नवंबर में यदि डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव जीतते हैं,तो भले ही इससे ट्रंप समर्थकों को जश्न मनाने का मौका मिल जाए. लेकिन इस जीत से ब्रिटेन और ब्रिटेन में भी प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर को बड़ा झटका लग सकता है. ट्रंप वैंस कैम्पेन ने लेबर पार्टी पर अमेरिकी चुनाव में 'स्पष्ट विदेशी हस्तक्षेप' का आरोप लगाया है और लेबर सदस्यों द्वारा अपने डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी कमला हैरिस के लिए प्रचार करने की औपचारिक जांच की मांग की है. लेकिन क्या यह कुछ नया है या फिर ये टीम ट्रंप की ओर से महज एक पॉलिटिकल स्टंट है?
ध्यान रहे कि ट्रंप कैंप की बेचैनी इस बात को लेकर है कि वे लेबर को घरेलू अमेरिकी राजनीति में हस्तक्षेप करते हुए देखते हैं. दरअसल ये विवाद लिंक्डइन से वायरल हुई एक पोस्ट (जिसे अब हटा दिया गया है) के बाद शुरू हुआ.
लिंक्डइन पोस्ट में लेबर की ऑपरेशन्स हेड सोफिया पटेल ने कहा था कि वर्तमान और पूर्व के मिलाकर मेरे पास ऐसे 100 लोग हैं जो लेबर पार्टी के कार्यकर्ता है और ये सभी अगले कुछ दिनों में यूएस जा रहे हैं जिसके बाद ये लोग उत्तरी कैरोलिना, नेवादा, पेंसिल्वेनिया और वर्जीनिया का रुख करेंगे.
उत्तरी कैरोलिना को फोकस करती इस पोस्ट में कई बातें ऐसी और भी थीं, जिन्होंने विवाद खड़ा कर दिया. और उन्हें देखकर महसूस यही हुआ कि लेबर साफ़ तौर पर बाइडेन और हैरिस के साथ हैं. इस पोस्ट ने रिपब्लिकन को तीखी प्रतिक्रिया देने के लिए मजबूर किया.
पोस्ट को लेकर कुछ लोगों का ये तक कहना था कि लेबर पार्टी, सीधे सीधे हैरिस अभियान का समर्थन करते हुए उन्हें जिताना चाह रही है. ध्यान रहे, अमेरिकी कानून के अनुसार, विदेशी नागरिक कानूनी रूप से तब तक किसी अभियान के लिए स्वयंसेवक की भूमिका निभा सकते हैं. जब तक कि उन्हें भुगतान न किया जाए.
वहां फ़ेडरल इलेक्शन कमीशन विदेशी राष्ट्रीय स्वयंसेवकों को किसी भी अभियान की निर्णय लेने की प्रक्रिया में भाग न लेने के लिए भी सावधान करता है.
बहरहाल राजनेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा समान विचारधारा वाली पार्टियों से मिलने और उनका समर्थन करने का एक लंबा इतिहास रहा है. उदाहरण के लिए निगेल फरेज और लिज़ ट्रस दोनों ही डोनाल्ड ट्रम्प के मुखर समर्थक हैं और अतीत में रिपब्लिकन कार्यक्रमों में दिखाई दिए हैं.
इसके अलावा, लेबर पार्टी पारंपरिक रूप से डेमोक्रेटिक कन्वेंशन में एक प्रतिनिधिमंडल भेजती है जो नियमों के भीतर भी है, और क्लिंटन की चुनावी सफलता के बाद, ब्लेयर और ब्राउन दोनों 1990 के दशक में डेमोक्रेटिक अभियान सलाहकारों से मिलने के लिए वाशिंगटन गए थे.
टीम ट्रंप की ओर से फैलाए गए इस विवाद पर अपना पक्ष रखते हुए ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा है कि इस विवाद से अमेरिका और ब्रिटेन के बीच राजनीतिक तालमेल पर कोई असर नहीं पड़ा है.
उन्होंने इस बात पर बल दिया कि राजनीतिक दल हमेशा एक-दूसरे के साथ सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करते हैं.गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री लिज़ ट्रस और एलन मस्क जैसे मुखर समर्थकों - जिन पर खुद चुनावी कानून तोड़ने का आरोप है - ने लेबर पर अमेरिकी संघीय कानून तोड़ने का आरोप लगाया है.
बाकी अमेरिका के चुनावों को समझने वाले जानकार यही मान रहे हैं कि जैसे-जैसे चुनावों के दिन करीब आएंगे और ट्रंप और हैरिस के बीच की अदावत ऐसे तमाम बयान जारी कराएगी जिसका सीधा असर चुनावों पर पड़ेगा और वो दिलचस्प बनेंगे.
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