द ही सरकारी दक्षता विभाग का कार्यभार संभाल सकते हैं.

रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर, जो अपने राजनीतिक परिवार के बाकी सदस्यों से अलग-थलग पड़ चुके हैं, ने ट्रंप का समर्थन करने के लिए व्हाइट हाउस के लिए अपनी दौड़ स्थगित कर दी थी. अमेरिका में 'आरएफके' पीने के पानी और टीकों की सुरक्षा पर सवाल उठाने के लिए प्रसिद्ध हैं. माना जा रहा है कि इन्हें स्वास्थ्य विभाग मिल सकता है. 

चुनाव अभियान के भाषणों में, ट्रंप ने उड़ने वाली कारों में निवेश करने और 'फ्रीडम सिटीज'  का निर्माण करने की अपनी योजनाओं को सामने रखा है, बता दें कई ये शहर सरकारी नियमों से मुक्त होंगे।

वहीं अप्रवासन पर, उन्होंने अमेरिकी इतिहास में अवैध प्रवासियों के सबसे बड़े सामूहिक निर्वासन का वादा किया था. साथ ही ट्रंप ने अपने भाषणों में दीवार का निर्माण पूरा करने और सख्त सीमा नियंत्रण लागू करने का वादा भी आम लोगों से किया था.   

ट्रंप ने शहर के केंद्रों से बेघर लोगों को टेंट वाले शिविरों में स्थानांतरित करने की कसम खाई है.  ट्रंप का मानना है कि जब तक ऐसे लोगों की 'समस्याओं की पहचान नहीं हो जाती' ये लोग टेंट शिवरों में ही वास करेंगे.

लेकिन माना ये भी जा रहा है कि यह संस्कृति युद्ध की धमकी है जो सबसे अधिक चिंता का विषय होगी. यहां गर्भपात का कोई संवैधानिक अधिकार नहीं होगा. शिक्षकों को 'देशभक्ति मूल्यों को अपनाने' की आवश्यकता होगी.

ट्रंप के विषय में रोचक ये भी है कि उनकी एक अलगाववादी नीति है और वे अमेरिका को वैश्विक संघर्षों से अलग करना चाहते हैं, खासकर यूक्रेन और मध्य पूर्व में. ट्रंप ने अंतर्राष्ट्रीय सहायता में 'सैकड़ों अरबों' डॉलर की कटौती करने, यूक्रेन में युद्ध को समाप्त करने और संभवतः अमेरिका को नाटो से बाहर निकालने का वादा किया है.

बहरहाल इस बात में कोई शक नहीं है कि भले ही विवादों से घिरे हों लेकिन अपनी इस ऐतिहासिक जीत से डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में इतिहास रच दिया है. खैर अमेरिका के इस 47वें राष्ट्रपति का नजरिया और कार्यप्रणाली क्या होती है? वो अपने द्वारा किये गए वादे कितनी शिद्दत से पूरे करते हैं? क्या वो पुनः अमेरिका को महान बना पाते हैं या नहीं? उसपर एक बार फिर पूरी दुनिया की नजर है.  

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